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टोंक: ब्रह्माकुमारीज़ के राजयोग भवन में शिक्षाविदों का सम्मान समारोह सम्पन्न

शिक्षक–ज्ञान संस्कार एवं प्रेरणा के स्रोत विषय पर प्रेरक वक्ताओं ने रखें विचार

  • आत्मिक संवाद ही मूल्य और आध्यात्मिक शिक्षा की कसौटी है: बीके अपर्णा दीदी
  • नैतिक मूल्यों से ही सुसभ्य एवं राष्ट्र चरित्र निर्माण करने वाले नागरिकों का निर्माण संभव : जिला शिक्षा अधिकारी

टोंक, राजस्थान। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय शाखा के राजयोग भवन में शिक्षाविदों का सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया साथ ही शिक्षक ज्ञान संस्कार एवं प्रेरणा के स्रोत विषय पर संगोष्ठी रखी गई। जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी ( प्रारम्भिक ), अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य, सहायक आचार्य, प्रिंसिपल एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद रहे।
कार्यक्रम में जिले के जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक) भंवरलाल कुम्हार ने कार्यक्रम की सरहना करते हुए का कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा शिक्षकों को मानवीय मूल्य से जोड़ने के लिए किया जा रहा प्रयास बेहद सराहनीय कदम है। यह संस्थान निरंतर शिक्षा में नैतिक मूल्यों को समावेश करने का के लिए प्रयासरत है। वास्तव में वर्तमान समय हर शिक्षक और विद्यार्थी को नैतिक मूल्यों को जीवन में चरितार्थ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा नैतिक मूल्यों से ही सुसभ्य एवं राष्ट्र चरित्र निर्माण करने वाले नागरिकों का निर्माण होता है।

सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अपर्णा दीदी में शिक्षक दिवस की बधाइयां देते हुए कहा कि सभ्य मनुष्य ही एक विकसित समाज की सबसे सशक्त कड़ी होता है, परंतु वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में मनुष्य को सभ्य और सुसंस्कृत बनाने वाली मूल्य और आध्यात्मिक शिक्षा का मूल पाठ ही लुप्त हो गया है। इसलिए आवश्यकता है बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु आध्यात्मिक शिक्षा को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाये। उन्होंने कहा कि शिक्षक के हर आचरण का प्रभाव बच्चों में एक गहरी छाप छोड़ता है। इसलिए शिक्षकों द्वारा किया गया हर कर्म यथार्थ, पारदर्शी एवं चरित्रवान होना चाहिए।
कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गोपाल लाल मीणा ने कहा कि राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से हमारे मन मस्तिष्क की हलचल को समाप्त कर एकाग्र किया जा सकता है। उन्होंने शिक्षकों से स्कूल जाते समय और आते समय रुककर 5 मिनट राजयोग मेडिटेशन करने का आग्रह किया।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य लोकेश शर्मा ने कार्यक्रम के लिए संस्थान का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से हम सभी शिक्षकों को निश्चित रूप से स्वयं की परख कर सकारात्मक बदलाव करने में सहयोग मिलता है। आज जो हमें यहां जो प्रेरणा मिली है वह राष्ट्र निर्माण में ऊर्जा का काम करेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को विज्ञान और तकनीकी के युग में स्वयं को अपडेट कर बच्चों को भी अपडेट करना है तथा समर्पण भाव से राष्ट्र निर्माण की ओर प्रवर्त होना है।
राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी ऋतु दीदी ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज के सभी सेवाकेंद्रो पर नियमित रूप से आध्यात्मिक ज्ञान की शिक्षा दी जाती है। सभी जुड़े हुए भाई बहिन सुबह एक घंटा क्लास में आते है उसी प्रकार जैसे स्कूल में पढ़ाई होती है और जब रोज रोज सुनते है तो विचारों में सकारात्मक परिवर्तन आता है, जिससे व्यवहार में निर्माणता,सत्यता और सादगी आ जाती है। दूसरा यहां राजयोग मेडिटेशन होता है जिसके निरंतर अभ्यास से मन शक्तिशाली और शांत होता है। इसलिए आज ऐसी ही शिक्षा की आवश्यकता है जो हमारे आंतरिक सद्गुणों को जगाए।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की सहायक आचार्य मंजू सामरिया ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान नैतिक मूल्यों के साथ समाज को श्रेष्ठ दिशा देने का कार्य कर रहा है।
इस मौके पर डारड़ा हिन्द से महात्मा गांधी स्कूल की शिक्षिका गरिमा चौधरी ने भी अपना अनुभव बताते हुए कहा कि यहां पर बच्चों को शिक्षा के साथ मोरल वैल्यूज से जोड़ने के लिए प्रेरित किया है और यह सत्य है कि भारतीय संस्कृति की पहचान ही मोरल वैल्यूज है
इस मौके पर सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी अपर्णा दीदी द्वारा स्वागत पट्टिका, सम्मान पत्र व ईश्वरीय उपहार भेंट कर सभी का सम्मान किया।

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