भीनमाल,राजस्थान। उपकारागृह में रक्षाबंधन पर्व के पावन अवसर पर एक विशेष आध्यात्मिक व प्रेरणात्मक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें ब्रह्माकुमारीज़ की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी ने मुख्य वक्ता के रूप में कैदियो को संबोधित किया।
कार्यक्रम में भीनमाल विकास परिषद ने भी सहभागिता निभाई, बहनों ने राखी बांधकर न सिर्फ प्रेम व स्नेह का संदेश दिया, बल्कि सेवा, सुधार और आत्म-संस्कार की प्रेरणा भी दी।
गीता दीदी ने कहा —
“पूर्वज हमारे देवता थे, हम देवताओं की संतान हैं। इसलिए हमें बुराई का त्याग कर पुनः अपने मूल स्वरूप को पहचानना होगा।”
उन्होंने यह भी कहा:
“आज बहनें भगवान की निमित्त बनकर आई हैं — सिर्फ राखी बाँधने नहीं, आपकी आत्मा को जगाने और बुराई का दान लेने।”
“गुस्सा, झूठ, नशा, द्वेष — ये हमारी सबसे बड़ी शत्रुता हैं। इन्हें छोड़ना ही रक्षाबंधन का सच्चा अर्थ है।”
“मोबाइल के लिए चार्ज ज़रूरी है, वैसे ही आत्मा के लिए सत्संग ज़रूरी है।”
“पश्चाताप से शुरुआत होती है परिवर्तन की — हर दिल कोमल है, बस सही दिशा चाहिए।”
ब्रह्माकुमारी बहनों ने सभी को राखी बांधी और आत्मिक उन्नति के विचारों से प्रेरित किया।
भीनमाल विकास परिषद द्वारा सभी के लिए फलाहार की व्यवस्था की गई । इस अवसर पर ओमप्रकाश खेतावत, लक्ष्मण भजवाड , अशोक धारीवाल, संदीप देसाई नारायण जांगिड़ विवेकानंद बिस्सा दिनेश भाटी,गोपाल जीनगर, दिनेश जालोरी, जितेंद्र सोनगरा, राजेंद्र छाजेड़, गौतम संघवी, डॉक्टर शैलेश दवे, भरत अग्रवाल,कीर्ति बहन, शारदा बहन उपस्थित थे।
पुलिस थाना भीनमाल में भी थाना अधिकारी सहित सर्व पुलिस स्टाफ को रक्षा सूत्र बंधा गया।











