पुदीने के औषधीय गुणों का प्रभाव हमारे शरीर में…

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पुदीना एक गुणकारी पौधा है। इसकी पत्तियों का इस्तेमाल व्यंजनों का जायका बढ़ाने से लेकर कई शारीरिक समस्याओं के लिए प्राकृतिक औषधि के रूप में किया जाता है। इस पर हुए कई वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर यह माना गया कि पुदीना सेहत पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि पुदीना किसी भी बीमारी का इलाज नहीं है, यह सिर्फ समस्याओं के लक्षण और प्रभाव को कम करने में कुछ हद तक मदद कर सकता है।
औषधीय गुणों के कारण इसका उपयोग स्वास्थ्य के लिए भी प्रभावी माना जाता है। टफ्ट्स यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि पुदीना में एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरस, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीट्यूमर के साथ ही एंटी-एलर्जेनिक गुण पाए जाते हैं, जो संयुक्त रूप से शरीर को लाभ पहुंचाने का काम कर सकते हैं।

पुदीने के पत्ते के फायदे…

इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में सुधार के लिए
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम एक आम विकार है, जो बड़ी आंत को प्रभावित करता है। इसकी वजह से पेट में दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या होती है। शोध में पाया गया है कि पुदीने की चाय में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीसेप्टिक गुण इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम में आराम पहुंचाने में मददगार हो सकते हैं।

याद्दाश्त को बढ़ाने में फायदेमंद
पुदीने के औषधीय गुण याद्दाश्त बढ़ाने में लाभदायक हो सकते हैं। इस संबंध में इंग्लैंड की एक यूनिवर्सिटी में शोध किया गया है। इस शोध में 180 युवाओं को पुदीने की चाय का सेवन कराया गया। 20 मिनट बाद शोधकर्ताओं ने युवाओं में कई सकारात्मक परिणाम देखे, जैसे सजगता में वृद्धि और मस्तिष्क कार्य प्रणाली में तेजी। शोध में इस बात का भी जि़क्र है कि पेपरमिंट चाय याद्दाश्त और याद्दाश्त की गति बढ़ाने में सहयोग कर सकती है। इस आधार पर माना जा सकता है कि पुदीने की चाय का सेवन याद्दाश्त को बढ़ाने में लाभदायक हो सकता है।

मतली की अवस्था में
बार-बार उल्टी आने की इच्छा ही मतली की समस्या है। यहाँ पुदीने के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पुदीने पर एक शोध प्रकाशित किया गया है। शोध में पुदीना अरोमाथेरेपी का उल्टी और मतली की समस्या पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया। इस शोध के आधार पर कहा जा सकता है कि मतली के साथ उल्टी की समस्या से आराम पाने के लिए पुदीने की अरोमाथेरेपी कारगर साबित हो सकती है। फिलहाल, मतलद की समस्या को दूर करने वाले पुदीने के औषधीय गुण अभी शोध का विषय हैं।

सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए
सिरदर्द की समस्या रातों की नींद गायब कर सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए पुदीना मददगार साबित हो सकता है। रिसर्च जनरल ऑफ मेडिसिनल प्लांट के एक शोध के अनुसार पुदीने को सिर पर कुछ देर लगाने में सिरदर्द में आराम मिल सकता है। इसके दर्द-निवारक गुण के पीछे इसमें मौजूद मेंथॉल का प्रभाव हो सकता है।

पाचन में फायदेमंद
पुदीने पर किए गए एक अध्ययन में जि़क्र मिलता है कि यह पाचन में मददगार हो सकता है। दरअसल, यह पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ-साथ पाचन में सहायक पाचक रस के प्रवाह में सुधार का काम कर सकता है। परिणामस्वरूप, भोजन आसानी से पचता है।
त्वचा की समस्या को दूर करने के लिए
बैक्टीरियल संक्रमण की वजह से त्वचा संबंधी कई रोग हो सकते हैं। जिनमें खुजली और जलन की भी है। यहाँ पुदीने के एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण त्वचा संबंधी समस्याओं को दूर करने में मददगार साबित हो सकते हैं। रिसर्च जनरल ऑफ मेडिसिनल प्लांट के अनुसार, पुदीने में पाया जाने वाला मेंथॉल त्वचा संबंधी खुजली और जलन को कम करने में फायदेमंद हो सकता है।

पुदीने के नुकसान

ज़रूरी नहीं कि पुदीने के औषधीय गुण हर किसी के लिए फायदेमंद हों। कई स्थितियों में पुदीने के नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं। यहाँ पर हम इससे होने वाले कुछ नुकसान के बारे में भी बता रहे हैं…

जिन्हें लो शुगर की समस्या है वो पुदीने के सेवन से दूर रहें। इसके रस का सेवन रक्त में मौजूद शुगर के स्तर को कम कर सकता है।
निम्न रक्तचाप के मरीजों को भी इसके सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, क्योंकि इसका सेवन मेंथॉल नामक घटक रक्तचाप के स्तर को कम करके समस्या पैदा कर सकता है।
गर्भावस्था के समय किसी भी प्रकार के नुकसान से बचने के लिए इसके सेवन से पहले संबंधित डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
जिनकी त्वचा सेंसिटिव होती है, उन्हें मेंथॉल से एजर्ली हो सकती है। इसलिए, उन्हें इसके सेवन और संपर्क से दूर रहना चाहिए।

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