विज्ञान एवं आध्यात्म के मिलन द्वारा ही सुरक्षित भविष्य का निर्माण संभव है – बीके भारत भूषण भाई जी
छतरपुर,मध्य प्रदेश। सुरक्षित एवं टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान तकनीकी एवं अध्यात्म के संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है विज्ञान हमें जीवन की नई दिशा देता है महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने कहा कि विज्ञान आध्यात्म के बिना अंधा है और आध्यात्म विज्ञान के बिना लंगड़ा है यह दोनों आपस में मिलकर ही एक सुरक्षित टिकाऊ भविष्य हमें दे सकते हैं। विज्ञान आर्किटेक्ट के पॉइंट ऑफ व्यू से बहुत सुंदर-सुंदर भवन निर्मित करके देता है परंतु अपना प्यारा घर नहीं। विज्ञान एडवांस मेडिकल साइंस द्वारा बेहतर दवाइयां उपलब्ध करा सकता है परंतु स्वास्थ्य नहीं, इसीलिए जीवन में अध्यात्म के समन्वय की आवश्यकता है।
उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज किशोर सागर में साइंटिस्ट इंजीनियर प्रभाग द्वारा सुरक्षित एवं टिकाऊ भविष्य के लिए विज्ञान तकनीकी एवं अध्यात्म विषय पर आयोजित कार्यक्रम में पानीपत से पधारे हरियाणा सरकार द्वारा सम्मानित साइंटिस्ट विंग के राष्ट्रीय संयोजक भ्राता भारत भूषण जी द्वारा व्यक्त किए गए।
मंचासीन अतिथि रिटा. प्राचार्य शासकीय महाराजा महाविद्यालय जी.पी राजौरे जी, परीक्षा नियंत्रक महाराजा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय पी.के पटैरिया जी, अधीक्षण यंत्री एमपीईबी श्री राम पांडे जी। सभा में उपस्थित माननीय अतिथिगण बीएसएनल टीडीएम एस.डी प्रजापति, प्रभारी स्टूडेंट्स वेलफेयर महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रो डॉ. आर.के पांडे जी,हेड ऑफ द कामर्स डिपार्टमेंट महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रो डॉ. ओ.पी अरजरिया जी, यूजीसी प्रभारी महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रो. डॉ. पी.के जैन जी, हेड ऑफ द दर्शन शास्त्र महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय प्रो. जे.पी शाक्य जी, भूतपूर्व जिला शिक्षा अधिकारी आर.के मिश्रा जी, प्राचार्य शासकीय उ. उत्कृष्ट विद्यालय क्र 1 एस.के उपाध्याय जी, पूर्व अध्यक्ष ग्रामीण भूमि विकास बैंक छतरपुर जुझार सिंह बुंदेला जी, वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र अरजरिया जी, हरि अग्रवाल जी सुरेंद्र अग्रवाल जी, देव प्रभाकर शास्त्री इंजीनियरिंग कॉलेज से वाइस प्रिंसिपल संदीप शर्मा जी, क्रिश्चियन स्कूल प्रिंसिपल जॉन अनुरेश लाल, पोस्ट ऑफिस से मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव मनोज चौहान सहित सभी विभागों के इंजीनियर , बीएसएनएल से सभी अधिकारी उपस्थित रहे।
छतरपुर सेवा केंद्र प्रभारी बीके शैलजा बहन जी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तत्पश्चात कुमारी कृतिका द्वारा स्वागत नृत्य एवं दीप प्रज्वलन किया गया।
इस मौके पर जीपी राजौरे जी ने कहा कि मानव संस्कृति, मानव सभ्यता उसके कल्याण के लिए हम कैसे साइंस टेक्नोलॉजी और स्पिरिचुअलिटी को जोड़कर एक ऐसा रास्ता तैयार कर सकते हैं जिसमें हमारी आने वाली पीढ़ी, हमारा भविष्य अच्छी तरह सुरक्षित हो जाए इस बात पर प्रकाश डाला।
प्रोफेसर पीके पटेरिया जी ने कहा सब प्रदूषण में सबसे बड़ा प्रदूषण है दिमाग का प्रदूषण और वह प्रदूषण आता है केवल एक शब्द से और वह है ईगो, अगर हम अपने अहंकार को दिमाग से निकाल दें तो किसी का किसी से युद्ध ना हो और शांति स्थापित हो जाए तो आज हम सभी ब्रह्माकुमारीज के इस कार्यक्रम से संकल्प करें कि हम पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ अपने दिमाग के प्रदूषण को भी निकालें और अपना शांतिपूर्ण जीवन जिएं। अधीक्षण यंत्री श्री राम पांडे जी ने सभी को सोलर पैनल प्लांट के बारे में जानकारी देते हुए सभी से आग्रह किया कि आप लोग भी सोलर प्लांट को जाने समझे और उसको उपयोग करें जिससे भविष्य में होने वाली समस्याओं से राहत मिल सके। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को गमले में तुलसी का पौधा भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।