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बेगूसराय: ब्रह्माकुमारीज प्रभु पसंद भवन सेवा केंद्र पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर भारतीय अध्यात्मिक प्रवचन एवं चैतन्य झांकी का भव्य आयोजन किया गया

बेगूसराय, बिहार। बीके कंचन दीदी जी ने कहा क्या चाहते हैं श्री कृष्ण के दुनिया में जाने का सौभाग्य प्राप्त हो लेकिन क्या हमें पता है कि श्री कृष्ण की दुनिया कब आएगी। निकट भविष्य में ही श्री कृष्ण की दुनिया आने वाली है-
क्या ? जन्माष्टमी के आध्यात्मिक रहस्य को जानते हैं:- जब श्री कृष्ण का जन्म हुआ तो सारी परिस्थितियों जो विपरीत थी फिर से सारी ठीक हो गई जब श्री कृष्ण का आगमन हुआ तो काड़ागार की द्वार खुल गए, माता-पिता की बेरिया खुल गई, कारागार में ही पुष्पों की वर्षा शुरू हुई कारागार की सिपाही उस समय सो गए, अर्थात सब बंधन खत्म हो गए सभी परिस्थितियों अनुकूल में बदल गए।
आध्यात्मिक रहस्य है कि जो बंधन जो परिस्थितियों उसमें दिखाए गए वहीं परिस्थितियां अभी के समय में देखने को मिलते हैं । जैसे कंस :- अभी कंस जैसी प्रवृत्ति वाले लोग मिल जाएंगे नवजात शिशुओं की हत्या बदनामी के कारण कर दी जाती है, रावण जैसे लोग भी आपको मिलेंगे आए दिन बलात्कार जैसी घटनाएं घट रही है छोटी-छोटी बच्चियों के साथ यह हो रहा है और ऐसा करने वालों की संख्या बहुत हो गया है ।
एक कहावत है कि :- घर-घर में है रावण बैठा इतने राम कहां से लाऊं ? अभी के समय में जन्म लेने से पहले ही शिशुओं को मारा जा रहा है पाप अति पर जा रहा है अति का अंत होता ही है।
आज सब कुछ अति पर हैं पाप अति पर है अत्याचार अति पर है , हमने समझाया कि जब पाप की अति होती है तो भगवान को इस धराधाम पर आना पड़ता है एक ऐसी दुनिया का स्थापना करने जहां एक धर्म होता है , आदि सनातन देवी देवता धर्म।
अभी अंत के समय में संसार में भी एक लहर दिखाई दे रही है जैसे हम सर्व को यह महसूस कराया जा रहा है कि वास्तव में सारा धर्म सनातन धर्म है क्योंकि फिर से सनातन संस्कृति की स्थापना का कार्य परमात्मा के द्वारा चल रहा है गीता में भगवान ने कहा:- यदा-यदा ही धर्मस्य ग्लानि भर्वर्ती भारत……
भगवान का आना होता है साधु प्रवृत्ति का उजागर करने के लिए आसुरी प्रवृत्ति संहार करने। परमात्मा को इस धरा धाम पर आना पड़ता है भगवान कहते हैं। मेरा कर्तव्य ही एक ऐसी सृष्टि की स्थापना करना जहां एक धर्म हो ऐसी दुनिया स्थापना हो इसके लिए पुरानी दुनिया का विनाश होना जरूरी ।
यह सिंपल सा फार्मूला भगवान ने बताया है कि जब मनुष्य आत्मा देने वाली सीट पर थी तो संसार सतयुग था जब मनुष्य आत्मा लेने वाली सीट पर आ गई तो कलयुग बन गया सतयुग को लाना यह कोई मनुष्य आत्मा का कार्य नहीं है यह परमात्मा का कार्य है।
सनातन संस्कृति में एक प्रवृत्ति है कि हर मां अपने बच्चों में श्री कृष्ण की छवि देखती है इतना श्री कृष्ण से सभी का प्यार है, और श्री कृष्ण से सबसे ज्यादा प्यार मक्खन से है माखन चोरी की लीला के द्वारा उन्होंने सब का चित्र चुराया किसी का दिल आप कब ले सकते हैं जब आपका उसमें दिल का प्यार हो हमें अपने जीवन में गुण रूपी माखन खाना है तभी हम गुणवान बन सकते हैं। कार्यक्रम में विशेष डिप्टी मेयर अनीता देवी और बरौनी रिफायनरी के डी.जी.एम. विलास कुमार , साइंटिस्ट प्रिंस कुमार , प्रसिद्ध व्वयसाई रंजन अग्रवाल ,पुलिस अधिकारी रीना झा , मारवाड़ी सेवा समाज से सुलेखा जी , सारिका सुल्तानिया जी की उपस्थित रहे एवं श्री कृष्ण के महान दिव्या व्यक्तित्व पर अपने विचार रखें इस अवसर पर श्री कृष्णा श्री राधा की झांकी का अवलोकन सभा में सभी लोगों को कराया गया कलाकार भाई बहनों ने मनमोहन नृत्यु एवं रासलीला प्रस्तुत किया।

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