रीवा: विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र पर विशेष आयोजन

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रीवा, मध्य प्रदेश। 21 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सेवा केंद्र और इंदिरा नगर सेवा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख अतिथि, अधिकारी, शिक्षाविद, और साधक उपस्थित हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य ध्यान के महत्व को समझाना और इसके व्यावहारिक लाभों का अनुभव कराना था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता रीवा सेवा केंद्र की संचालिका बीके निर्मला दीदी ने की। उन्होंने अपने संबोधन में ध्यान की गहराई और आत्मा की शांति के महत्व पर प्रकाश डाला। निर्मला दीदी ने बताया कि ज्ञान और समझ के माध्यम से आत्मा को शांति प्राप्त हो सकती है और भगवान के साथ बुद्धि योग लगाने से जीवन की अनेक समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। उन्होंने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को ध्यान का अभ्यास भी कराया, जिससे सभी को गहरा लाभ प्राप्त हुआ।

मुख्य अतिथि एमके धौलपुर, रीवा के जिला खेल अधिकारी (डीएसओ), ने अपने विचार साझा करते हुए बताया कि ध्यान न केवल व्यक्तिगत जीवन में शांति और संतुलन लाता है, बल्कि खेलकूद और अन्य गतिविधियों में भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने पहला दोहरा शतक लगाया था, तो उससे एक दिन पहले उन्होंने विशेष ध्यान का अभ्यास किया था। यह घटना ध्यान की शक्ति और महत्व को स्पष्ट करती है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों के रूप में रामसुंदर द्विवेदी (कवि), आशीष खरे (गीतकार), दीपक तिवारी ( सील शुक्ला और गीता दीदी (पूर्व प्राध्यापक), तथा बीके प्रमोद भाई (बीएसएनएल के पूर्व सहायक अधिकारी) उपस्थित थे। इनके साथ अनेक वरिष्ठ नागरिक, अधिकारी, और ब्रह्माकुमारी संगठन के भाई-बहन भी शामिल हुए।

कार्यक्रम के दौरान बहन काजल ने विद्यार्थियों के जीवन में ध्यान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि ध्यान एकाग्रता बढ़ाने और सफलता के मार्ग को सुगम बनाने में सहायक है। उन्होंने ध्यान को विद्यार्थियों और युवाओं के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।

इस आयोजन का संचालन  जाने माने गायक निलेश श्रीवास्तव ने किया। अपनी रचनात्मक शैली और कुशल वक्तृत्व कला से उन्होंने पूरे कार्यक्रम को एक सूत्र में बांधकर रखा और सभी प्रतिभागियों को समान महत्व प्रदान किया। उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ा दिया।

कार्यक्रम में ध्यान का व्यावहारिक अनुभव कराते हुए सभी को आत्मिक शांति और आंतरिक संतुलन का अनुभव कराया गया। यह आयोजन रीवा के ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र के लिए ऐतिहासिक बन गया, क्योंकि यह पूरे विश्व में मनाए गए पहले विश्व ध्यान दिवस का हिस्सा था।

यह कार्यक्रम न केवल एक आयोजन था, बल्कि ध्यान के महत्व को समझने और जीवन में उतारने का प्रेरणास्रोत भी था। इसने यह सिद्ध किया कि ध्यान केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और सामूहिक विकास का भी महत्वपूर्ण साधन है।

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