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अटलादरा-वड़ोदरा: भारत की प्राचीन यौगिक और प्राकृतिक कृषि पद्धति संदेश का बजा बिगुल

300 से अधिक किसानों ने समझे यौगिक व प्राकृतिक खेती के सिद्धांत और फायदे

वड़ोदरा-अटलादरा,गुजरात: सेवाकेंद्र पर किसान भाइयों के लिए तीन दिवसीय यौगिक व प्राकृतिक कृषि पद्धति प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य रासायनिक कृषि पद्धति से स्वास्थ्य और भूमि की उर्वरा शक्ति को होने वाले गंभीर नुकसानों के बारे में जागरुक करना और भारत की प्राचीन- सरल और स्वास्थ्यवर्धक यौगिक एवं प्राकृतिक कृषि पद्धति के विषय में विस्तृत जानकारी व प्रशिक्षण देना रहा।

लगभग 300 किसान भाइयों ने पूर्ण रुचि के साथ इन तीन दिवसीय सत्रों का पूरा-पूरा लाभ लिया। इन तीन दिनों में अपने अमूल्य सुझाव और शुभकामनाएं लेकर कृषि सेवा क्षेत्र से जुड़े हुए अनेक पदाधिकारी और विशेषज्ञ मुख्य अतिथियों के रूप में सेवाकेंद्र में पधारे।

1) जॉइंट डायरेक्टर एम एम पटेल
 2) डायरेक्टर आत्मा प्रोजेक्ट  जितेंद्रभाई चारले
3) जिला खेती वाडी अधिकारी नितिनभाई वसावा
4) डायरेक्टर आत्मा प्रोजेक्ट (पंचमहाल) भावीनभाई मेहता
5) डिप्युटी डायरेक्टर आत्मा प्रोजेक्ट दीपकभाई
6)  भूतपूर्व जनरल मैनेजर ग्राम विकास प्रभाग  बीके राजेशभाई दवे
7) योगाचार्य बीके दुष्यंत भाई मोदी

एम एम पटेल ने अपनी शुभ कामनाओं देते हुए कहा कि आप सभी बहुत ही भाग्यवान हो की आप सभी का ऐसे आध्यात्मिक स्थान पे आके ऐसी सुंदर ट्रेनिंग का लाभ लेने का मौका मिला है।आप लोगों को पुण्य कमानेका मौका मिला है क्योंकि अगर आप सब लोग प्राकृतिक खेती तो अपना ते है तो आप अपना तो जीवन सुधार सकते है परंतु देश के भविष्य को भी सुधार सकते है क्योंकि आज के बच्चे देश का भविष्य है और साथ में प्राकृतिक खेती कैसे की जाए उसके बारेमे भी सभी को अवगत कराया।

नितिनभाई वसावा ने कहा कि में काफी टाइम से ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ा हुआ हु और कही बार इस संस्था के साथ मिलके खेड़ूत भाई बहनों के लिए तालीम के कार्यक्रम किए है। सभी भाई बहनों को अलग अलग योजना के बारे में अवगत कराया और कहा ही में हमेशा हर प्रकार से मेरे किसान भाई मदद करने के लिए तैयार हु।

बीके राजेशभाई ने सभी को प्राकृतिक के साथ साथ योगी खेती कैसे की जाए उसके ऊपर मार्ग दर्शन देते हुए कहा कि योगी खेती करने के लिए सबसे जरूरी है हमारे विचारों की आदान प्रदान के ऊपर लक्ष्य रखना पड़ेगा और वो सिर्फ ब्रह्माकुमारी में सिखाए जाने वाले राजयोग के माध्यम से ही हो सकता है।

सेवाकेंद्र संचालिका बीके डॉ अरुणा बहन जी ने सभी किसान भाइयों को यही संदेश दिया कि हम सभी को मिलकर अपने सहयोग से प्राचीन कृषि पद्धति को पूर्ण उत्साह के साथ अपनाना है और अपने देश और मानवता की सच्ची सेवा करनी है।सभी को योग के प्रयोग द्वारा परमात्मा का आह्वाहन करके हम हमारे पाक को कैसे अच्छा बना सकते है उसके बारेमे समझाया और साथ में सभी को मेडिटेशन का अभ्यास भी कराया। दुष्यंत भाई मोदी ने तीनों दिन सभी भाई बहनों को एक्सरसाइज के द्वारा सभी को तन को तंदुरुस्त रखने की जानकारी भी दी। सेवाकेंद्र सहसंचालिका बी के पूनम बहन जी ने सभी अतिथियों और किसान भाइयों का हार्दिक आभार व्यक्त किया और कुशल मंच संचालन किया।

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