मुख पृष्ठWingsSocial Service Wingनवसारी: लुन्सीकुई सेवाकेन्द्र पर रक्तदान शिविर का आयोजन

नवसारी: लुन्सीकुई सेवाकेन्द्र पर रक्तदान शिविर का आयोजन

नवसारी,गुजरात: ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका, राजयोगिनी डॉ. दादी प्रकाशमणिजी की 18वीं पुण्यतिथि “विश्व बंधुत्व दिवस” के उपलक्ष्य में लुन्सीकुई शाखा की संचालिका बी.के. गीता दीदी के नेतृत्व में सेवाकेन्द्र के हॉल में “रक्तदान शिविर” का आयोजन दिनांक 24 अगस्त 2025, रविवार को प्रातः 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक किया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि नवसारी के विधायक श्री राकेशभाई देसाईश्री जिग्नेशभाई देसाई (प्रमुख, श्री एन.जे. ग्रुप)श्री तुषारभाई देसाई (चेयरमैन, रेडक्रॉस)श्री नरेशभाई धनानी (मेडिकल ऑफिसर) तथा बी.के. गीता दीदी द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।

बी.के. गीता दीदी ने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा “रक्तदान महादान अभियान” 22 से 25 अगस्त तक भारत एवं नेपाल के हजारों सेवाकेन्द्रों पर जागरूक नागरिकों की सहभागिता से आयोजित किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य एक लाख से अधिक यूनिट रक्त एकत्रित करना है। उन्होंने कहा कि “रक्तदान करके मानव का अमूल्य जीवन बचाना एक महान पुण्य कार्य है” तथा इसमें भाग लेने वाले सभी भाई-बहनों का आभार व्यक्त किया।

मुख्य अतिथि श्री राकेशभाई देसाई (विधायक, नवसारी) ने कहा कि “एक लाख यूनिट रक्त एकत्रित करना कोई साधारण कार्य नहीं है, यह समाज के लिए अत्यंत उपयोगी भागीरथ प्रयास है। एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मैं संस्था और आयोजकों का हृदय से धन्यवाद करता हूँ।”

श्री जिग्नेशभाई देसाई एवं श्री नरेशभाई धनानी ने भी संस्था और रक्तदाताओं को बधाई देते हुए लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने के इस प्रयास की सराहना की।

नवसारी के नागरिकों ने रक्तदान के महत्व को समझते हुए श्रद्धा, उमंग और उत्साह के साथ दादीजी के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सेवाकेन्द्र के आध्यात्मिक वातावरण में रक्तदाताओं की लगातार कतारें लगी रहीं। प्रतीक्षा पंक्ति में बैठे लोग भी उमंग और खुशी से गीत-संगीत का आनंद लेते हुए प्रेरित होते रहे।

परमात्मा शिव की कृपा, बी.के. भाई-बहनों, रक्तदाताओं तथा रेडक्रॉस की मेडिकल टीम के सहयोग और उत्साह से 100 यूनिट का लक्ष्य पार कर कुल 104 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया।

अंत में बी.के. गीता दीदी ने इस सेवाकार्य की सफलता हेतु सभी का धन्यवाद व्यक्त कर इसे दादी प्रकाशमणिजी को श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित किया।

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