इंदौर,मध्य प्रदेश। पितृपक्ष के अवसर पर अपने पूर्वजों को मुक्ति व शांति देने के लिए शिक्षक नगर सेवा केंद्र पर संत स्नेह मिलन व पितृ मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें धार्मिक प्रभाग के जोनल कोऑर्डिनेटर ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने बताया की पितरों को ,भटकी हुई आत्माओं को शांति देना, शक्ति देना यह हम पूर्वजों का मुख्य कर्तव्य होता है। परमात्मा से अपना बुद्धि योग लगाकर हमारे पूर्व जन्मों के आत्माओं के साथ जो भी हिसाब किताब है उनकोमुक्ति करने के लिए उनको शांति व शक्ति की प्राप्ति कराकर बंधनों से मुक्त हो सकते हैं।
इस अवसर पर अखंड धाम के स्वामी वासुदेव जी महाराज ने बताया की पितृ का पितृपक्ष इसलिए रखा जाता है कि हमारे कई आत्माओं के साथ पाप कर्म, उल्टे कर्मों का हिसाब रह जाता है जिस कारण पितृ मुक्त नहीं हो पाए । उनको मुक्ति देने के लिए दान करना चाहे स्थूल व सुक्ष्म में दान करें तो उन आत्माओं को तृप्ति का अनुभव होता है। पितृ मुक्ति तभी पा सकते जब हम उनके निमित्त दान करें। सेवा केंद्र संचालिका दीपिका बहन ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया की ब्राह्मणों को भोजन करना सबसे सर्वश्रेष्ठ दान व कर्तव्य होता है। इस अवसर पर आप सभी पवित्र आत्माएं भगवान के घर में पधारी। आप सभी ब्रह्मा भोजन करके पितरों को मुक्ति का दान दें आप पवित्र आत्माएं हैं आपको भगवान भी याद करता है तो आपके संकल्प, श्रेष्ठ भावनाएं पितरों को शांति प्रदान करेंगे। इस अवसर पर कई अन्य संत ने भी अपने विचार रखें। ब्रह्माकुमारी सारिका बहन ने सभी संतों का स्वागत साल व श्रीफल देकर किया। 11 संतो को सेवा केंद्र पर आमंत्रित किया गया।