नवापारा राजिम ,छत्तीसगढ़: जीवन आपके हाथ में नहीं है, लेकिन इसे खूबसूरत बनाना आपके हाथ में है।जब चाहत आपकी है तो कोशिश भी आपकी ही होनी चाहिए। जब पहुंचना आपको है तो यात्रा भी आपकी ही होनी चाहिए।जीवन की यह यात्रा सरल नहीं है इसमें संघर्ष और परीक्षाएं भी हैं। ऐसे में स्वयं को हर स्थिति-परिस्थिति में सजग और संतुलित रखना वास्तव में एक कला है
प्रतिदिन जीवन में किया गया हर एक कार्य, सोल (आत्मा) और रोल (भूमिका) के एक साथ मिल कर काम करने से संभव होता है। हालाँकि, यह एक आध्यात्मिक तथ्य है कि आत्मा ही मालिक है और रोल को क्रियान्वित करती है। आत्मा के बिना रोल कार्य नहीं कर सकता, फिर भी अपने दैनिक जीवन में कोई भी रोल/ भूमिका निभाते समय हम इस तथ्य को भूल जाते हैं और हमारा पूरा ध्यान, निभाये जाने वाले रोल पर ही रहता है और आत्मा की महत्ता को भूलकर, हम अपने जीवन में उस रोल की सफलता की संभावना को भी कम कर देते हैं। जब हम आत्मिक स्थिति में स्थित होकर सजग होकर जागृत होकर कार्य करते हैं तो कार्य की सफलता सत प्रतिशत निश्चित हो जाती है। हमारी आंतरिक शक्तियों चारों ओर फैल कर नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करके सफलता के द्वार खोल देती है। क्रिसमस डे का अर्थ है कि आप किस्मत बनाने के लिए किस मत पर चल रहे हैं। यदि आप भगवान की मत पर चलते हैं तो इससे बड़ी खुशी की बात हो नहीं सकती है कि आपका जीवन कभी भी निराशा के अंधकार में डूब नहीं सकता है। किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं। यह विचार इंदौर से पधारे जीवन जीने की कला के प्रणेता ब्रह्मा कुमार नारायण भाई ने ओम शांति कॉलोनी में स्थित ब्रह्माकुमारी सभागृह में क्रिसमस डे के अवसर पर नगर वासियों को संबोधित करते हुए बताया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी पुष्पा बहन ने सबको शुभकामनाएं देते हुए बताया की परमात्मा एक साधारण मानव तन का आधार लेकर हमको अपनी स्वयं की पहचान देते हैं कि आप देह नहीं बल्कि देह को चलाने वाली एक आत्मा है यही सत्य ज्ञान किस्मत का पिटारा खोल देते हैं। इसीलिए परमधाम रहने वाले पारब्रह्म परमेश्वर को सांता क्लाज के रूप में दिखाते हैं वही मानव कल्पवृक्ष का बीज रूपसृष्टि के अंत में आकर सृष्टि के आदि मध्य अंत का ज्ञान देकर ऐसे रहस्य खोलते हैं जिससे मानव देव आत्मा बन जाती है। इसीलिए क्रिसमस डे वर्ष के अंत में मनाया जाता है और ट्री के रूप में जगमगाते सितारे दिखाये जाते हैं यह आत्मा की ज्योति जगाने का प्रतीक दिखाया गया है। अन्त मे सभी को राजयोग अभ्यास गहन शांति के लिए कराया गया। सभी को मिठाई बांटी गई।