ऐरोली:प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ और पटेल समाज द्वारा संयुक्त रूप से “समस्या आपकी, समाधान हमारा” विषय पर एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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मुंबई-ऐरोली महाराष्ट्र। कार्यक्रम 2 अक्टूबर को ऐरोली स्थित लेवा पाटीदार समाज हॉल में आयोजित हुआ, जिसमें समाज सेवा के 1600 भाई-बहनों की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री भचुभाई धरमशी आरेडिया (सामाजिक अग्रणी, श्री कच्छ वागड लेवा पाटीदार समाज), श्री मेघज भावजी चौधरी (मैनेजिंग ट्रस्टी, श्री कच्छ वागड लेवा पाटीदार कन्या छात्रालय, रापर), श्री करमण लीरा वेरात (प्रमुख, श्री कच्छ वागड लेवा पाटीदार बोर्डिंग, भनाउ) जैसे सम्माननीय व्यक्तित्व उपस्थित रहे। इसके अलावा, श्री मादेवा गणेशा राविया (मैनेजिंग ट्रस्टी, श्री कच्छ वागड अखिल भारतीय लेवा पाटीदार समाज), श्री मुरनी कानजी मणोहरा (नगरसेवक, एमआईडीसी अंधेरी, मुंबई), और श्री प्रेमजी वेलजी मिणात (डायरेक्टर, जयदीप भवन) भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने।

प्रोफेसर गिरीष भाई ने कार्यक्रम के मुख्य विषय पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि जीवन में चाहे कितनी भी चुनौतियां आएं या पारिवारिक समस्याएं उत्पन्न हों, हमें अपने मन को शांत रखते हुए समस्याओं का सामना करना चाहिए। उन्होंने राजयोग की विधि समझाते हुए बताया कि कैसे इसके अभ्यास से हम हर समस्या पर विजय प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में खुशहाली ला सकते हैं।

श्री भचुभाई धरमशी आरेडिया ने “ओम शांति” के महामंत्र की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि आज के युग में, इस आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग का अभ्यास जीवन को समाधानमूलक बनाने में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संस्था और इसके मुख्यालय में आकर आत्मिक शांति का अनुभव होता है और सभी को एक बार इस अनुभव का लाभ अवश्य लेना चाहिए।

श्री महेता गणेशा राविया ने ब्रह्माकुमारी संस्था की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था पटेल समाज के भाई-बहनों में आध्यात्मिकता का बीज बोने और परमात्मा से जोड़ने का एक सराहनीय कार्य कर रही है, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

आदरणीय ब्र.कु. मीना दीदी (संचालिका, ऐरोली सेवाकेंद्र) ने “जीवन जीने का सही तरीका” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए बताया कि स्वयं की वास्तविकता को पहचानना और परमात्मा शिवबाबा से जुड़े रहना ही जीवन को सरल बनाने का मार्ग है। उन्होंने इस आध्यात्मिक जुड़ाव के माध्यम से जीवन की हर कठिनाई को सरलता से पार करने की प्रेरणा दी।

ब्र.कु. हर्षा बहन (लोखंडवाला, अंधेरी) ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस संस्था में आकर हमें कुछ त्यागने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि संसारिक जीवन में रहते हुए परमात्मा को याद करना है और यही राजयोग का सार है।

आदरणीय ब्र.कु. गीता दीदी (राष्ट्रीय वक्ता) ने राजयोग के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे समस्याओं को ‘लेट गो’ करना चाहिए और भोजन का हमारे मन और परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जीवन में सकारात्मकता को धारण करने और नकारात्मकता को दूर करने की प्रेरणा देते हुए एक सुंदर गतिविधि करवाई, जिससे श्रोतागण अत्यधिक प्रभावित हुए।

आ. राजयोगी ब्र.कु. सूरज भाई और ब्र.कु. रूपेश भाई (माउंट आबू) ने प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया, जिसमें दर्शकों के जीवन, भक्ति और संस्था से जुड़े प्रश्नों का समाधान दिया गया।आ.ब्र.कु. सूरज भाई ने आंतरिक शक्तियों को जगाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे किसी भी प्रकार की समस्या का हल संभव हो सके। राजयोग कॉमेंट्री के माध्यम से सभी को आत्मिक शांति का अनुभव कराया गया।

कार्यक्रम के अंत में आ.ब्र.कु. भारती बहन संचालिका, गांधीधाम सेवाकेंद्र  ने आशीर्वचन देते हुए कहा कि जीवन एक खेल है, जिसमें समस्याएं और अशांति तो आनी ही हैं, परंतु उनके पीछे छिपी अच्छाइयों को पहचानना चाहिए। आत्मिक स्थिति का अभ्यास कराते हुए उन्होंने आत्मिक शक्तियों को महसूस करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के समापन पर ब्र.कु. राघवजी भाई ने आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम के बाद सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई, जिसमें कई लोगों ने ब्रह्मा कुमारी सेंटर जाकर राजयोग का 7 दिन का कोर्स करने की  प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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