हिसार, हरियाणा: ब्रह्माकुमारीज़ हिसार द्वारा अंतरराष्ट्रीय तंबाकू निषेध दिवस (No Tobacco Day) के अवसर पर हिसार रेलवे स्टेशन पर नशा मुक्ति विषय पर आधारित एक जागरूकता प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ हिसार रेलवे स्टेशन की डीएमओ श्रीमती डॉ. श्वेता सांगवान जी ने फीता काटकर किया।
श्रीमती श्वेता जी ने ब्रह्माकुमारीज़ की इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह समाज में नशा मुक्ति के प्रति जागरूकता लाने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि आज का समाज केवल तंबाकू जैसे व्यसनों से ही नहीं, बल्कि डिजिटल लत जैसी नई चुनौतियों से भी जूझ रहा है। ऐसी जागरूकता सेवाओं का आयोजन स्कूलों और कॉलेजों में भी होना चाहिए ताकि हमारी युवा पीढ़ी इन बुराइयों से बच सके और एक नशा मुक्त भारत के निर्माण में योगदान दे सके।
श्रीमती श्वेता जी ने आगे कहा कि वे ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा दिए जाने वाले ज्ञान से अत्यंत प्रभावित हैं और उन्होंने राजयोग मेडिटेशन सीखने की इच्छा भी प्रकट की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि व्यसन छोड़ने वाले अधिकांश लोग प्रारंभ में नशा छोड़ने में सफल हो जाते हैं, परंतु यदि उनका मित्र-वृत्त (फ्रेंड सर्कल) वही बना रहता है तो वे पुनः उसी आदत में लौट जाते हैं। ऐसे लोगों को ब्रह्माकुमारीज़ जैसी आध्यात्मिक संस्थाओं के संपर्क में आना चाहिए, जिससे उनका संग भी बदलेगा और उनके विचारों में भी सकारात्मक परिवर्तन आएगा। यह स्थायी नशा मुक्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण सहारा सिद्ध हो सकता है।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ हिसार की बीके अनीता बहन ने डॉ. श्वेता जी को ईश्वरीय सौगात भेंट की और साथ ही उन्हें नज़दीकी सेवा केंद्र पर पधारने हेतु सादर आमंत्रित भी किया।
प्रदर्शनी में ब्रह्माकुमारीज़ हिसार द्वारा विशेष रूप से तैयार किया गया एक चलित प्रदर्शनी वाहन भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। इस वाहन में दिखाई जा रही वीडियो के माध्यम से उपस्थित जनसमूह ने कर्म सिद्धांत, आत्म ज्ञान और नशा मुक्ति से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्राप्त कीं।
रेलवे स्टेशन पर आ-जा रहे अनेक यात्रियों ने भी इस प्रदर्शनी को रुचिपूर्वक देखा और इससे प्रेरणा प्राप्त की।
प्रदर्शनी स्थल पर एक ‘अनोखा दान पात्र’ भी रखा गया था, जिसमें सभी उपस्थित लोगों से आग्रह किया गया कि वे अपने जीवन की किसी एक बुराई को छोड़ने का संकल्प लें और उसका नाम लिखकर उसमें डालें, यह प्रतिज्ञा करते हुए – “आज के बाद मैं इसे पूरी तरह छोड़ता हूँ।” यह पहल आत्म-परिवर्तन के प्रति जागरूकता का सुंदर प्रतीक बनी।
इस आयोजन में ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से बीके अनीता, बीके डॉ. राजेन्द्र, बीके वंदना, बीके प्रमोद, बीके महेश, बीके उपेन्द्र, बीके अंकित, बीके मीना, बीके उर्मिल सहित अनेक भाई-बहन उपस्थित रहे।







