नवापारा( राजिम): श्रीराधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ

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श्रीमद्भागवत गीता परमात्मा का उपदेश  ही नही अपितु जीवन पद्धति का सार है – योगशक्ति भारती दीदी

नवापारा के श्रीराधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में ब्रह्माकुमारीज़ की श्रीमद्भागवत कथा सुनने लगी लोगो की भीड़

शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रातः मेडिटेशन के साथ – साथ संगीत मई प्राणायाम योगा का आयोजन लाभ लेने पहुचे नगरवासी

नवापारा( राजिम),छत्तीसगढ़: श्रीमद् भागवत गीता सर्व शास्त्रमय शिरोमणि है, जिसमें परमात्मा के महावाक्य उच्चारित है। अर्जुनभाव, आस्था व विश्वास रूपी साधन को साथ लेकर गीताज्ञान यज्ञ की यात्रा करें।  पांडवों की परमात्मा से प्रीत बुद्धि थी, इसलिए उनकी विजय हुई। वही कौरवों की परमात्मा से विपरीत बुद्धि थी, इसलिए उनका विनाश हुआ।

प्रयाग राज ( राजिम) के नवापारा नगर स्थित श्रीराधाकृष्ण मंदिर प्रांगण में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान यज्ञ के शुभारंभ में कथावाचक राष्ट्रीय वक्ता योग शक्ति भारती दीदी जी ने उक्त बातें कही। उन्होंने पांच पांडव का अर्थ बताते हुए कहा कि अर्जुन अर्थात जिसके मन में अर्जन करने का भाव हो। युधिष्ठिर जो युद्ध जैसी परिस्थिति में भी स्वयं को स्थिर बनाने वाला, सहदेव अर्थात धार्मिक कार्य में अपना सहयोग देने वाला। भीम, शक्तिशाली मनोबल वाला,वही नकुल अर्थात अच्छी व श्रेष्ठ बातों की नकल करने वाला प्रतीक है ,जिसे जीवन में इन बातों को धारण करना है। तब ही हम सच्चे अर्थों में पांडव कहलाएंगे।

कथा के प्रथम दिवस श्रीमद्भागवत गीता का अपनी मुखारवृन्द से श्रद्धालुओं ओ कथामृत पान कराते कथावाचक योगशक्ति भारती दीदी ने कही की लौकिक दृष्टि से जाने तो द्वापर युग मे हुए महाभारत की युद्ध भूमि से उपजा एक ऐसा ग्रन्थ माना जाता है ,जो श्रीकृष्ण के श्रीमुख से अर्जुन को दी गई सीख के रूप में चर्चित है।जबकि अलौकिक दृष्टि से जाने तो वह परमपिता परमात्मा जो सुखों का सागर है,आंनददाता है,कल्याणकारी है,मंगलकारी है,शांति ,प्रेम,सदभाव, अपनत्व का धनी है ,कैसे अपने ही बच्चों को आपस मे लड़ाने,मारकाट करने ,हत्या करने के लिए प्रेरित कर सकता है।वास्तव में परमात्मा द्वारा रचित महाभारत युद्ध दो परिवारों के बीच हिंसक युद्ध नही था,बल्कि विकारों पर विजय प्राप्त करने के लिए विकारों के विरुद्ध लड़ा गया युद्ध था,ताकि काम,क्रोध,मोह,लोभ और अहंकार को समाप्त कर निर्विकारी दुनिया की रचना हो सके। महाभारत में ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति परमानन्द पा जाता है। इस गीता ज्ञान को अर्जुन के अलावा धृतराष्ट्र व संजय ने भी सुना था।जबकि अर्जुन से पहले सूर्यदेव ने यह ज्ञान प्राप्त किया  आगे दीदी ने बताई की पुराणों,वेदों और उपनिषदों की माने तो अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक महाभारत कुरुक्षेत्र की भूमि पर हुआ था,लेकिन अपनो का अपनो के ही विरुद्ध युद्ध कैसे धर्म युद्ध माना जा सकता है।महाभारत के सूत्रधार योगीराज श्रीकृष्ण क्यो अपनो से ही अपनो को युद्ध के लिए प्रेरित करते और उनके मुख से परमात्मा ही क्यो गीता का उपदेश देकर उक्त युद्ध होने देते?सच यह है कि जो परमात्मा हमारा पिता है,जो परमात्मा हमारा सद्गुरु है ,जो परमात्मा हमारा हमारा शिक्षक है,वह हमें क्यो अपनो के ही विरुद्ध युद्ध करने के लिए आत्मा के अजर अमर होने का रहस्य समझाएंगे।वास्तविकता यह कि यह युद्ध अपनो ने अपनो के विरूद्ध किया ही नही ,बल्कि अपने अंदर छिपे विकारो के विरुद्ध यह युद्ध लड़ने की सीख दी गई।यानि हमारे अंदर जो रावण रूपी,जो कंस रूपी, जो दुर्योधन रूपी ,जो दुशासन रूपी काम,क्रोध, अहंकार, मोह,लोभ छिपे है, उनका खात्मा करने और हमे मानव से देवता बनाने के लिए गीता रूपी ज्ञान स्वयं परमात्मा ने दिया ।इसी ज्ञान की आज फिर से आवश्यकता है। दीदी ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता मात्र परमात्मा का उपदेश नही है अपितु यह जीवन पद्धति का सार भी है।यह मानव में व्याप्त विभिन्न रोगों के उपचार की पद्धति है तो जीवन जीने की अदभुत कला का सूत्र भी।श्रीमदभागवत के अठारह अध्यायों में ज्ञान योग,कर्म योग,भक्ति योग का समावेश है जिससे लगता है मां सरस्वती स्वयं प्रकट होकर अज्ञान रूपी तमस को समाप्त कर ज्ञान रूपी सूर्य का उदय करती है।गीता ज्ञान केवल भारतीय जनमानस के लिए ही हो ऐसा कदापि नही है बल्कि यह सम्पूर्ण संसार का एक ऐसा दिव्य व भव्य ग्रन्थ है जिसे स्वयं परमात्मा ने रचा है। कथा सुनने नगर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से लोगो की भीड़ जुटने लगी है। आयोजक ब्रह्माकुमारी संस्थान की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी पुष्पा दीदी ने बताई की कथावाचक ब्रह्माकुमारी भारती दीदी म्यूजिकल एक्सरसाइज के माध्यम से विभिन्न बीमारियों की रोकथाम ,मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए राजयोग के साथ-साथ प्राणायाम योगा की विधि बतायेंगी प्रातः 6.00 से 7.00 बजे तक स्वास्थ्य लाभ लेने नगरवासियों से अपील की है।

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