बिलासपुर,छत्तीसगढ़ । इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट, बिलासपुर द्वारा “वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अनेक चिकित्सक, फिजियोथैरेपिस्ट, विद्यार्थी, समाजसेवी तथा विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी स्वाति दीदी ने कहा कि – फिजियोथैरेपी केवल शरीर को ठीक करने की चिकित्सा नहीं है, बल्कि यह मन और तन के बीच संतुलन स्थापित करने का एक साधन भी है। रोग केवल शारीरिक कारणों से उत्पन्न नहीं होते, बल्कि अनेक बार मानसिक तनाव, नकारात्मक सोच और असंतुलित जीवनशैली भी बीमारियों का मूल कारण बनते हैं। ऐसे में फिजियोथैरेपी एक सेतु का कार्य करती है, जो शरीर की गतिशीलता लौटाने के साथ-साथ आत्मबल और आत्मविश्वास को भी प्रबल करती है। आज की भागदौड़ और प्रतिस्पर्धा भरी जीवनशैली ने लोगों को मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर कमजोर किया है। युवा वर्ग मोबाइल, कंप्यूटर और इंटरनेट के अति-प्रयोग से अनेक शारीरिक समस्याओं का शिकार हो रहे हैं, वहीं बुजुर्ग पीढ़ी भी अनेक शारीरिक समस्याओं से पीड़ित है। ऐसे में फिजियोथैरेपी की भूमिका और भी अहम हो जाती है।
ब्रह्माकुमारी स्वाति दीदी ने बताया कि मन का तन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि मन शांत, सकारात्मक और प्रसन्न है तो शरीर भी स्वस्थ रहता है। लेकिन तनाव, क्रोध, ईर्ष्या या तनाव जैसी नकारात्मक भावनाएँ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती हैं। इसीलिए फिजियोथैरेपी के साथ-साथ ध्यान और राजयोग का अभ्यास करने से रोगी शीघ्र स्वस्थ हो सकता है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने जीवन में रोजाना कुछ समय सकारात्मक चिंतन और ध्यान के लिए अवश्य निकालें। यदि मनुष्य की सोच बदल जाए तो उसका स्वास्थ्य भी बदल सकता है। एक नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति बार-बार बीमार पड़ता है, जबकि सकारात्मक दृष्टिकोण वाला व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भी स्वस्थ बने रहने की क्षमता रखता है। इसी सोच के साथ फिजियोथैरेपिस्ट यदि अपनी सेवाओं में आध्यात्मिकता का समावेश करें तो रोगियों को न केवल स्वास्थ्य मिलेगा, बल्कि जीवन जीने का नया दृष्टिकोण भी प्राप्त होगा।
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट बिलासपुर शाखा की ओर से विश्व फिजियोथैरेपी दिवस पर वॉकथॉन (walkathon) का आयोजन किया गया। प्रोग्राम की अध्यक्षता आईएपी छत्तीसगढ़ अध्यक्ष डॉ प्रशांत चक्रवर्ती ने की और मुख्य अतिथि महापौर पूजा विधानी रही। कार्यक्रम सफल बनाने में आईएपी बिलासपुर अध्यक्ष डॉ उमेश भूवने, घोष फिजियोथेरेपी के डायरेक्टर विजेंद्र घोष, अपोलो हॉस्पिटल से डॉक्टर विक्रम साहू, डॉ पीयूष पांडे, डॉ रुहुल आमीन, आई ए पी की महिला प्रकोष्ठ से राज्य प्रमुख डॉक्टर गरिमा तिवारी, जिला सहसंयोजक डॉ नेहा द्विवेदी आदि के साथ बड़ी संख्या में शहर के वरिष्ठ फिजियोथैरेपिस्ट मौजूद रहे।
अंत में ब्रह्माकुमारी स्वाति दीदी को संस्था की ओर से सम्मानित किया गया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए आईएपी छत्तीसगढ़ अध्यक्ष डॉ प्रशांत चक्रवर्ती ने कहा कि दीदी का उद्बोधन सभी के लिए मार्गदर्शक और प्रेरक रहा। इस अवसर पर उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे न केवल अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखेंगे बल्कि समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में भी सहयोग करेंगे। अनेक फिजियोथैरेपिस्ट ने अपनी सेवाओं और अनुभवों को साझा किया।








