रीवा,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय और वन विभाग रीवा के सहयोग से आज वन विभाग में विश्व पर्यावरण दिवस पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। और साथ ही में वृक्षारोपण कार्यक्रम भी किया गया।जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी ने किया। मुख्य अतिथि श्री राजेश राय मुख्य वन संरक्षक CCF सर रहे। विशिष्ट अतिथि श्री लोकेश नीरापूरे वन मंडलाधिकारी DFO रीवा , रेड क्रॉस सोसाइटी के वाइस चेयरमैन हाजी एके खान, रायपुर कर्चुलियान इकाई के रेड क्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन, संग्राम तीर्थ के संस्थापक श्री लाल बहादुर सिंह, डॉ सुनीता पाण्डेय टीकर प्रिंसिपल, डॉ विकास श्रीवास्तव, शाहिद परवेज लक्ष्मणपुर प्रिंसिपल, sdo हृदय लाल सिंह, रेंजर अंबुज नयन पाण्डेय, बीके नम्रता,डिप्टी रेंजर, फॉरेस्ट ऑफिसर, तथा ब्रह्मा कुमारी परिवार उपस्थित रहा। मंच संचालन मधुर आवाज में नीलेश श्रीवास्तव ने किया।
राजयोगिनी बीके निर्मला दीदी ने कहा कि पर्यावरण और आध्यात्म का बहुत गहरा सम्बन्ध है। भारतीय संस्कृति पर्यावरण के साथ बहुत नज़दीकी से जुड़ी हुई है। हमारी जीवनशैली सदा ही पर्यावरण-मित्र शैली रही है, जो कि पर्यावरण संरक्षण का कार्य स्वतः करती है। परन्तु वर्तमान समय में हम प्रकृति से बहुत दूर चले गये है और प्रकृति तथा आध्यात्म का समन्वय भी बिगड़ गया है। जिसके फलस्वरूप प्रकृति के पांचों तत्वों का विध्वंसक रूप भी देखने को मिल रहा है। प्रकृति यह सन्देश दे रही है कि अब यह जागने का समय है। प्रकृति के साथ सम्बन्ध जोड़कर उसे देवतुल्य मानने की परम्परा आधुनिक युग में भी जीवित रखने की जरूरत है
विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प लिया जाता है। यूनाइटेड नेशन्स इनवायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) अर्थात् संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम का शुभा-रम्भ 5 जून 1972 को केन्या के नैरोबी शहर में हुआ था। इस कार्यक्रम का प्रारम्भ नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने तथा प्रकृतिw की सुरक्षा हेतु आत्म चेतना जागृत करने के उद्देश्य से किया गया। इसी उद्देश्य के अन्तर्गत प्रति वर्ष 5 जून को “विश्व पर्यावरण दिवस” आयोजित किया जाता है।
सम्पूर्ण विश्व में पर्यावरण के प्रति जागृति लाने के लिये किये गये विशेष प्रयासों को देखते हुए ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान को UNEP में गैर सरकारी संगठन NGO के रूप में 2014 से पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। ब्रह्माकुमारीज़ का ही सहयोगी संस्थान राजयोग एज्युकेशन एण्ड RERF फाउण्डेशन का “कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग इस कार्यक्रम को आगे बढाने का विशेष प्रयास कर रहा है। 1995 से इस प्रभाग द्वारा पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने, पर्यावरण संरक्षण हेतु आवश्यक कदम उठाने, पर्यावरण प्रदूषण के निवारण व नियन्त्रण हेतु जागृति के लिये राष्ट्रव्यापी प्रयास के रूप में विश्व पर्यावरण दिवस पर अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन हर वर्ष किया जाता है।
जिनमें वृक्षारोपण, पर्यावरण जाग-रूकता कार्यक्रम (प्रदूषण विषय पर विशेष ध्यान देते हुए), स्वच्छता कार्यक्रम, पर्यावरण सुरक्षा के लिये कार्यशालायें, सेमीनार, प्रदर्शनियाँ, सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रयोग कम करना, प्रतियोगितायें, वीडियो प्रस्तुतिकरण, पर्यावरण दिवस पर शान्ति यात्रायें, मानव श्रृंखला बनाना, पर्यावरण संरक्षण के लिये शाश्वत यौगिक खेती, मानसिक प्रदूषण के निदान से पर्यावरण प्रदूषण का समाधान, पर्यावरण को बचाने के लिये प्रतिज्ञायें कराना, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, पर्यावरण कार्यकर्ताओं का सम्मान आदि शामिल कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजेश राय , मुख्य वन संरक्षक सर ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ना अब विकल्प नहीं, बल्कि जरूरत है, आइए इस अभियान से जुड़े और सिंगल यूज़ प्लास्टिक का बहिष्कार कर पर्यावरण को बचाएं। अकेले भारत ही लगभग 1.50 करोड़ टन प्रति वर्ष प्लास्टिक कचरा उत्पन्न कर रहा है, जिसमें 10% भी रिसाइकल नहीं हो पाता है। आज हम ऐसे व्यापक जन-आंदोलन अभियान की शुरुआत करें और प्लास्टिक मुक्त भारत की ओर एक कदम बढ़ाएं। हम सभी मिलकर प्रदूषण से मुक्त जीवनशैली अपनाएं और प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए हर सम्भव प्रयास करें। अब समय आ गया है कि दुनिया को सिंगल यूस प्लास्टिक के इस्तेमाल को अलविदा कहने का। आप जानते है कि प्लास्टिक न मिट्टी में मिलता है, न पानी में घुलता है और जलाने पर इसका प्रभाव और भी बुरा है, प्लास्टिक के इस्तेमाल से होने वाली समस्यायें निरंतर गंभीर होती जा रही हैं। आज प्लास्टिक जलीय जीवों व पशुओं की मौत का कारण बन रहा है और कैन्सर जैसी घातक बीमारी पैदा कर रहा है।
वनमंडलधिकारी लोकेश नीरापूरे सर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में धरती को मां माना गया है, जब हम एक पेड़ लगाते है तो सिर्फ जड़े नहीं गाड़ते बल्कि हम संस्कृति, कर्तव्य और भविष्य को भी रोपते है। माता एवं प्रकृति निःस्वार्थ प्रेम की प्रतिमूर्ति है। माँ जीवन देती है
चेयरमैन एके खान जी ने कहा कि नशा मुक्ति अभियान के माध्यम से लगातार नशे के प्रभाव को कम किया जा रहा है। निश्चित ही सफलता मिलेगी।
संग्राम तीर्थ के संस्थापक श्री लाल बहादुर सिंह ने कहा कि मातृशक्ति और प्रकृति के संवर्धन के उद्धेश्य से जन्म धात्री मां के सम्मान में लगाया हर पेड़ एक आशीर्वाद है। यह पहल पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृशक्ति को समर्पित एक अनूठा प्रयास है। यह पुनीत पहल, मातृत्व भावना को जगाने के लिए समर्पित है।
सुनीता पाण्डेय ने कहा कि ब्रह्माकुमारी परिवार सभी संगठनों को एक साथ लेकर चलता है। ये यह सबसे बड़ी सफलता का कारण है।
समाजसेवी डॉ विकास श्रीवास्तव ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस के दिन हम सब एक साथ एकत्रित हुए हैं निश्चित है यह दिवस सफलता को प्राप्त करेगा। बी के नम्रता ने नशा मुक्ति, पर्यावरण, जल जन संवर्धन की शपथ दिलाई।








