बेगूसराय, बिहार: त्रि-दिवसीय गहन योग अनुभूति भट्टी Relax , Recharge, Rejuvenate कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज़ बेगूसराय सेवा केंद्र ( प्रभु पसंद भवन ) के द्वारा तीन दिवसीय का कार्यक्रम बेगूसराय के पन्हास ग्राउंड रिसॉर्ट मे कराया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में इंदौर से पधारी आदरणीय बी.के पूनम दीदी जी (कंपनी सेक्रेटरी) थी।
प्रथम दिवस के सत्र में बी.के.पूनम दीदी जी के स्वागत के साथ-साथ सभी भाई – बहनों का स्वागत ताज एवं तिलक के द्वारा किया गया बी.के कंचन दीदी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया, तत्पश्चाप दीप प्रज्वलन के द्वारा भट्टी की शुरुआत की गई।
बेफिक्र बादशाह जीवन गहन योग अनुभूति के सत्र में दीदी के कुछ सेकंड अव्यक्त मुरलियों में से 10.03.1986 टाइटल है- बेफिक्र बादशाह बनने की युक्ति वाली मुरली की पॉइंट से शुरू किया सारी दुनिया कोई ना कोई फिक्र में है लेकिन आप सभी को अमृतवेले से बेफिक्र बादशाह बन दिन आरंभ करते हो, हर कार्य करते हो उन्होंने याद दिलाया
बेफिक्र बादशाह बनने की युक्तियां उन्होंने बताएं….
1. बाप के ऊपर जिम्मेवारी दे दिए तो बेफिक्र बादशाह हो गए
2. जिम्मेदारी बाप की है मैं निमित्त सेवाधारी हूं
3. मैं निमित्त कर्मयोगी हूं
4. सदा लाइट के ताजधारी बेफिक्र बादशाह हूं
5.बाप और मै तीसरा ना कोई फिर कमेंट्री के द्वारा दीदी जी ने अनुभव कराया कि बाबा वतन में बेफिक्र बादशाहों का आह्वान कर रहे हैं । बाबा की किरण पूरी बॉडी पर पड़ रही है इस तरह उन्होंने संपूर्ण निरोगी होने की अनुभूति कराई।
शरीर के लिए दीदी जी ने कहा कि कोई दिन बार काम करें और उसे प्रेम ना करें प्रशंसा ना करें तो क्या रहेगा,और इसी तरह अपने मित्र के तरह शरीर को भी प्रेम करें और प्रशंसा करें ।
तन ,मन ,धन, संबंध, संपर्क से बेफिक्र रहने के लिए उन्होंने सिखाया–
तन:- तन में बाबा की किरणें शक्ति फैल रही है बाबा चल रहा है।
मन:- जो हुआ अच्छा हुआ जो हो रहा है वह भी अच्छा और जो होगा वह श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ कल्याणकारी होगा।
धन:- ब्रह्मा बाप का भंडारा और शिव बाबा के भंडारे से खाते हैं।
कोई भी कार्य करते सदा स्मृति रहे “बड़ा बाबा बैठा” है तो स्थिति निश्चित रहेगी।
अगले सत्र का विषय था ब्राह्मण जीवन की safty एवं security
दीदी जी ने बताया कि ना धन हमारी सेफ्टी है, और ना बैंक बैलेंस हमारी सेफ्टी है ,ना पोस्ट पोजीशन हमारी सेफ्टी है अपने मस्तक पर बाबा के वरदानी हाथ यही मेरी सेफ्टी एवं सिक्योरिटी है।
वरदान की शक्ति आग जैसी परिस्थिति को भी पानी सामान शीतल कर देती है, पहाड़ जैसी समस्याएं भी रूई के समान हल्की हो जाती है।
जैसे टू- व्हीलर पर जाते हैं तो हेलमेट पहनना जरूरी होता है यही सेफ्टी का साधन है तो आपको कितना भी अर्जेंट हो कहीं भी जा रहे हो 2 मिनट के लिए यह वाला हेलमेट लगा लो बाबा का वरदानी हाथ मेरे मस्तक पर है यही मेरी सेफ्टी एवं सिक्योरिटी है तो कलयुगी दुनिया के कैसी भी वातावरण का वार आपके ऊपर नहीं होगा।
फिर सेफ्टी एवं सिक्योरिटी के लिए दीदी जी ने कहा कि बाबा ने 13.09.1995 की अव्यक्त मुरली में कहा है अपने को कभी भी अकेला नहीं समझना ।
कंबाइंड रूप की स्थिति से व्यक्ति और प्रकृति पर वार करने में संकोच होगा, आप एक कदम की दूरी पर भी सेफ हो जाएंगे ।।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय भाई-बहनें एवं विभिन्न क्षेत्र के ब्रह्माकुमारीज परिवार के लोग शामिल हुए और सभी ने आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया।









