मुख पृष्ठअनुभवपवित्रता की ज्योति एवं सेवा की अमिट विरासत थी - दादी गुलज़ार

पवित्रता की ज्योति एवं सेवा की अमिट विरासत थी – दादी गुलज़ार

स्मृति पटल पर अंकित स्मृतियाँ ही हमें अतीत से जोड़ने का कार्य करती हैं…
करीब पाँच दशकों तक दादी गुलज़ार जी के दिव्य एवं दैवी स्वरूप का साक्षी बनने का सौभाग्य मुझे प्राप्त हुआ। उनका सम्पूर्ण जीवन पवित्रता, समर्पण और निस्वार्थ सेवा को समर्पित था। आज उनके अव्यक्त होने के चार वर्ष पूर्ण हो गए हैं, परंतु आज भी उनका अटूट विश्वास, गहन योग और विशाल सेवा हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है।

नियति (ड्रामा) के विधान अनुसार, दादी जी के साथ बिताया गया यह दीर्घकालीन यात्रा-पथ मेरे लिए भाग्य निर्माण का मार्ग बन गया। मैं इसलिए भी स्वयं को अत्यंत सौभाग्यशाली मानता हूँ क्योंकि मुझे इस पद्मा पदम्  सौभाग्यशाली सम्बन्ध ने परमात्मा सुख का अनुभव कराने वाली दादी की तरफ से उपहार स्वरुप दादी गुलज़ार उपवन  की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं — जो आज यज्ञ के लिए एक प्रमुख ऑर्गेनिक उत्पाद स्रोत बन चुका है। इस पावन भूमि की सेवा करना केवल एक कर्तव्य नहीं, बल्कि मैं इसे अपना परम सौभाग्य मानता हूँ। मुझे इस उपवन के संरक्षण और विकास का अवसर मिला, जो निःसंदेह भविष्य में यज्ञ के लिए एक महान संसाधन सिद्ध होगा।

वे परमात्मा की वह दिव्य माध्यम थीं, जिनसे हमने बापदादा की उपस्थिति को अनुभव किया। उनका सम्पूर्ण जीवन सच्ची तपस्या का उदाहरण मूर्त था जो हम सभी ब्रह्मावत्सो के जीवन के लिए पथ-प्रदर्शक और  एक मार्गदर्शक की तरह दशा एवं दिशा देने का कार्य करती रहेंगी । उनकी आध्यात्मिक विरासत सदा हमारे हृदयों में अमर रहेगी।

टीम गॉडलीवुड उनकी इस परम तपस्या को सादर नमन करती है।
दादी जी, आप सदा हमारे साथ हैं — हमारे दिलों में, हमारे संस्कारों में।

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