मुंबई-मुलुंड,महाराष्ट्र: समारोह में एकता, ज्ञान और आनंद का समावेश था। दीप प्रज्वलन समारोह ने अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया।
डॉ. मोनिशा रावत ने “बिना दवाइयों के बीमारी से मुक्ति” पर व्याख्यान दिया। गोदावरी दीदी ने साहस, उत्साह और आनंदित ऊर्जा के महत्व पर प्रकाश डाला। ध्यान सत्र ने आंतरिक शांति प्रदान की। सामुदायिक भोजन ने एकता और स्नेह को बढ़ावा दिया। समारोह में विविधता और समावेशन का जश्न मनाया गया। मुलुंड उपक्षेत्र के शिक्षकों ने कई भाषाओं में दिवाली की शुभकामनाएं दीं। उपस्थित लोगों ने मिलकर दीप प्रज्वलित किए। केक कटिंग समारोह में मिठास और एकता का अनुभव हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत मुरली वाचन और भोग अर्पण से हुई। पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियों ने मनोरंजन किया। समारोह का उद्देश्य आध्यात्मिक चिंतन और एकता को बढ़ावा देना था। ब्रह्माकुमारीज ने भीतर के प्रकाश और सामुदायिक मूल्यों पर जोर दिया। उपस्थित लोगों ने प्रेमपूर्वक तैयार किए गए शाकाहारी व्यंजनों का आनंद लिया। समारोह में स्वास्थ्य के समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया गया। समारोह का समापन सामुदायिक भोजन के साथ हुआ।