मुख पृष्ठराज्यमध्य प्रदेश।ग्वालियर: द्वितीय वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल (S.A.F, 2nd Battalion) में नशा मुक्ति,...

ग्वालियर: द्वितीय वाहिनी, विशेष सशस्त्र बल (S.A.F, 2nd Battalion) में नशा मुक्ति, तनाव प्रबंधन एवं सकारात्मक चिंतन” विषय पर कार्यक्रम आयोजित

नशा नाश की जड़ है – बीके प्रहलाद भाई

ग्वालियर,मध्य प्रदेश। द्वितीय वाहिनी विशेष सशस्त्र बल नशा मुक्ति, तनाव प्रबंधन एवं सकारात्मक चिंतन काउंसलिंग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई को मुख्य वक्ता के रूप से आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम उप सेनानी परवेश अनवर खान के निर्देशन मे आयोजित हुआ। जिसमें मेडिकल ऑफिसर डॉ ओ.पी. वर्मा, निरीक्षक अजय रावत, बीके रोशनी बहन, बीके सुरभि बहन उपस्थित थीं।
कार्यक्रम के शुभारंभ में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए डॉ ओ पी वर्मा ने सभी को संबोधित किया और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करते हुए कहा  कहा कि किसी भी प्रकार का नशा हमारे लिए नुकसान दायक है। आज यदि थोड़ा नशा करते है तो कल ज्यादा भी करेंगे फिर हम इसके आदि हो सकते है। इसलिए नशे से दूरी बनाएं।

तत्पश्चात कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि नशा मुक्ति, तनाव प्रबंधन एवं सकारात्मक चिंतन ये तीनों ऐसे विषय हैं जो आज के समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गए हैं। आधुनिक जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ती अपेक्षाओं के बीच व्यक्ति मानसिक और भावनात्मक रूप से जकड़ने लगता है। ऐसे में नशे की ओर आकर्षण, मानसिक तनाव और नकारात्मक विचार जीवन में आने लगते है। इन समस्याओं से उबरने के लिए व्यक्ति को थोड़ा समय अपने लिए निकालना चाहिए जिसमें वह राजयोग ध्यान, योग, प्राणायाम तथा कुछ रचनात्मक कार्य करे। नशा, चाहे वह शराब, तंबाकू, ड्रग्स या अन्य किसी रूप में हो, व्यक्ति को धीरे-धीरे उसकी आत्मचेतना और विवेक से दूर ले जाता है। नशा नाश की जड़ है।
शुरुआत में यह मात्र एक शौक हो सकता है, लेकिन समय के साथ यह शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्तर पर बुरी आदत या एक गंभीर समस्या बन जाती है। व्यक्ति न केवल अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि अपने परिवार, संबंधों और समाज में भी संघर्ष का कारण बनता है। नशा व्यक्ति को स्वयं से दूर कर देता है। अगर नशे को छोड़ दिया जाए तो जीवन कितना अच्छा और श्रेष्ठ बन जाए। हमारा परिवार भी सुखी हो जाएगा नशे की कारण जो बीमारियां पैदा होती है वह भी पैदा नहीं होगी। इसलिए हमें सदा नशे से दूर रहना है और औरों को भी दूर रखना है।
आज जीवन में तनाव के अनेक कारण है, लेकिन किसी भी तरह का नशा उसका समाधान नहीं हो सकता। तनाव का समाधान बाहरी परिस्थितियों को बदलकर नहीं, बल्कि अपने को आंतरिक रूप से सशक्त बनाकर किया जा सकता है।
इसमें सकारात्मक चिंतन हमारी बहुत मदद करता है, जो जीवन की दिशा और दशा को बदल सकता है। जब व्यक्ति अपने विचारों को नियंत्रित करना सीख जाता है, तब वह हर परिस्थिति में कुछ अच्छा देखने और सीखने का प्रयास करता है। और जीवन में आशा की एक नई किरण उत्पन्न होती है। सकारात्मक सोच का अर्थ यह नहीं कि हम समस्याओं को नजरअंदाज करें, बल्कि यह है कि हम समस्याओं के बीच भी समाधान खोजें, और हर चुनौती में एक अवसर देखें। यह दृष्टिकोण हमें भीतर से मजबूत बनाता है। जब विचार सकारात्मक होते हैं तो व्यवहार भी स्वाभाविक रूप से सकारात्मक बनता है, और यह समाज को एक नई दिशा देता है।
हमारे भीतर कार्यरत तीन अदृश्य शक्तियां होती हैं मन, बुद्धि और संस्कार। मन वह होता हैं जहां विचार जन्म  लेते हैं इच्छाएं पलती हैं और भावनाएं आकार लेती हैं। मन बहुत चंचल होता हैं, उसको हमे सही दिशा देने का काम करना हैं ताकि वह अच्छे विचार प्रकट करें। मन को दिशा देने का कार्य बुद्धि करती है। बुद्धि वह प्रकाश है जो हमें बताती है कि कौन सा रास्ता सही है और कौन सा गलत है। लेकिन बुद्धि मे समझ विकसित तब होती है जब हम अच्छा साहित्य पढ़ें, अच्छा देखें और अच्छा संग करे। इससे हमारे संस्कार भी फिर अच्छे बनने लगते है।
आगे बीके प्रहलाद ने सभी को ध्यान का महत्व बताया तथा सभी को ध्यान करने के लिए सहज विधि बताई एवं अभ्यास भी कराया।
कार्यक्रम में बीके रोशनी ने रचनात्मक एक्टिविटी कराई तथा निरीक्षक अजय रावत ने सभी ने आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में उप निरीक्षक सुरेन्द्र गोयल प्रधान आरक्षक बी आर त्यागी सहित अन्य अधिकारी एवं 100 से भी अधिक पुलिस के जवान उपस्थित थे।

RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments