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मुंबई-घाटकोपर : ब्रह्माकुमारीज़ योग भवन – द्वारा “Rejuvenating Medical Minds” कार्यक्रम के माध्यम से डॉक्टर्स डे मनाया गया

राजयोगी ब्रह्माकुमार निकुंज का 9000+ प्रकाशित कॉलम्स की उपलब्धि पर डॉक्टर्स ने किया सम्मान

मुंबई, घाटकोपर, महाराष्ट्र : राष्ट्रीय डॉक्टर्स डे 2025 के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ योग भवन, द्वारा एक विशेष कार्यक्रम “Rejuvenating Medical Minds” का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य चिकित्सकों के समर्पण और सेवा भावना को सम्मानित करना था। इस कार्यक्रम ने डॉक्टर्स को आत्मचिंतन, आध्यात्मिक उन्नयन का एक श्रेष्ठ अवसर प्रदान किया गया ।
कार्यक्रम के आरंभ में ब्रह्मामारीकुज़ घाटकोपर सबज़ोन प्रभारी – राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शकू दीदी जी ने सभी का स्वागत किया और कहा कि जैसे डॉक्टर शरीर की चिकित्सा करते हैं, वैसे ही राजयोग मन की चिकित्सा करता है। उन्होंने मन, बुद्धि और संस्कारों के पारस्परिक संबंध पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इन्हें संतुलित करने से अंतःशांति और स्पष्टता आती है। उन्होंने सभी उपस्थित डॉक्टर्स को राजयोग मेडिटेशन को अपनाने का आग्रह किया, जिससे मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और समग्र स्वास्थ्य प्राप्त किया जा सकता है।
इसके पश्चात प्रख्यात पल्मोनोलॉजिस्ट और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ डॉ. मानस मेंगर द्वारा “Lung Innovations” – श्वसन चिकित्सा में नवाचार , इस विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया गया। उन्होंने फेफड़ों की चिकित्सा में हो रहे नवीनतम अनुसंधानों और समग्र उपचार दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भिन्न – भिन्न केस स्टडीज़ प्रस्तुत की और स्वास्थ्यकर्मियों से संवाद भी किया, जिससे सत्र व्यावहारिक और प्रेरणादायक बना।
इस कार्यक्रम में विशेष – राजयोगी ब्रह्माकुमार निकुंज – आध्यात्मिक प्रेरक वक्ता, सुप्रसिद्ध स्तंभकार और ब्रह्माकुमारीज के मीडिया विंग के राष्ट्रीय समन्वयक का सम्मान किया गया, जिनके चार भाषाओं में 9000 से अधिक कॉलम्स प्रकाशित हुए है | उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए सभी उपस्थित डॉक्टर्स की तरफ से डॉ. मानस मेंगर एवं घाटकोपर मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सचिन भामरे ने उनका अभिनंदन और सन्मान किया। डेढ़ दशक से अधिक की लेखन यात्रा में राजयोगी निकुंज ने नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन, तनावमुक्त जीवनशैली और आत्मसशक्तिकरण जैसे अनेक विषयों पर गहन मार्गदर्शन दिया है।
डॉ. मानस और वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. फरीदा वाडिया ने राजयोगी निकुंज के साथ एक प्रेरक संवाद सत्र भी किया। राजयोगी निकुंज ने “विचारों की मितव्ययिता” की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि हमारे विचारों की गुणवत्ता और मात्रा को नियंत्रित करने से मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक स्थिरता और ऊर्जा की बचत होती है। उन्होंने डॉक्टर्स को भोजन का नियमित समय, पर्याप्त विश्राम और मौन को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी। राजयोग को उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य के लिए उत्तम साधन बताया |
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी विष्णुप्रिया ने मूविंग – म्यूजिकल मेडिटेशन का अनुभव कराया, जिसमें सभी प्रतिभागियों को आत्मा की अनुभूति और आत्मशक्ति से जुड़ने का गहन अनुभव प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम में एक सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गई, जिसमें डॉक्टर्स की निस्वार्थ सेवा कार्य और कोविड जैसे संकट में उनके साहस को सराहा गया यह प्रस्तुति कला और कृतज्ञता का सुंदर संगम थी, जिसने सभी दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
इस प्रेरणादायी कार्यक्रम में मुंबई और उपनगर से बड़ी संख्या में चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने भाग लिया और इसे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अनुपम संगम बताते हुए सराहना की। उन्होंने साझा किया कि यह कार्यक्रम उनकी व्यस्त दिनचर्या से एक आत्मिक विराम की तरह रहा और उन्हें मानसिक रूप से भी उपचार की प्रेरणा मिली।
कार्यक्रम का संपूर्ण वातावरण सम्मान, कृतज्ञता और आत्मिक उन्नति से परिपूर्ण था। राजयोग, विचार प्रबंधन, और जीवनशैली अनुशासन से जुड़े अमूल्य संदेशों के साथ यह आयोजन वास्तव में ‘Rejuvenating Medical Minds’ का जीवंत उदाहरण बन गया।

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