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धमतरी: नशे को कहें ‘न’ जीवन को कहें ‘हाँ’

31 मई विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर ब्रह्माकुमारीज द्वारा कार्यक्रम आयोजित

ब्रह्माकुमारीज द्वारा पूरे भारत में सरकार के साथ मिलकर चलाया जा रहा नशा मुक्त भारत अभियान

धमतरी, छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा भारत के बिभिन्न राज्यों में तम्बाखू निषेध दिवस पर किये गए अनेकानेक कार्यक्रम उसीके अंतर्गत आज हमारे शहर में.गाँधी चौक मैदान में एवम मकई चौक में 31 मई, विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर नशे से दूर रहने एवं जनजाग्रति के लिए कार्यक्रम का आयोजन|

कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रधान आरक्षक अश्विन भुवार्य पुलिस विभाग,चंद्रभागा साहू पार्षद,चन्द्रकला पटेल पूर्व अध्यक्ष महिला मोर्चा ,सरिता दीदी ,कामिनी कौशिक उपस्थित रहे |

सर्वप्रथम सिविल लाइन स्थित ब्रह्माकुमारी सेवाकेंद्र से मोटर साइकिल रैली निकाली गई जो रत्नाबंधा चौक से मकई चौक पहुंची जहा सरिता दीदी ने नशा मुक्ति का सन्देश दिया ,सभी ने नारे लगाये |मकई चौ से सदर होते हुए ये रैली गाँधी मैदान पहुंची जहा अतिथियों की उपस्थिति में कार्यक्रम संपन्न हुवा |

लक्ष्य एवं उद्देश्य एवं संस्थान का परिचय देते हुए विश्व तम्बाखू निषेध दिवस के बारे बताते हुए सरिता दीदी ने कहा  कि विश्व में हर साल 31 मई को विश्व तम्बाखू निषेध मनाया जाता है| जिसका उद्देश्य लोगो को हानिकारक पदार्थो से बचाना एवं उससे दूर रहने के लिए जागुरुक करना है| इसके साथ ही उन्होंने संस्थान का परिचय देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक विश्व व्यापी संस्थान है जिसका मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान में है | और भारत सहित विश्व के 146 देशों में इसकी हजारों शाखाएं है जिसके माध्यम से राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा के द्वारा समाज में फैली विकृति और बुराईयाँ यौर नशे से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है | इसके साथ ही आगे उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय माउंट आबू का MOU (Memorandum of Understanding) साईन हुआ है जिसके तहत पूरे भारत में नशा मुक्ति हेतु जनजाग्रति के कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है उसीके अंतर्गत आज यह कार्यक्रम का आयोजन किया गया |

ब्रह्माकुमारीज संस्थान विगत अनेकानेक वर्षों से व्यसन मुक्ति के लिए अनेकानेक अभियान मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत जैसे अनेकानेक कार्यक्रमों के माध्यम से जन जाग्रति हेतु कार्य कर रहा है जिसका परिणाम यह रहा कि हजारों लाखों भाई बहनों ने राजयोग मेंडिटेशन को अपने जीवन में अपनाकर अपने जीवन को नशा मुक्त कर बेहतर बनाया है|इसके अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज के द्वारा बिभिन्न एक्टिविटीज के माध्यम से पूरे भारत में स्कूल,कॉलेज, विश्व विद्यालय, स्लम एरिया, एवं ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों, पुरुषो एवं महिलाओं के लिए अनेकानेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे |

कार्यक्रम में पधारे प्रधान आरक्षक ने कहा हम सभी को मिलकर समाज को नशा मुक्त बनाना है | पार्षद चंद्रभागा साहू ने कहा ओमशांति सेंटर जाकर हम अपने भविष्य को सुधर सकते है |

आज लोग डिप्रेशन, अनिद्रा, तनाव, बीती हुई दुखद घटनाओं की स्मृति, पारिवारिक कलह, बुरे संग के कारण इन नशीले पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। भारत में एक तिहाई कैंसर का कारण तंबाकू है तंबाकू धीमे जहर की तरह कार्य करता है तंबाकू में लगभग 4000 रसायनिक तत्व रहते हैं जिसमें 400 रासायनिक तत्व हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं| तंबाकू में उपस्थित निकोटिन धीमे जहर की तरह कार्य करता है| भारतवर्ष में 3000 से 3500 हजार के बीच प्रतिदिन लोगों की मृत्यु होती है, जिसका एकमात्र कारण है, तंबाकू का सेवन, धुए सहित या धुए रहित| उन्होंने स्पष्ट किया धूम्रपान का हमारे फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है| 90% फेफड़े का कैंसर धूम्रपान के कारण होता है धूम्रपान का धुंआ धूम्रपान ना करने वाले व्यक्तियों के लिए भी 25 % हानिकारक है| साथ ही बताया आज विश्व में अधिक मात्रा में शराब का सेवन किया जाता है| 60% से अधिक सड़क दुर्घटनाओं का कारण शराब है| लंबे समय तक

शराब का सेवन करने से सिरोसिस, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली अनियंत्रित और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो जाती है| उन्होंने कहा व्यसन व्यक्ति के स्वास्थ्य पर तो बुरा प्रभाव डालते ही हैं साथ ही

गृह क्लेश का कारण भी बनते हैं। और कई परिवार घर में उपस्थित एक व्यसनी की वजह से बर्बाद हो जाते हैं। भारतवर्ष विश्व का तीसरा तम्बाकू का सबसे बड़ा उत्पादक तथा उपभोगता देश है। सभी व्यसनी

जिनका इंटरव्यू लिया गया ,उन्होंने बताया की उन्होंने किशोरावस्था में ही पहली बार व्यसन का प्रयोग अपने किसी मित्र के प्रभाव में आकर किया तथा सारी उम्र के लिए व्यसनी बन गए। इसलिए यह आवश्यक है कि हम अपनी युवा पीढ़ी को इस व्यसन रुपी दलदल से बचाये।

बच्चो को नैतिक रूप से मज़बूत होना चाहिए तथा उन्हें पहली बार ही किसी गलत कार्य को करने के लिए कहने पर इंकार कर देना चाहिए।

जहाँ हांजी कहना आवश्यक है, वहां न कहना भी हमारे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वह मित्र कैसा मित्र है,जो अपने अभिन्न मित्र को तम्बाकू गुटका या शराब पीने के लिए मज़बूर करता है। इसीलिए किशोरावस्था के बच्चो को इन व्यसनों को पहली ही बार में न कहना चाहिए तथा एक बार भी चखने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। ख़राब संग से तो अकेला ही भला। इससे छुटकारा पाने के लिए उन्होंने राजयोग ध्यान के बारे में बताया और कहा कि राजयोग के द्वारा आप सहज ही इस व्यसनो से छुटकारा पा सकते हैं। जो व्यसन से दूर हैं, वे अपने आप को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक तथा बौद्धिक रूप से सदा काल के लिए स्वस्थ रख सकते है, अगर वह राजयोग का नियमित अभ्यास करे। राजयोग द्वारा जिन लोगो ने व्यसन छोड़ा, ऐसे 3000 लोगो का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि 97% जिन्होंने व्यसन छोड़ा, सदाकाल के लिए व्यसन से मुक्त हो गए केवल 3% लोग जिन्होंने राजयोगा जीवन शैली को छोड़ा उनके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। 97% लोगो ने नशे को अपने जीवन काल में दुबारा नहीं अपनाया।

कार्यक्रम के अंत में सभी को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई, कार्यक्रम का सकुशल संचालन एवं आभार कामिनी कौशिक ने किया |

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