मुंबई, घाटकोपर: राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ. नलिनी दीदी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु 12वें दिन – स्नेहांजलि सभा एवं महा ब्रह्मा भोजन का आयोजन

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मुंबई-घाटकोपर,महाराष्ट्र: राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी डॉ. नलिनी दीदी जी (दीदी माँ) –  पूर्व निर्देशिका ब्रह्माकुमारीज़ घाटकोपर सबज़ोन, मुंबई, की पावन स्मृति में, उनके निमित्त 12वें दिन – स्नेहांजलि सभा , विशेष भोग एवं महा ब्रह्माभोजन का आयोजन किया गया |  यह स्मृति सभा परम केशव बाग हॉल, घाटकोपर में आयोजित की गई।

इस कार्यक्रम में घाटकोपर सबज़ोन के विभिन्न सेवाकेंद्र प्रभारी बहनों ने अपने भावनात्मक अनुभव साझा किए।

BK CA ललित भाई (सचिव, ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय, माउंट आबू) ने आदरणीय दीदी जी के साथ बिताए हुए अपने सुनहरे अनुभवों को याद किया।

राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी जी (निर्देशिका, ओम शांति रिट्रीट सेंटर, गुरुग्राम, हरियाणा) – जो आदरणीय नलिनी दीदी जी के प्रथम टीचर्स ट्रेनिंग ग्रुप की उनकी प्रिय छात्रा रही है  – उन्होंने दीदी माँ के साथ के कई संस्मरणों को साझा किया। आशा दीदी जी ने बताया कि किस प्रकार आ. नलिनी दीदी जी के साथ के उनके अनुभवों द्वारा उन्होंने दीदी जी के जीवन मूल्य जैसे सत्यता, निर्भयता, रमणिकता  जैसे  महान आत्मिक विशेषताओं को कैसे अपने जीवन में धारण किया और किस प्रकार आ. नलिनी दीदी जी का उनके ब्रह्माकुमारी जीवन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है | 

इस अवसर पर प्राणप्यारे बापदादा को और आदरणीय नलिनी दीदी जी को विशेष भोग स्वीकार कराया गया | 

इस कार्यक्रम में राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शकु दीदी जी (जिन्होंने हाल ही में ब्रह्माकुमारीज़ घाटकोपर सबज़ोन की निर्देशिका के रूप में कार्यभार संभाला है), राजयोगी ब्रह्माकुमार निकुंज (आध्यात्मिक प्रेरक वक्ता, प्रसिद्ध स्तंभकार एवं ब्रह्माकुमारीज़ मीडिया विंग के राष्ट्रीय समन्वयक), ब्रह्माकुमारी विष्णु प्रिया (वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका) उपस्थित थे।

एडवोकेट सागर कोटक (वकील एवं गायक)  ने इस अवसर पर दिव्य-आध्यात्मिक गीतों की प्रस्तुति दी।

महा ब्रह्माभोजन में हजारों  बी.के भाई-बहनों एवं स्नेह संपर्क के आमंत्रित मेहमानों ने प्रेमपूर्वक ब्रह्मा भोजन स्वीकार किया। सभी को ईश्वरीय सौगात दी गयी, साथ ही दीदी माँ का आशीर्वाद स्वरूप एक वरदान कार्ड भी दिया गया, जिसमें उनके अंतिम प्रेरणादायक शब्द अंकित थे – “खुश रहो, सलामत रहो, शुभचिंतक बनो, महादानी बनो!” 

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