गाँवो में विभिन्न प्रवृत्तियों का आयोजन कर आध्यात्मिकता द्वारा विकास के कार्य किये जायेंगे।
मेहसाना, गुजरात। “भारत के गाँव गोपाल, गउ एवं गोपी से बनी मूल्यों से भरी संस्कृति थी। उस समय रास्तों पर एवं घरों में लाइट नहीं थी किन्तु सभी की ज्योत सद्गुणों से भरपूर होने के कारण पूरा गाँव झगमगाता था। सभी सुखी थे। आज सब कुछ होते हुए भी गाँवों की स्थिति दयनीय हो गई है। गाँवों को फिर से महान एवं समृद्ध बनाना हो तो आवश्यकता है आध्यात्मिक मूल्यों की” ब्रह्माकुमारीज़ के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सरला दीदी जी ने यह उद्गार नवीन सेवा योजना ‘मेरा गाँव, बने महान’ के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किये।ll
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के गुजरात की ईश्वरीय सेवाओं के 60 वर्ष पूर्ण होने पर विद्यालय डायमंड ज्युबिली वर्ष मना रहा है। इसके अंतर्गत आगामी 21 दिसम्बर के दिन विश्व ध्यान दिवस पर विश्व शांति के लिए अहमदाबाद में बड़े रूप से संगठित ध्यान कर विश्व में शांति के प्रकंपन फैलाये जायेंगे। इस के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज़ के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग द्वारा सितम्बर एवं अक्टूबर मास में ‘मेरा गाँव, बने महान’ योजना अंतर्गत पूरे गुजात के गाँवों के सर्वांगी विकास के लिए 5 सितम्बर शिक्षक दिन पर सेवा का शुभारंभ ब्रह्माकुमारीज़ के गुजरात के सर्व सेवा केन्द्र पर एक साथ रखा गया है। महेसाना में भी ब्रह्माकुमारीज़ के गोडली पैलेस में यह शुभारंभ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस प्रसंग पर कृषि विज्ञान केन्द्र, खेरवा के ll सायन्टीस्ट एवं हेड डॉ. रमेश भाई पटेल ने कहा “प्रकृति एवं जीव का तालमेल हो भी गाँव समृद्ध बनेगा, प्रकृति का आधार मनुष्य के विचार है। मनुष्य के विचार सुधरेंगे तो प्रकृति अपने आप ही सुधर जायेंगी। मनुष्य के विचारों को सुधारने का कार्य यह ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है।”
बागवानी महाविद्यालय, जगुदन के आसीस्टन्ट प्रोफेसर डॉ. हितेष भाई पटेल ने कहा “गाँव का युवा धन अच्छी जगह समय देगा तो वह गाँव को आगे लाने में मदद करेगा” साथ-साथ उन्हों ने गाँव की समृद्धि के लिए प्राकृतिक खेती करने पर जोर दिया। गुजरात सरकार द्वारा ‘वन पण्डित’ एवोर्ड विजेता गणपत युनिवर्सिटी, खेरवा के फार्म मेनेजर अश्विन भाई पटेल ने उपस्थित 100 जितने किसानों को प्राकृतिक खेती कर गाँव को महान बनाने की प्रेरणा दी।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी कुसुम बहन ने सर्व महेमानों का शब्दों से स्वागत किया। कुमारी श्री एवं परी ने ग्राम्य संस्कृति को उजागर करते हुए सुंदर गीत पर नृत्य कर सभी को गाँव की याद दिला दी। पूरे कार्यक्रम का सफल मंच संचालन राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी वर्षा बहन ने किया। कार्यक्रम के अंत में दो सरपंचों का सम्मान किया गया एवं सभी महेमानों को ईश्वरीय भेंट अर्पण की गई।













