भाग्य विधाता के भवन मे पत्रकारिता पर गम्भीर मंथन

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ब्रह्माकुमारीज़  में समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर संगोष्टी का आयोजन
बैतूल–मध्य प्रदेश।
मौजूदा हालतों में समाज का दर्पण कहलाने वाला लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अपनी रिपोर्टिंग को लेकर हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है । मीडिया से गायब होते ज्वलंत मुद्दे , सामाजिक मूल्यों का पतन ही आज मीडिया पर सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में पत्रकारिता के जरिये हम किस तरह समृद्ध भारत की नई तस्वीर बना सकते है । इस विषय पर गम्भीर चिंतन भी अति आवश्यक हो चुका है । यही वजह है कि , ईश्वरीय सेवाओं के सहभागी , एवम अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा बडोरा स्तिथ अपने नवीन भवन भाग्य विधाता भवन में  अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन एवम संगोष्ठी का आयोजन शनिवार सुबह 11 बजे आयोजित किया गया ।ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मीडिया प्रभाग द्वारा आयोजित सम्मेलन में पत्रकारों ” समाधान परक पत्रकारिता से समृद्ध भारत की ओर विषय पर अपने अपने विचारों का आदान प्रदान किया , पत्रकारिता के जरिये हम कैसे समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते है इस पर सुझाव भी आपस मे साझा किए गए । कार्यक्रम में बतौर अतिथि जन संचार संस्थान नई दिल्ली के निदेशक संजय द्विवेदी ,  देश के वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल , ब्रह्माकुमारीज़ माउंट आबू के जन सम्पर्क अधिकारी बी के कोमल , मीडिया विंग भोपाल की जोनल कोऑर्डिनेटर बी के डॉक्टर रीना तथा ब्रह्मा कुमार रावेंद्र भाई सहित कर सलाहकार एवम लेखक राजीव खंडेलवाल विशेष रूप से मंचासीन हुए , जिन्होंने अपने अपने विचारों से स्थानीय पत्रकारों को संबोधित किया । कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए ब्रम्हकुमारिज बैतूल प्रमुख मंजू दीदी ने उपस्तिथ महानुभवों और स्थानीय मीडिया के साथ 5 मिनट मौन धारण कर ईश्वरीय प्रार्थना की , उन्होंने कहा कि , मौजूदा हालातो में , मीडिया का ध्यान सामाजिक मूल्यों के उद्देश्य और स्वर्णिम भारत की तरफ होने की जरूरत है । सामान्य लोगो तक लोकतंत्र पहुंचना जरूरी – संजय द्विवेदी
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि संजय द्विवेदी ने काफी बेबाकी से अपने विचार रखे । उन्होंने कहा कि , आज लोकतंत्र सामान्य लोगो तक पहुंचना बेहद जरूरी है । तभी लोकतंत्र की सार्थकता सिद्ध होगी । अतीत के कुछ पन्ने पलटते हुए उन्होंने बताया कि , वर्ष 1991 के बाद हमारे देश मे अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला है । आज का भारत पहले के भारत से काफी अलग है । मैं देश की प्रगति के खिलाफ नही हूँ लेकिन आने वाला समृद्ध भारत संस्कार वान होगा कि नही ये चिंता का विषय है । उन्होंने पुराने समय के संस्कार और मौजूदा दौर में हावी पाश्चात्य संस्कृति का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए इसके कई उदाहरण भी स्थानीय पत्रकारों के सामने रखे । श्री द्विवेदी ने कहा कि , पत्रकारिता समाज के उत्थान के लिए होती है । हमारी पत्रकारिता से यदि समाज का भला होता है तो यही हमारी पत्रकारिता और समृद्ध भारत का समाधान है । श्री द्विवेदी ने आजादी की लड़ाई के समय अपने कर्तव्यों का सफल निर्वहन करने वाले साहित्यकारों और पत्रकारों की भूमिका की भी मंच से सराहना करते हुए कहा कि , समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए गम्भीरता और ईमानदारी से काम करने की जरूरत है । उन्होंने इस विषय पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि समाज का कोई भी ऐसा अंग नही है जो पूरी सुचिता के साथ काम कर रहा हो । समाज की उन्नति के लिए काम एक अकेला पत्रकार नही कर सकता इसके लिए पूरे समाज मे आज परिवर्तन की आवश्यकता महसूस की जा रही है । उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि आज हमारे हिंदुस्तानी बच्चों को अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन विदेशों में जाकर करना पड़ रहा है । ऐसी स्तिथि में हम समृद्ध भारत की कल्पना कैसे कर सकते हैं ।
छोटी सी शुरुवात बन सकती है बड़ी- बी के कोमल भाई
समाधान पत्रकारिता के जरिये समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिये , माउंट आबू पी आर ओ कोमल भाई ने सबसे पहले इस उद्देश्य की परख करने पर ज्यादा जोर दिया। उन्होंने कहा कि समृद्ध भारत का निर्माण करना आज असम्भव नहीं है । लेक8न इसकी शुरुवात कहाँ से की जाये ये सबसे बड़ा सवाल है । एक छोटी सी शुरुवात कल की बड़ी शुरुवात हो सकती है । हमारा यह तटस्थ प्रयास देश के कोने कोने में पहुंच सकता है । आज हकीकत की कोई बात नही करता ।देश का विकास तभी होगा जब समृद्ध भारत निर्माण के ईमानदार प्रयास होंगे तभी आम नागरिकों का भी विकास होगा । ये होगी हमारे समृद्ध भारत की तस्वीर । श्री कोमल ने जहांगीर पूरी की घटना का जिक्र करते हुए  इसे एक छोटी सी चिंगारी निरूपित किया । उन्होंने कहा कि ये चिंगारी पूरे देश मे आग लगा सकती है । लेकिन इसका समाधान खोजे जाने के बजाय इस मामले को अनावश्यक हवा देना दुर्भाग्य पूर्ण है ।स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें मीडिया कर्मी -बी के रावेंद्र भाई
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए अतिथि रावेंद्र भाई ने मीडिया कर्मियों की व्यस्तता पर अपनी चिंता जाहिर की । उन्होंने कहा कि , आज मीडिया कर्मी अपने काम को लेकर इतने ज्यादा व्यस्त रहते है कि , न ही वे अपने शरीर और स्वास्थ्य पर ध्यान दे पाते है , और न ही अपने परिवार की तरफ , ऐसे में समाधान पत्रकारिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है । आजादी के 75 साल बीत चुके हैं । इस दौर में मीडिया ने काफी अच्छा काम किया है । पर आज इसके मायने बदल गए है । जिस पर चिंतन मनन की आवश्यकता है ।
दो भागों में बंट चुकी है मीडिया -राजीव खंडेलवाल
मीडिया की मौजूदा कार्य प्रणाली को लेकर कर सलाहकार एवं लेखक राजीव खंडेलवाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि , आज देश की मीडिया दो भागों में बंट चुकी है । एक मोदी मीडिया के नाम से जानी जाती है , तो दूसरी गोदी मीडिया के ऐसे में समाधान परक पत्रकारिता के जरिये समृद्ध भारत की कल्पना कैसे की जा सकती है ।पिछले कुछ अंतराल से मीडिया की हालत बदल चुकी है । मीडिया जगत आज इतना प्रभावशील हो चुका है कि , जनता से जुड़े मुद्दे कब हवा हो जाएं इसकी कोई ग्यारंटी नही है । इसमें सुधार की ज्यादा आवश्यकता है । उन्होंने टी वी चैनलों पर चलने वाले डिबेट्स पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि , चैनलों में आये दिन सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, विषयों पर बहस की जाती है । इन डिबेट्स पर प्रतिबंध की आवश्यकता है । क्योंकि ये बहस अलगाव वाड़ी सोच की प्रतीक जैसी साबित हो रही है । ऐसे में समृद्ध भारत की परिकल्पना बेमानी है ।
मीडिया में परिवर्तन की जरूरत – बी के डॉ रीना
समृद्ध भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए , भोपाल मीडिया विंग की जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ रीना ने मीडिया के क्रिया कलापों में परिवर्तन को जरूरी बताया उन्होंने कहा कि , आज मीडिया में सब्जेक्ट रिजर्व हो चुके हैं । जबकि मीडिया का ध्यान चार पहलुओं पर केंद्रित होना जरूरी हो गया है । पहला सशक्त पत्रकारिता , दूसरा सकारात्मक पत्रकारिता , तीसरा समाधानकारक पत्रकारिता , और चौथा सार्थक पत्रकारिता , उन्होंने कहा कि इन चारों पहलुओं को यदि ध्यान में रखकर पत्रकारिता की जाए तो , समृद्ध भारत का निर्माण किया जा सकता है । मह मिलकर स्वर्णिम भारत बना सकते हैं ।
खुशहाल जीवन के लिए कराया मेडिटेशन
कार्यक्रम में पधारी डॉ रीना ने अपने उद्बोधन के बीच मानव के खुशहाल जीवन के लिए मेडिटेशन ।। ध्यान ।। को उपयुक्त बताया इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद मीडिया कर्मियों को मेडिटेशन कराते हुए इसकी प्रक्रिया से भी अवगत कराया । कार्यक्रम के दौरान ब्रम्हकुमारी आश्रम के सदस्यों ने आमंत्रित अतिथियों और समस्त मीडिया कर्मियों को तिलक और बेच लगाकर उनका सम्मान किया , इस दौरान अतिथियों ने दीप प्रज्वलन भी किया । कार्यक्रम का सफल संचालन  बी के नंदू ने किया । अंत मे ब्रम्हकुमारी सविता दीदी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम समापन की घोषणा की ।

समाधान पत्रकारिता  बड़ी चुनोती- राजेश बादल 
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे देश के जाने माने पत्रकार राजेश बादल ने पूरी निष्ठा के साथ अपनी बात रखते हुए बताया कि , वर्तमान समय मे  पत्रकारिता काफी कठिन और मुश्किल काम  हो चुका है । जिस तरह से आये दिन मीडिया पर सवाल खड़े हो रहे है ऐसे में समाधान कारक पत्रकारिता की उम्मीद कैसे की जा सकती है । कैसे समृद्ध भारत का सपना साकार किया जा सकता है । ये सबसे बड़ा सवाल है जिस पर चिंतन के साथ साथ आत्म मंथन की भी बेहद आवश्यकता है । श्री बादल ने बताया कि , हमने अपने पूर्वजों से जो संस्कार पाए है क्या आज हम अपने बच्चों को वो संस्कार दे पा रहे है । तो जवाब होगा नही ।हमारे मौजूदा क्रिया कलाप हमारे बच्चों पर भी गलत असर डाल रहे है । समाधान पत्रकारिता के जरिये यदि हम समृद्ध भारत बनाना चाहते है तो इसके लिए आंदोलन की तरह प्रयास किये जाने की जरूरत है । यदि फिर भी समाधान पत्रकारिता में कोई कमी रह जाये तो हमे इस आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा । क्योंकि हम पत्रकार भी इसी समाज का एक हिस्सा है ।

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