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माउंट आबू (ज्ञान सरोवर): हार्मनी हाल में ब्रह्मा कुमारीज की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन & रिसर्च फाऊंडेशन  के मेडिकल विंग द्वारा अखिल भारतीय सम्मेलन आयोजित किया गया

सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से करीब करीब 450 से अधिक डॉक्टर्स, मेडिकल कॉलेजेस के डीन तथा HOD आदि ने भाग लिया

म्मेलन का विषय था ” सेल्फ केयर एंड सेल्फ कंपैशन “

दीप प्रज्वलन द्वारा इस सम्मेलन का उद्घाटन संपन्न हुआ

माउंट आबू (ज्ञान सरोवर),राजस्थान: ब्रह्मा कुमारीज के अतिरिक्त महा सचिव राजयोगी करुणा भाई जी ने आज के सम्मेलन की अध्यक्षता की और कहा कि आप सभी भाई बहन  इस सम्मेलन में पहुंचे हैं क्योंकि आप यहां के आध्यात्मिक माहौल में शांति की अनुभूति करना चाहते हैं। राजयोग के अभ्यास से आप बहुत ही आसानी से शांति तथा पवित्रता की अनुभूति कर पाएंगे। आप सभी जितने भाई बहन यहां पधारे हैं वह सभी हमारे परिवार के ही सदस्य हैं। हम सभी का मूल वाक्य है वसुधैव  कुटुंबकम. हम लोगों को पूरी दुनिया को दुआ देना है और दवा देना है। दुआ देने की कला राजयोग से आती है। राजयोग से मन में मनुष्य मात्र के लिए दया करुणा  प्रेम सहयोग आदि की भावना भी पैदा होती है.जब एक बार राजयोग का अभ्यास करके आप अपने मन में इन सभी मूल्यों को भर लेंगे तो फिर आप अपने प्रोफेशन के साथ न्याय कर पाएंगे और रोगियों का भी कल्याण करेंगे। भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हम सभी को अपने खान-पान को भी शुद्ध करना चाहिए। 21 जून को हम विश्व योग दिवस तो मानते हैं मगर साथ ही साथ अब हम 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस भी मानते हैं। इस दिन हम अपने मन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग का गहन अभ्यास करते हैं।

आयुष तथा परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार श्री प्रताप राव जाधव ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित किया। आपने कहा की ब्रह्मा कुमारीज को सनातन संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में दुनिया में पहचान मिली है.संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस संस्थान को एक या दो बार नहीं बल्कि सात बार शांति दूत का पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। आप 4000 से भी अधिक शाखाओं की मदद से दुनिया के 140 से भी अधिक देशों में विगत 90 वर्षों से  मानवता के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। यह संस्था दुनिया को मानसिक तनाव से भी मुक्ति देने का काम अपने सम्मेलन माइंड बॉडी मेडिसिन के द्वारा करता चला आ  रहा है। अनेक प्रकार की स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान के लिए संस्थान ने पूरी दुनिया को राजयोग का प्रशिक्षण दिया है। आपने बताया कि अपने तन और मन के कल्याण के लिए राजयोग का ध्यान सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। मंत्री महोदय ने इस 51 वे माइंड बॉडी मेडिसिन कांफ्रेंस के आयोजन के लिए ब्रह्मा कुमारीज के प्रति आभार जतलाया।

ज्ञान सरोवर परिसर की डायरेक्टर राजयोगिनी प्रभा दीदी जी ने भी सम्मेलन के समक्ष अपना वक्तव्य रखा. आपने कहा कि गोताखोर सागर की जितनी गहराई में जाता है उतने ही विशाल रतन उसे प्राप्त होते हैं। यहां इस सम्मेलन में दी जाने वाली शिक्षाओं की जितनी गहराई में आप जाएंगे आपको उतने सुंदर आध्यात्मिक रतन मिलेंगे। आप सभी डॉक्टर को डबल डॉक्टर बनकर जाना है। आप सभी डॉक्टर तन का इलाज तो करते ही हैं मगर अब आप अपने सभी रोगियों के मानसिक इलाज के प्रति भी सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे और इस प्रकार से उनका सर्वांगीण विकास होगा।

जोधपुर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर गोवर्धन दत्त पुरी जी ने इस सम्मेलन को अपने शुभकामनाएं दी। आपने बताया कि ईश्वरीय ज्ञान के आधार पर ब्रह्माकुमारी संस्थान की स्थापना हुई है। हमें इस संस्थान से मेडिटेशन सीख कर जाना है. मानसिक असंतुलन से अनेक रोग पनपते हैं। मन को बीच-बीच में रेस्ट देकर हमें जीवन में संतुलन लाना है। मेडिटेशन के आधार पर हम अनेक बीमारियों का तथा व्यसनों  का इलाज कर सकेंगे। इस परिसर में पहुंचते ही हमें गहन शांति की अनुभूति होती है.ज्ञान सरोवर का यह परिसर अद्भुत है। आप सभी चिकित्सकों से अनुरोध है कि आप यहां से राजयोग मेडिटेशन सीखें और रोगियों का तथा मनुष्यों का सर्वांगीण कल्याण करें।

PGI चंडीगढ़ के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉक्टर विपिन कौशल ने भी अपनी बातें सम्मेलन के समक्ष रखी। आपने कहा कि हम सभी चिकित्सक अपने चिकित्सालय में तथा अपने विश्व विद्यालय में वहां के माहौल को पॉजिटिव बनाकर रखें। उस पॉजिटिव माहौल से ही आने वाले रोगियों का अपने आप उपचार होने लगता है। जब उन्हें मन में शांति की अनुभूति होती है तो वह स्वस्थ होने लग जाते हैं। हमें चिकित्सा के सभी मूल्यों को जैसे की प्रेम सहानुभूति करुणा दया आदि अपने मन में भरकर अपने पेशेंट का इलाज करना है। राजयोग ध्यान के अभ्यास से हमारे अंदर ऐसा बल आता है। ब्रह्मा कुमारीज ने इतना सुंदर आयोजन किया है इसके लिए उनको मैं आभार देता हूं।

ब्रह्मा कुमारीज मेडिकल विंग के चेयरपर्सन प्रख्यात कैंसर सर्जन डॉ अशोक मेहता ने इस सम्मेलन का लक्ष्य सभी के समक्ष प्रकट किया। हमारा लक्ष्य रहा है कि हम हेल्थ केयर प्रोफेशन से जुड़े हुए सभी डॉक्टर के जीवन में मूल्य की स्थापना करें.एक मूल्यवान डॉक्टर स्वास्थ्य चिकित्सा की तरफ पूर्ण ध्यान दे पता है।

माइंड बॉडी और मेडिसिन कार्यक्रम के सफलता के लिए सभी चिकित्सकों को श्रेष्ठ स्पिरिचुअल व्यवहार सीखना चाहिए.राजयोग ध्यान के अभ्यास से सहज रीति से हमारे जीवन में मूल्य का श्रृंगार होता है और हम समाज का कल्याण कर पाते हैं।

ग्लोबल हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट तथा ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के अतिरिक्त महासचिव डॉक्टर प्रताप ने ग्लोबल हॉस्पिटल द्वारा की जा रही सेवाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। आपने बताया कि सिरोही जिले के 40% से अधिक आदिवासी भील तथा गरासिया जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए अस्पताल कार्यरत है। अपने मोबाइल अस्पताल के माध्यम से इस जिले के दूर दराज के गांव में जाकर के भी संस्थान बीमार लोगों को इलाज प्रदान करता रहा है।

ब्रह्मा कुमारीज मेडिकल विंग के महासचिव डॉक्टर बनारसी लाल ने भी अपनी बातें रखी। अपने पधारे हुए सभी डॉक्टर का तथा अन्य प्रतिनिधियों का हार्दिक स्वागत किया।

मधुर वाणी ग्रुप ने अपने गीत संगीत द्वारा स्वागत किया। ग्लोबल अस्पताल के बीके श्रीनिधि ने आज के सम्मेलन का संचालन किया।

आयुष तथा परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार श्री प्रताप राव जाधव ने ब्रह्मा कुमारीज़ माउंट आबू का किया अवलोकन।

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