नडियाद, गुजरात | पांच दिवसीय राजयोग शिविर तथा दिनांक 26 सितंबर को सेवा ही परमोधर्म व सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत मुंबई से पधारे में मोटिवेशनल स्पीकर ई वी गिरीश भाईजी ने समाजसेवियों को दो प्रकार के दान के बारे में बताया कि समाज में रहते हुए हम कई प्रकार के दान करते हैं, लेकिन इस दान के साथ दो दान हमें अवश्य करना चाहिए, पहला स्वयं को दान करना अर्थात स्वयं के लिए समय निकालना और परमात्मा से शक्ति लेकर स्वयं को चार्ज करें और चिंतन करें कि मैं आत्मा शांत स्वरूप, आनंद स्वरूप और प्रेम स्वरूप हूँ, यही वाइब्रेशन पूरे विश्व में फैलाए यही सबसे बड़ी सेवा है। दूसरा ईश्वर को दान करना अर्थात सदा हमने ईश्वर से कुछ न कुछ मांगा है दिया कुछ नहीं। ईश्वर को दान देने के लिए हमारे अंदर जो भी विषय-विकार हैं, बुराइयां हैं वह हमें दान करना है। तभी स्वयं का और समाज का कल्याण स्वत होगा।
शिविर की अंतर्गत 500 लोगों ने लाभ लिया। सम्मान समारोह कार्यक्रम में 400 लोगों की उपस्थिति में नडियाद के 25 विशिष्ट समाजसेवियों का सम्मान किया गया। माउंट आबू से पधारे बी के अवतार भाई जी (राष्ट्रीय संयोजक- समाज सेवा प्रभाग) ने सभी समाजसेवियों को बताया की सेवा पुरातन काल से विभिन्न रूप से चली आ रही है, लेकिन वर्तमान समय समाज में विसंगति बढ़ने के कारण काम-क्रोध जैसी बुराइयां मानव की बुद्धि मलिन कर रही है। जब मानवीय विचारधारा दूषित हो गई तो एक नई सेवा की आवश्यकता हुई और वह सेवा है मनुष्य को ईश्वरीय ज्ञान और दिव्य गुणों की धारणा से वैचारिक परिवर्तन लाना और महान परिवर्तन को लाने के लिए परमात्मा ने एक ऐसा संगठन स्थापित किया जिसका नाम प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय है और इसमें 20 विंग बने हुए हैं जिसमे हर वर्ग से जुड़े हुए लोगों की निस्वार्थ भाव से की जाती है। इसमें से एक विंग समाज सेवा प्रभाग है जो 38 वर्षो से समाज में आध्यात्मिकता से आत्मा में ज्योति जगाने का सतत प्रयास करता आ रहा है।
बी के पूर्णिमा दीदी (जोनल कोऑर्डिनेटर समाज सेवा प्रभाग, गुजरात ) ने बताया कि वर्तमान समय परमात्मा हमें वह ज्ञान और ताकत दे रहा है जिससे मनुष्य की वैचारिकता और कर्मों में सकारात्मक परिवर्तन आए। ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो सदा काल के लिए हमें शांति दे सके लेकिन परमपिता परमात्मा से शक्ति प्राप्त करने से परिवर्तन सहज हो जाता है। ऐसा भारत जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती थी बसेरा उसकी पुनर्स्थापना परमपिता परमात्मा शिव कर रहे है और यह तभी संभव है जब हम नियमित राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करें। बी के बीरेंद्र भाई जी (मुख्यालय संयोजक- समाज सेवा प्रभाग) ने समाज को एक नई दिशा देने के लिए सभी समाजसेवियों को प्रतिज्ञा करवाई।
बी के विपिन भाई ने मंच पर उपस्थित सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। बिपिन चंद्र शाह (मेंबर ऑफ़ कॉमर्स) ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा जो समाज सेवा का काम किया जा रहा है यह बहुत ही सहरानीय है, हम सभी को इस बात की खुशी है की गिरीश भाई ने जो पांच दिवसीय राजयोग शिविर में हम सभी को जो बातें बताई उन बातों से सभी को सकारात्मक जीवन जीने की एक प्रेरणा मिली है। ऐसे शिविरों का आयोजन समय प्रति समय किया जाना चाहिए।
आदरणीय बी के अवतार भाई जी, बी के पूर्णिमा दीदी, बी के बीरेंद्र भाई, बी के विपिन भाई ने नडियाद के विशिष्ट समाजसेवियों को मोमेंट ,उपरना और स्लोगन फ्रेम देकर सभी को सम्मानित किया। बी के अस्मिता और बी के प्रविणा ने कुशलता पूर्वक मंच संचालन किया।