मथुरा,उत्तर प्रदेश: पूरे विश्व मे 31मई को तम्बाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है.
इसका आरम्भ सन 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)द्वारा किया गया था. हर वर्ष तम्बाकू सेवन को रोकने के उपायों को प्रोत्साहित करने के लिए WHO द्वारा नई थीम निर्धारित की जाती है, इस वर्ष की थीम है,’तंबाकू उत्पादों के आकर्षण के पीछे की उद्योग की नीतियों को उजागर करना”.
जिला प्रशासन नें इसी थीम के अंतर्गत सभी स्कूल कालेजों, NGO और ब्रह्माकुमारी संस्था को पत्र लिख कर जन जन को जागरूक करने की अपील की.
इसी थीम के तहत ब्रह्माकुमारी संस्था की सेवा केंद्र संचालिका राजयोगिनी बी के कृष्णा दीदी नें जिला कारागार मे सम्बोधित करते हुए बताया कि नशा नाश की जड़ है, नशे की लत से कितने ही परिवार उजड़ जाते है. उन्होंने बताया कि राजयोग मैडिटेशन के अभ्यास से आत्मबल बढ़ता है और नशे का त्याग सहज़ हो जाता है. ईश्वरीय नशे की अनुभूति जब होती है,तब शराब तम्बाकू आदि की लत स्वतः छूट जाती है.
मथुरा रिफाइनरी ऑफिसर क्लब मे भी सभी कर्मचारियों के बच्चों को स्वयं नशामुक्त रहने की शपथ दिलाई.
हॉल ही मे हुए सर्वे मे यह पाया गया कि राजयोग का अभ्यास करने वाले 97% लोगों नें हमेशा के लिए तम्बाकू का सेवन छोड़ दिया है.
आयोजन को सफल बनाने मे जेल अधीछक अंशुमन गर्ग, जेलर सुशील वर्मा, डिप्टी जेलर क़रुणेश, मथुरा रिफाइनरी मे जी एम श्री डी सी वर्मा, बी के पूजा, बी के मनोज, बी के मनोहर,रिफाइनरी के अधिकारी आलोक जी और प्रमोद जी का योगदान रहा..








