पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड : रांसी खेल मैदान पौड़ी जो कि 7000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है तथा एशिया का दूसरा सबसे ऊंचा स्टेडियम है। इस मैदान पर 100 से अधिक ट्रेनिंग करने आए हुए एथलेटिक्स फुटबॉल, बैडमिंटन, टेबल टेनिस आदि खेलों के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों एवं उनके कोच के लिए राजयोग द्वारा सफलता विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राजयोगी ब्रह्माकुमार भ्राता मेहरचंद जी सीनियर नेशनल कोऑर्डिनेटर स्पोर्ट्स विंग ने कहा कि खिलाड़ीयों का जीवन संत की तरह अनुशासित और मर्यादित होता है। जैसे संत निंदा, स्तुति,मान अपमान हार-जीत जय पराजय सब में एक समान रहता है तो उसे ख्याति प्राप्त होती है। ठीक उसी प्रकार यदि खिलाड़ी भी अपने मूल्यों को ना खोकर व्यर्थ विचारों से खुद को बचा कर रखें और हार जीत का परिणाम को सोचे बिना लगातार परिश्रम करते रहें तो उन्हें सफलता अवश्य प्राप्त होगी। अगर कभी सफलता ना भी मिले तो भी कभी हार नहीं माननी चाहिए क्योंकि मन के हारे हार है और मन के जीते जीत तो संत की तरह मन को सशक्त बनाने से हार जीत जय पराजय में जब एक समान रहेंगे तो एक दिन जरूर हमारी ख्याति चारों दिशाओं में फैलेगी, बस हमें अपने परिश्रम ,विश्वास, दृढ़ता, धैर्यता गुणों को साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। राजयोग मेडिटेशन से इन सभी गुणों को हम अपने अंदर आसानी से अपना सकते हैं।
ब्रह्माकुमारी नीलम दीदी जी सेवाकेंद्र प्रभारी श्रीनगर गढ़वाल ने सभी खिलाड़ियों को और उनके कोच को राजयोग मेडिटेशन का सूक्ष्म अभ्यास भी करवाया गया। सभी को ब्रह्माकुमारीज़ के मुख्यालय माउंट आबू में आने का निमंत्रण भी दिया गया।
इस दौरान जिला क्रीड़ा अधिकारी पौड़ी गढ़वाल श्री जयवीर सिंह रावत जी भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा की इस तरह के कार्यक्रमों से खिलाड़ियों में सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह होता है जिससे यह अनुभव किया गया है कि खेलों में प्रदर्शन पहले की तुलना बहुत अधिक सुधार देखने को मिला है।








