तिरुवूरु,आंध्र प्रदेश: कार्यक्रम की शुरुआत दिव्य शांति यात्रा से हुई। इसके बाद शिवबाबा ध्वजारोहण, नवनिर्मित भवन का उद्घाटन, बाबा कक्ष का शुभारंभ, जैसे अनेक प्रेरक कार्यक्रम हुए। बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ व नृत्य सभी को मंत्रमुग्ध कर गए।

मुख्य अतिथि डॉ. मंतेना सत्यनारायण राजू जी (प्रकृति‑चिकित्सक एवं प्रकृति आश्रम के संस्थापक, विजयवाड़ा) ने अपने संबोधन में कहा – “शारीरिक स्वास्थ्य के लिए प्रकृति‑आधारित जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य के लिए राजयोग अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने लोगों को रोग‑मुक्त जीवन जीने के लिए कई मूल्यवान सूत्र बताए।

कोलिकापुड़ी श्रीनिवास राव जी (विधायक, तिरुवूरु) ने कहा –
“राजयोग ध्यान से ईश्वर के गुण हमारे जीवन में समा जाते हैं।
यह विपरीत परिस्थितियों का साहस से सामना करने का मानसिक बल देता है।
विशेषकर आज के समय में बच्चों को जीवन‑मूल्य सिखाने के लिए राजयोग अत्यावश्यक है।

अन्य विशिष्ट अतिथि: कंचर्ल मुथ्या प्रसाद जी – वरिष्ठ अधिवक्ता एवं स्थानीय समाजसेवी,गुडिमेटला मुरली जी – अध्यक्ष, आर्यवैश्य संघ

BK सविता बहनजी (प्रभारी, वरंगल सबज़ोन) और BK शांता बहनजी (डायरेक्टर, यूनिवर्सल पीस रिट्रीट सेंटर, विजयवाड़ा) ने राजयोग सेवाओं का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि तिरुवूरु सेंटर पर प्रतिदिन प्रातः व सायंकाल नि:शुल्क राजयोग कक्षाएँ उपलब्ध हैं।
रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए, सभी को यह प्रतिज्ञा कराई कि – “दुःख लेंगे नहीं – दुःख देंगे नहीं”। तत्पश्चात सभी उपस्थित लोगों को रक्षासूत्र (राखी) बाँधी गई।



इस कार्यक्रम में कुल 1000 से अधिक लोग सम्मिलित हुए (400 ब्रह्माकुमारीज़ परिवार के सदस्य और लगभग 600 स्थानीय एवं आसपास के क्षेत्रों से आए अतिथि)। विजयवाड़ा, मचिलीपट्टनम, खम्मम, कोठगुडेम, गुंटूर, चिलकलूरिपेट, नूजिवीडु, वैरा, वरंगल, सत्तुपल्ली आदि लगभग 60 स्थानों से भाई‑बहन पहुँचे।




