कला एवम संस्कृति प्रभाग के द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया

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रीवा,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा कला संस्कृति विभाग का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित 150 से अधिक कलाकारों ने इस सम्मेलन में सहभागिता की। विंध्य क्षेत्र के प्रमुख कलाकारों को राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया सम्मान।  रीवा प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय रीवा के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम संस्कृति की ओर वार्षिक कार्य योजना के तहत एक राष्ट्रीय सम्मेलन कला एवम संस्कृति प्रभाग के द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने कलाकारों ने अपनी सहभागिता की । जिसमें प्रमुख रुप से अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान से कला एवं संस्कृति प्रभाग, वा मधुर वाणी ग्रुप के संयोजक  राजयोगी ब्रह्माकुमार रमेश भाई जी ने शिरकत किया । वह कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप मेंउपस्थित रहे । इसके साथ इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ राजकुमार शर्मा राज, डॉ आरती तिवारी, डॉ विनोद तिवारी ,डॉ दिव्या धवन श्रीमती प्रवीण पटेल उपस्थित रहे ,कार्यक्रम की अध्यक्षता राजयोगिनी बीके निर्मला बहन  जोनल कोऑर्डिनेटर कला एवं संस्कृति प्रभाग भोपाल जोन ने किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता राजयोगी ब्रह्मा कुमार रमेश जी ने कहा कि कला वही है जो भला करे। कला ही मानव को देव बनाती है यह पावन कार्यक्रम कलाकार सृष्टि के रचयिता परमात्मा वर्तमान समय कर रहे हैं । कला ही ईश्वर की याद का सर्वोत्तम तरीका है ,कला ही मानव को महामानव बनाकर ईश्वर के समीप ले जाती है । कला वह जो रचनात्मक रूप बनकर आत्मा को परमात्मा से जोड़ दें यही सच्ची कला है ,स्वर्णिम काल की ओर ले जाने वाली मुख्य विधा है कला,इसलिए सभी कलाप्रेमी अपने उत्कृष्ट कला के द्वारा सृजनशीलता में दिव्यता और नैतिक मूल्यों का समावेश सर्वोच्च कलाकार परम कलाकार परमात्मा का नाम रोशन करें और इस संसार को स्वर्णिम युग की ओर परिवर्तन करने में अपना और अपने परिजनों की भाग्य का निर्माण करें ।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि तट राजकुमार शर्मा राज ने कहा कि मानवीय मूल्यों की आध्यात्मिक जीवन का बहुत महत्व है ,सभी कलाप्रेमी अपने अस्तित्व को पहचान कर ,सात्विक ,सदाचारी सृजनशील रचना का सृजन करें ,तो आदर्श समाज, स्वर्ण युग जैसा बन जाएगा। डॉ आरती तिवारी  ने अपनी चिर परिचित अंदाज में बेटियों के सम्मान में काव्य रचना का पाठ किया और कहा कि संपूर्ण समाज की आधारशिला है बेटियां कहीं कमजोर नहीं है हमारी बेटियां समाज की देश की भविष्य हैं। डॉ विनोद तिवारी और डॉ दिव्या धवनने समाज में कलाओं के पूर्ण उत्थान में अपने योगदान पर चर्चा की और कहा कि मूल्यों के निर्माण में कला का एक बहुत बड़ा योगदान कलाकारों का है इसी समाज श्रेष्ठा शायरी और महान बनेगा । रीवा इंटरनेशनल स्कूल की संचालिका डॉ श्रीमती प्रवीण पटेल ने कहा कि यह ईश्वरीय विश्व विद्यालय मानव में देवत्व लाता है । यहां की शिक्षाएं   मानव को देवी देवता देवी देवता जैसा बनाती हैं। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजयोगिनी में बीके निर्मला बहन  ने कहा यह संसार प्रारंभ में स्वर्णिम काल था और सही कलाकार मिलकर इस संसार को फिर से स्वर्ग  अवश्य बनाएंगे मुझे पूर्ण विश्वास है वा मेरी शुभकामनाएं हैं। बी के बिंदु बहन ने ब्रह्माकुमारी संस्थान का परिचय दिया एवं बीके निलेश श्रीवास्तव ने  परमात्म स्मृति का गीत प्रस्तुत किया । राजयोग मेडिटेशन  बीके अर्चना बहन वा बीकेनम्रता ने कराया। कला एवम संस्कृति के राष्ट्रीय आयोजन में विंध्य क्षेत्र के प्रमुख सभी विधा के कलाकारों को सम्मानित किया गया। जिसमें  नीलेश श्रीवास्तव,  रागिनी सिंह ,राजमणि तिवारी भोला ,रत्नेश गोस्वामी राजबीर तिवारी , रीति पाण्डे, शिव सिंह कुशवाह ,रामकृष्ण द्विवेदी ,ज्ञानेंद्र सिंह, सत्येंद्र त्रिपाठी, मार्तंडमणि पांडे ,प्रांजली वर्मा ,गुंजन शुक्ला, सुनील भारती, रोहित सेन ,प्रभाकर विश्वकर्मा ,साहिल दहिया ,मोहित सेन ,अंकुश पटेल, डॉ प्रवीर दुबे ,संजीव श्रीवास्तव ,राज किशोर शर्मा, शैलेंद्र त्रिपाठी , कुश श्रीवास्तव, दीपिका पटेल, दीक्षा गोस्वामी, आलोक दिक्षित ,बादल नट ,अनीता उपाध्याय , विपुल सिंह ,विनोद मिश्रा ,रामचंद्र वर्मा ,विजयलक्ष्मी मिश्रा ,राहुल मिश्रा  सहित विंध्य के प्रमुख कलाकारों को सम्मानित किया गया। सभी कलाकारों का आभार प्रदर्शन नीलेश श्रीवास्तव  ने किया।

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