आबू रोड, राजस्थान। प्राणप्यारे अव्यक्त बापदादा के अनमोल रत्न, सदा यज्ञ सेवा में तत्पर, सदा गम्भीरता की मूर्त, शान्तचित, पिछले 42 वर्षों से समर्पित रूप से बाबा के मधुबन घर में विशेष जल विभाग में अपनी सेवायें देने वाले, हम सबके स्नेही शम्भु भाई, अपनी 65 वर्ष की आयु पूरी कर 1 नवम्बर 2024 सवेरे 3 बजे अचानक हार्ट अटैक आने से बापदादा की गोद में चले गये। आपने 1976 में फरीदाबाद सेवाकेन्द्र से ज्ञान प्राप्त कर बेहद यज्ञ में समर्पित हो गये, कुछ समय से आपको शुगर की तकलीफ रहती थी। वर्तमान समय आप शान्तिवन में ही रहकर सेवायें दे रहे थे। 31 तारीख शाम के समय विशेष योग करवाया, ज्ञान मोती भवन में सभी वरिष्ठ बहिनों की दृष्टि टोली ली। लेकिन सबेरे अमृतवेले अचानक का पाठ पढ़ाते हुए अव्यक्तवतन वासी बन गये।
उनके लौकिक अलौकिक परिवार के सदस्यों के पहुंचने के पश्चात 4 नवम्बर 2024 को मधुबन के चारों धामों की यात्रा कराते हुए, आबूरोड के मुक्तिधाम में सर्व ब्राह्मण परिवार की स्नेह श्रधाजलि के साथ आपको अन्तिम विदाई दी जायेगी। ऐसी सदा मधुर भाषी, मिलनसार, सर्व की स्नेही आत्मा को विशेष सभी योग की सकाश देना जी।