नवसारी, गुजरात : नवसारी लुंसीकुई स्थित NMC स्पोर्ट्स क्लब कॉम्प्लेक्स में सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे तक नवसारी महानगरपालिका और ब्रह्माकुमारीज़ नवसारी के संयुक्त तत्वावधान में एक ध्यान एवं राजयोग परिचय शिविर का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में महानगरपालिका के अधिकारी एवं कर्मचारीगण तथा ब्रह्माकुमारी संस्था के सदस्यों सहित लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया और लाभ प्राप्त किया।
इस अवसर पर नवसारी महानगरपालिका के डिप्टी कमिश्नर श्री जे. यू. वसावा साहब ने मुख्य वक्ता राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता दीदी का शॉल और तुलसी पौधा भेंट कर सम्मान पूर्वक स्वागत किया।
गीता दीदी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में राजयोग ध्यान की मूल बातें साझा करते हुए बताया:
“राजयोग का पहला कदम है स्वयं को जानना। मैं यह शरीर नहीं, बल्कि इससे परे एक अजर, अमर और अविनाशी आत्मा हूं। आत्मा इस शरीर की इंद्रियों की मालिक है। आत्मचिंतन और आत्मदर्शन के बाद, हमें आत्मा के पिता परमात्मा को जानना चाहिए — जो सभी आत्माओं के परमपिता, निराकार, अजन्मा, सर्वोच्च शक्ति और गुणों के दाता हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “यदि कर्म से हमें खुशी और संतोष प्राप्त हो तो वही कर्म पूजा बन जाती है। इसके लिए परमपिता परमात्मा की याद आवश्यक है। यही सच्चा ‘वर्क इज़ वर्शिप’ है।”
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितों को राजयोग की गहन अनुभूति करवाई गई और साप्ताहिक कोर्स के माध्यम से राजयोग की विस्तृत जानकारी लेने हेतु आमंत्रित किया गया।






