मुख पृष्ठWingsEducation Wingनरसिंहपुर: शिक्षक दिवस पर शिक्षक गणों का हुआ सम्मान ब्रह्माकुमारीज

नरसिंहपुर: शिक्षक दिवस पर शिक्षक गणों का हुआ सम्मान ब्रह्माकुमारीज

नरसिंहपुर,मध्य प्रदेश। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में शिक्षक गणों का सम्मान समारोह कार्यक्रम 7 सितंबर 25 को संध्या 6 बजे ब्रह्माकुमारीज दिव्य संस्कार भवन नरसिंहपुर में आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि भ्राता आर बी सिंहप्राचार्य पी जी कॉलेज, भ्राता जी एस पटेलप्राचार्य उत्कृष्ट विद्यालय, बहिन श्रीमती आशा नेमा प्राचार्य एम एल बी स्कूल, वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका ब्र कु कुसुम दीदी, ब्रकु डॉ जमीला दीदी जी माउंट आबू राजस्थान एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर जिला जिला संचालिका ब्रह्माकुमारी कुसुम दीदी ने कहा कि महान शिक्षाविद ,दार्शनिक एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्व पल्ली राधाकृष्णन जी ने कहा था कि हमारा जन्मोत्सव शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए। तो डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्मोत्सव के यादगार में यह 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
लंबे अरसों तक शिक्षक बन उनका एक ही वाक्य था कि राष्ट्र का निर्माण संसद में नहीं विद्यालय में होता है। उसका निर्माण करने वाला शिक्षक है। शिक्षक व गुरु का दर्जा सर्वश्रेष्ठ है। शिक्षक, गुरु, आचार्य राष्ट्र का निर्माण करने का आधार है।
एक व्यक्ति के निर्माण में संस्कार व संस्कृति आचरण में आ जाए इसके लिए मास्टर ही सहारा बनता है।
जैसे मां के गर्भ में बच्चे में संस्कार भर जाता है । जीवन ही उसका दर्पण बन जाता है।
ऐसे ही शिक्षक का दर्जा एक मां के समान है । मास्टर,मां + स्तर । अर्थात मास्टर।
शिक्षक का दर्जा भगवान के बराबर है।
आचार्य अपने आचरण से शिक्षा देते हैं इसलिए उनको भिन्न-भिन्न उपाधियों से नमन पूजन किया जाता है।
आगे दीदी ने कहा कि वर्तमान समय हम सब शिक्षकों के भी परम शिक्षक परम सद्गुरु परमपिता परमात्मा शिव प्रजापिता ब्रह्मा के तन में अवतरित होकर पुनः मानव मात्र को देव तुल्य बनाने का दिव्य कर्तव्य कर रहे हैं ।आइए हम सब शिक्षक भी उन परम शिक्षक परमात्मा शिव से राजयोग की ईश्वरीय शिक्षा प्राप्त कर मानव से देव तुल्य बनने का पुरुषार्थ करें ।
इन्हीं शुभ आशाओं के साथ एक बार पुनः आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

पीजी कॉलेज के प्राचार्य भ्राता आर बी सिंह ने कहा कि शिक्षक को भगवान तक का दर्जा दिया गया है। और सच पूछा जाए तो हमारे ग्रंथों में जब-जब भगवान अवतार लिए हैं, उन्हें भी अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए गुरु की आवश्यकता पड़ी है।
उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य भ्राता जी एस पटेल ने कहा कि शिक्षा में आध्यात्मिकता का समावेश करें ताकि ताकि हम अपने दायित्वों का निर्वहन भली-भांति कर सकें ।
हम अपने रिस्पॉन्सिबिलिटी को भली-भांति निभाएं। यह हमारा सुझाव है ।
सन्मुख बैठे शिक्षक बंधुओं से मैं आशा करता हूँ कि हम समाज के आशा एवं आकांक्षाओं के अनुरूप खरा उतरेंगे। धन्यवाद।

कन्याओं ने शानदार स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का सफल मंच संचालन भ्राता प्रमेश कौरव एवं आभार भ्राता मुकेश नेमा ने व्यक्त किया।

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