लखीसराय, बिहार: ब्रह्माकुमारीज दिव्य प्रकाश भवन लखीसराय के द्वारा रक्षाबंधन के पूर्व अलौकिक रक्षाबंधन महोत्सव का कार्यक्रम बहुत ही भव्य एवं अलौकिक रूप से मनाया गया. इस विशेष मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में *बिहार के उपमुख्य मंत्री एवं खनन मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा,* डॉक्टर प्रवीण कुमार सिन्हा,*डॉक्टर विनीता सिन्हा जी , श्री संजय बांका जी ,गौतम कुमार वार्ड 16 पार्षद, एवं शहर के अन्य गण मन बिजनेसमैन उपस्थित हुए.
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज के द्वारा निरंतर मानवता के लिए प्रयास जो कर रहे हैं वह बहुत ही सराहनीय है. आज इस मौके पर उन्होंने मुझे यहां पर बुलाया इसके लिए मैं ब्रह्माकुमारीज का बहुत शुक्रगुजार हूं. साथ ही साथ उन्होंने कहा वास्तव में बिहार आध्यात्मिक ऊर्जा का वह स्रोत है जहां से ज्ञान भक्ति और मोक्ष तीनों का त्रिवेणी के रूप में यहां से ऊर्जा मिलती है और शक्तिपीठ के रूप में गया में जो माता का मंदिर दिखाया गया है वहां से हमें ऊर्जा मिलती रहती है. निश्चित रूप से जब तक हम अपने को भगवान के ज्ञान से नहीं जोड़ेंगे तब तक आत्मा के ऊपर जो मालीनता छाई हुई है आत्मा के ऊपर काम क्रोध लोभ अहंकार रूपी विकार जो प्रवेश कर गया है वह दूर नहीं हो सकता है.
उपमुख्यमंत्री जी ने आगे कहा कि अभी के समय में ब्रह्मकुमारी के द्वारा यह काम बहुत सुंदर रीति से पूरे विश्व में चल रहा है. साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि भगवान का ज्ञान हमें बुराई करने से रोकता है और आज माताएं अपने बच्चों की रक्षा जितिया के द्वारा और और एक पत्नी अपने पति की रक्षा तीज के रूप में और एक बहन अपने भाई की रक्षा रक्षाबंधन की रक्षा सूत्र बांधकर करती है. यह भारत भूमि इतना पवित्र भूमि है जहां से अलग-अलग पर्व त्यौहार हमें अनेक तरह के बुराई से रक्षक करवाता है तो आज इस मौके पर हम यहां पहुंचे हैं. तो मेरा यही शुभ भावना और शुभकामना है की सारी यहां पर जो भी बहने हैं उन सब का आशीर्वाद मिलते रहे ताकि हमारी रक्षा और समाज की रक्षा होती रहे. वर्तमान समय जो मानव के अंदर आज दुख है ऐसी घड़ी में जो ब्रह्मकुमारी के द्वारा आध्यात्मिक ज्ञान और योग सिखाया जाता है, उससे महिलाओं के अंदर बहुत परिवर्तन आया है और उसका यही पॉजिटिव व्यू उनके परिवार को खुशहाल रखने में मदद कर रहा है.
बेगूसराय ब्रह्माकुमारी इंचार्ज आदरणीय कंचन दीदी जी के पावन सानिध्य में यह महोत्सव मनाया गया. दीदी जी ने अपने वरदानी बोल में कहीं की रक्षाबंधन में हम रक्षा सूत्र जो बांधते हैं तो आखिर हमारी रक्षा किससे होनी है, हमारा शत्रु कौन है, तो वास्तव में वह शत्रु कोई और बाहर संसार में नहीं हमारे अंदर जो पांच विकार है. वही हमारा सबसे बड़ा शत्रु है और इस विकार रूपी शत्रु को दूर करने की ताकत संसार में किसी के पास नहीं है और वह ताकत सिर्फ परमात्मा से हमें मिल सकती है. इसलिए आज इस रक्षा सूत्र बंधवाने के पीछे यही एक मुख्य उद्देश्य है.