मुंबई- घाटकोपर , महाराष्ट्र। श्री गणेश चतुर्थी का दिव्य महोत्सव अत्यंत श्रद्धा, उत्साह एवं आध्यात्मिक भव्यता के साथ ब्रह्माकुमारीज़ पीस पार्क, पंत नगर, घाटकोपर (पूर्व) में 27 अगस्त से 6 सितंबर 2025 के बीच मनाया गया। इस अवसर पर “चैतन्य झांकी ” की अलौकिक प्रस्तुति ने श्री गणेश जी की दिव्यता को जीवंत कर दिया, जिसका प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। इस 11-दिवसीय उत्सव में आध्यात्म, संस्कृति और सामाजिक सेवा का सुंदर संगम देखने को मिला।
प्रतिदिन के कार्यक्रमों की झलकियाँ :-
पहला दिन – 27 अगस्त: ओम् ध्वनि और म्यूजिकल एक्सरसाइज: “ओम् ध्वनि” की दिव्य गूंज के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शांति का संचार हुआ। म्यूजिकल एक्सरसाइज के ज़रिए मन और शरीर को ऊर्जावान व शांत करने की क्रिया सिखायी गयी |
दूसरा दिन – 28 अगस्त: भजन संध्या: स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत श्री गणेश जी के भक्ति गीतों और मधुर भजनों की संध्या ने श्रद्धालुओं के मन को आल्हादित कर दिया, जिससे वातावरण श्रद्धा और शांति से सराबोर हो उठा।
तीसरा दिन – 29 अगस्त: गरबा डांस: पिंकी त्रिवेदी जी के निर्देशन में गरबा और डांडिया की रंगारंग प्रस्तुति हुई, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोगों ने आनंदपूर्वक भाग लिया।
चौथा दिन – 30 अगस्त: हल्दी-कुमकुम समारोह: यह कार्यक्रम विशेष रूप से महिलाओं की एकता और सशक्तिकरण को समर्पित रहा। 200 से अधिक महिलाओं ने पारंपरिक हल्दी-कुमकुम विधि में भाग लिया, साथ ही महिलाओं की सांस्कृतिक भूमिका पर आध्यात्मिक विचार साझा किए गए। कार्यक्रम के अंत में सभी को उपहार और जलपान प्रदान किया गया।
पाँचवां दिन – 31 अगस्त: मैजिक शो: गोल्डन मैजिक शो के इक़बाल जी ने अपने मनमोहक जादुई करतबों से बच्चों और परिवारों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
छठा दिन – 1 सितंबर: नि:शुल्क मेडिकल कैंप: इस दिन नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, विशेषज्ञ डॉक्टरों की सलाह और कैंसर जागरूकता सत्र (डॉ. दीप वोरा, ICTC द्वारा) का आयोजन किया गया।
सातवां दिन – 2 सितंबर: लेज़र शो: आधुनिक तकनीक और भक्ति का समन्वय करते हुए लेज़र शो के माध्यम से श्री गणेश जी की कथाओं को आकर्षक रोशनी, रंग और संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
आठवां दिन – 3 सितंबर: ‘लेजिम’ नृत्य प्रस्तुति: बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों द्वारा शास्त्रीय, लोक एवं फ्यूजन म्यूजिक से लेज़िम नृत्य प्रस्तुति से आध्यात्मिक जागृति और भक्ति का संदेश दिया।
नवां दिन – 4 सितंबर: नशा मुक्ति जन-जागरूकता नाटक: समाज में व्याप्त विभिन्न प्रकार के व्यसनों के प्रभावों पर आधारित प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुतियाँ हुईं। इनका उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और राजयोग द्वारा आत्म-शक्ति से नशा मुक्त जीवन अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
दसवां दिन – 5 सितंबर: शिक्षक दिवस एवं खेल गतिविधियाँ: समाज निर्माण में शिक्षकों की भूमिका को सम्मानित करते हुए, इस दिन मनोरंजक खेल, सम्मान समारोह और प्रेरणादायक वक्तव्य आयोजित किए गए।
ग्यारहवां दिन – 6 सितंबर: चित्रकला एवं कला प्रतियोगिता: अंतिम दिन बच्चों और युवाओं ने “मेरे बाप्पा” विषय पर सुंदर चित्रों और कलाकृतियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा को दर्शाया।
प्रति दिन शाम 6:00 बजे से 9:00 बजे तक श्रद्धालु, कार्यक्रमों में सम्मिलित होने और श्री गणेश जी का दर्शन करने एकत्र हुए — माहौल शांति, भक्ति और आनंद से परिपूर्ण रहा। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, सामाजिक पहलों और आध्यात्मिक सत्रों के अद्वितीय संयोजन ने हर आयु के लोगों के लिए इस उत्सव को यादगार बनाया | कई प्रसिद्ध अतिथि — जिनमें राजनेता, पुलिसकर्मी और सामाजिक कल्याण संगठन समेत अन्य — भी इन कार्यक्रमों में भाग लेने आए।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी विष्णुप्रिया ने अपने संक्षिप्त व प्रेरणादायक संदेश में कहा कि सच्ची भक्ति आंतरिक शुद्धता, शांतिपूर्ण विचारों और आत्म-परिवर्तन में है। उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि हम श्री गणेश जी की भक्ति केवल विधियों से नहीं, बल्कि आत्मिक अवगुणों को मिटाकर और दिव्य गुणों को अपनाकर करें।
इस 11 दिवसीय भव्य उत्सव का आयोजन राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी शकु दीदी जी (प्रभारी, घाटकोपर सबज़ोन) एवं राजयोगी ब्रह्माकुमार निकुंज (आध्यात्मिक प्रेरक वक्ता, प्रसिद्ध स्तंभकार व मीडिया विंग के राष्ट्रीय समन्वयक) की प्रेरणाओं से हुआ।










