झोझूकलां (हरियाणा): राजयोग मेडिटेशन के नियमित अभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है एकाग्र मन सकारात्मक व सही निर्णय लेता है। स्मरण शक्ति बढ़ाने में एकाग्रता रामबाण का काम करती है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की झोझूकलां शाखा व समाज सेवा प्रभाग द्वारा डीएसएम पब्लिक स्कूल असावरी मे “एकाग्रता” विषय पर आयोजित सेमिनार में मुंबई से पधारे अंतर्राष्ट्रीय प्रख्यात प्रवक्ता प्रोफेसर ई.वी. गिरीश ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारी मानसिक व सामाजिक समस्याओं का समाधान एकाग्रता में ही समाया है। प्रोफेसर गिरीश ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एकाग्र मन से कम समय मे अधिक कार्य कर सकते हैं। उन्होंने बच्चों को कहा कि जब भी अध्ययन करें तो एकाग्र मन से ही करें कम समय में अधिक याद कर सकते हैं। उन्होंने कहा की एकाग्रता वास्तव में वह शक्ति है जो हमें सकारात्मक चिंतन करने और अंतरिक्ष शक्तियों का विकास करने में मदद करती है।
इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों के साथ प्रश्न उत्तर के माध्यम से विभिन्न समस्याओं का समाधान एकाग्रता के द्वारा सहज करने के तरीके बताए। इस अवसर पर माउंट आबू राजस्थान से पधारे समाज सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीरेंद्र भाई ने कहा कि सभी सामाजिक समस्याओं का समाधान एकाग्रता में ही निहित हैं। झोझूकलां क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने कहा कि हमें हर रोज कुछ समय स्वचिंतन के लिए अवश्य निकालना चाहिए इसके लिए मेडिटेशन बहुत जरूरी है। विद्यालय निदेशक अरुण सांगवान ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा सिखाया जाने वाला मेडिटेशन एकाग्रता बढ़ाने में रामबाण का काम करता है। इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य सुखबीर सांगवान निदेशक अरुण सांगवान तथा सभी स्टाफ सदस्यों ने प्रोफेसर गिरीश, बीके बीरेंद्र, ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया वहीं ब्रह्माकुमारीज झोझू शाखा की तरफ से निदेशक अरुण सांगवान को सम्मानित किया गया।