हमें क्रांति हथियारों से नहीं बल्कि विचारों से लाना है-महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी
छतरपुर,मध्य प्रदेश। ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा बागेश्वर धाम महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी द्वारा निकाली गई हिंदू एकता पदयात्रा में शास्त्री जी एवं अन्य संतों का सम्मान महाराजा छत्रसाल की धरनी छतरपुर से एक लय में गूंज उठी जाति- पाति के भेद हटाने, अखंड भारत का सपना साकार करने और हथियारों से क्रांति की बजाय श्रेष्ठ विचारों से क्रांति लाने की बात। सुर्खियों में छाया हुआ छतरपुर मध्यप्रदेश जो धार्मिक स्थल बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी की जन्मस्थली और अनेकों की आशाओं को पूर्ण करने वाला पवित्र स्थल है। महाराज धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के द्वारा विशाल हिंदू एकता पदयात्रा जो 21 नवंबर से 29 नवंबर 2024 तक छतरपुर बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार ओरछा तक 160 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस यात्रा का उद्देश्य जाति-पाति का भेद मिटाना और खंड-खंड हुए भारत को अखंड राष्ट्र बनाने के लिए सभी को एकजुट करना, और जो धर्म जाति के नाम पर बंटकर भटक रहे हैं उन सबको अपनी भारतीय संस्कृति देव संस्कृति से अवगत कराना है।
इस यात्रा के तृतीय दिवस छतरपुर स्थित पेप्टिक टाउन में विश्राम स्थल से प्रातः यात्रा के रवाना होने के पहले मंचीय कार्यक्रम जिसमें महाराज जी ने सभी को संबोधित किया और संगठन में सबने मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ किया तत्पश्चात भगवां ध्वज के साथ तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान किया। इस कार्यक्रम में यात्रा के रवाना होने के पूर्व कार्यक्रम स्थल पर तिरंगा फहराने की जिम्मेदारी के लिए जो समिति गठित की गई जिसमें समाजसेवी शंकर लाल सोनी, सुरेश बाबू खरे, वरिष्ठ व्यापारी असाटी जी सम्मिलित है उनके द्वारा ब्रह्माकुमारी बहनों को आमंत्रित किया गया और ब्रह्माकुमारीज़ के द्वारा तिरंगे के साथ भारत माता और बजरंगबली की सुंदर झांकी लगाई गई। बीके रमा, बीके रीना एवं अन्य बहनों द्वारा शास्त्री जी का अंग वस्त्र, तिलक एवं प्रभु प्रसाद देकर सम्मान किया गया और यात्रा के शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न होने की प्रार्थना की गई और यात्रा के पश्चात महाराज जी को सेवाकेंद्र आने का निमंत्रण दिया। महाराज जी ने भी बहनों से कुशलक्षेम पूछी और यात्रा के अंतिम पड़ाव ओरछा में आने के लिए कहा। इस मौके पर छतरपुर ब्रह्माकुमारीज़ के सैकड़ो सदस्यगण उपस्थित रहे।