वडोदरा: ब्रह्माकुमारीज़ अटलादरा में 700 किसानों का प्राकृतिक यौगिक खेती सेमिनार आयोजित

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वडोदरा, गुजरात: हमारे कृषि प्रधान देश में स्वर्णिम भारत को साकार करने की परिकल्पना के साथ ब्रह्माकुमारीज़ के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग माउंट आबू के साथ जिला खेतीबाड़ी अधिकारी जिला पंचायत बड़ोदरा एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर आत्मा प्रोजेक्ट वडोदरा के संयुक्त प्रयास से 10 जून 2024 को भारतीय कृषि संस्कृति पर आधारित ‘प्राकृतिक यौगिक खेती’ विषय पर विशेष ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का आसपास के ग्रामीण किसानों को सहयोग एवं मार्गदर्शन के उद्देश्य के साथ आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भ्राता बी ए शाह जी कलेक्टर वडोदरा, ममता हिरपरा जी जिला विकास अधिकारी, मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारी गीता बहन जी, प्रवक्ता कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग माउंट आबू,  विशिष्ट वक्ता के रूप में कृषि एवं शोध अनुसंधानों में सक्रिय जयोडेक्स कंपनी के निदेशक भ्राता अजय भाई रांका, विशेष अतिथि  के रूप में जिला पंचायत कृषि अधिकारी भाई श्री नितिन भाई वसावा एवं आत्मा प्रोजेक्ट डायरेक्टर भ्राता जितेंद्र चारेल जी, बी.के.राजेश भाई दवे पूर्व जनरल मैनेजर नावार्ड एवं भ्राता महर्षि दवे जी फाउंडर डायरेक्टर फार्म बीज फाउंडेशन से उपस्थित रहे। 

कलेक्टर श्री बी ए शाह जी ने योगी एवं जैविक कृषि पद्धति को अपना कर देश और समाज के उत्थान में अपना विशेष योगदान देने के लिए किसान भाइयों से अनुरोध करते हुए कहा कि आस्था और श्रद्धा में भी किसान को सच्चा प्रभु सेवक माना गया है आप अपनी इस सेवा द्वारा एक स्वस्थ समाज और देश का निर्माण करने में अपनी महान भूमिका दे सकते हैं और केमिकल युक्त फसल से तेजी से बढ़ रही बीमारियों से समाज को बचा सकते हैं।

जयोडेक्स कंपनी के निदेशक भ्राता अजय भाई रांका ने नई बायोटेक पद्धति के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अब इस जैविक कृषि पद्धति द्वारा पहले साल से ही लाभ पूर्ण खेती की जा सकती है। साथ ही खेत की मिट्टी और फसल को विषैले कैमिकल्स के प्रभाव से गुणवत्ताहीन होने से बचाया जा सकता है क्योंकि कहीं ज्यादा केमिकल्स के उपयोग से मिट्टी की जैव शक्ति काफी हद तक काम हो चुकी है और मिट्टी कठोर होने लगी है और फसल में रसायनों का प्रभाव कई बीमारियों का कारण बन रहा है. इस क्रांतिकारी पद्धति को अपनाकर किसान भाई जय जवान जय किसान के नारी को जय जवान जय जैविक किसान के मंत्र में परिवर्तन करें। इस पद्धति से कृषि संबंधी समस्याओं को हल करने की उपयोगी जानकारियां भी सभी को दी।

ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने अपने वक्तव्य में कहा की यौगिक कृषि पद्धति में हम खेती के साथ साथ खेरूत (किसान) को भी सशक्त बनाते हैं क्योंकि जो किसान सबका भरण पोषण करता है अन्न की अतिरिक्त समाज को घी दूध फल आदि अमृत तुल्य चीज प्रदान करता है आज भ्रमित होकर खुद समाज सेवा से अर्जित किए गए उस धन से शराब बीड़ी आदि व्यसनों की चीजें खरीद कर तनाव और बीमारियां मोल ले रहा है ऐसे किसान भाइयों को आध्यात्मिक प्रशिक्षण द्वारा ऐसे बुरे संस्कारों से मुक्त कराकर मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं फिर कृषि की पारंपरिक और नवीन प्राकृतिक पद्धतियों के प्रयोग के साथ योग के सकारात्मक शक्तिशाली  प्रकम्पनों द्वारा बीज फसल और खेतों में ऊर्जा का संचार करते हुए उत्पादन में जो परिणाम प्राप्त करते हैं वह बहुत उत्साहवर्धक होते हैं योग कृषि पद्धति से जुड़े हुए कई किसान भाइयों का यह प्रत्यक्ष अनुभव है और सभी किसान भाइयों का हम इस कृषि पद्धति द्वारा सात्विक उत्पादन और श्रेष्ठ जीवन के लिए आह्वान कर रहे हैं।

कार्यक्रम में अटलादरा सेवाकेंद्र की निदेशक बीके डॉ अरूणा बहन जी ने अतिथियों एवं सभी किसान भाइयों का स्वागत एवं हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए सभी को सेवाकेंद्र पर निःशुल्क राजयोग सीखने हेतु आमंत्रित किया। इसके अतिरिक्त सभी गणमान्य अतिथियों ने अपने संबोधन में किसान भाइयों को यौगिक कृषि पद्धति अपनाने हेतु प्रेरित किया और हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया। 

कार्यक्रम में मंच पर नाटिका के द्वारा भी गांव से पलायन की वृत्ति को छोड़कर संस्कार सौहार्द पूर्ण ग्रामीण जीवन एवं कृषि के लिए किसान भाइयों को प्रेरक संदेश दिया गया। सेवाकेंद्र की सहनिदेशिका बीके पूनम बहन जी ने अतिथियों का सम्मान एवं कुशल मंच संचालन किया। 

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