शिक्षाविदों के सम्मेलन में देशभर से पहुंचे शिक्षाविद
आबू रोड,राजस्थान। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में शिक्षाविदों के सम्मेलन में संस्थान प्रमुख राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी ने कहा कि यदि नये भारत का निर्माण करना है। तो उसके लिए स्वस्थ एवं सशक्त भारत बनाना होगा। इसके लिए युवाओं को आध्यात्मिक शिक्षा और ज्ञान को जीवन में उतारना होगा। यह सम्मेलन मौजूदा वक्त में बहुत जरुरी हो गया है। वे सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर आशिवर्चन दे रही थी।
आगे उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान की शिक्षा मनुष्य को श्रेष्ठ मनुष्य बनाने के लिए अति उपयोगी और जरूरी है। राजयोग ध्यान से ही मनुष्य के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा। ब्रह्माकुमारीज की इस मूल्य आधारित शिक्षा से लाखों लोगों का जीवन बदला है। यह अपने आप में बहुत बड़ा उदाहरण है। यदि जीवन में आध्यात्म और राजयोग ध्यान होगा तो यह जीवन श्रेष्ठ बन जायेगा।
कार्यक्रम में हेमचन्द्राचार्य उत्तर गुजरात यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ केसी पोरिया ने कहा कि आज के युवाओं का विश्वविद्यालयों और कालेजों में युवाओं में तेजी से नशे की लत बढ़ रही है। ऐसे में उन्हें मजबूत और सशक्त बनाने के लिए आध्यात्मिक शिक्षा की अति आवश्यकता है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान के इसके लिए शानदार पहल कर रहा है। इसका लाभ लेना चाहिए।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सूचना निदेशक बीके करुणा तथा शिक्षा प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीके मृत्युंजय ने कहा कि आज सभी का परमात्मा के घर में आना ही शिक्षा में नयी क्रांति का प्रतीक है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसे आगे बढ़ाना है। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षा प्रभाग की राष्ट्ीय उपाध्यक्षा बीके शीलू, मुख्यालय कोआर्डिनेटर बीके शिविका ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में हेमचन्द्राचार्य उत्तर गुजरात यूनिवर्सिटी पाटन के रजिस्ट्रार, डॉ रोहित देसाई,प्रभाग की नेशनल कोआर्डिनेटर बीके सुमन, डॉ सीवी रमन यूनिवर्सिटी भगवानपुर के डीन डॉ धर्मेन्द कुमार समेत कई लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा प्रभाग की बीके सुप्रिया ने किया।