शिमला, हिमाचल प्रदेश : पंथाघाटीमें 89वीं त्रिमूर्ति शिव जयंती के पावन अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आध्यात्मिक समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान भाषा एवं संस्कृति विभाग के निर्देशक भ्राता डॉ पंकज ललित मुख्य अतिथि रहे।
सबसे पहले मुख्य अतिथि ने शिव ध्वजा रोहण से कार्यक्रम की शुरुआत की। सभी ने बहुत ही श्रद्धा से प्यारे शिव बाबा का झंडा भी फहराया।इस दौरान राजयोगी शिशिका बी के सुनीता ने ध्वज के नीचे सभी बी के भाई बहनों से प्रतिज्ञा करवाई । कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि ने भाग लिया। विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी हुईं-
राजयोगी शिशिका बी के सुनीता ने नैतिक मूल्यों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी, महाशिवरात्रि का रहस्य सरल शब्दों में सभी समझाया, संसार में जब धर्म ग्लानि, अज्ञान का अंधकार छा जाता तथा पांच विकार काम, क्रोध, लोभ, मोह, अपनी चर्म सीमा होते है तब परमात्मा साधारण तन में अवतरित होते है।यह वही समय है जब अवतरित हुए है और अपना कार्य करवा रहे है।
मुख्य अथिति भ्राता डॉ पंकज ललित ने कहा शिवरात्रि पर शिव की उपासना उपवास रख कर करते है परंतु सही अर्थों में उप= निकट, वास= रहना , हमें सदा शिव के निकट रहना है -यही सच्ची उपासना है।
अंत में मुख्य अतिथि को ईश्वरीय सौगात दिया और मुख्य अथिति सहित सभी उपस्थितजनों को भोग एवं जलपान कराया गया।











