करेली , मध्य प्रदेश। शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय, शुभम कॉलोनी स्थित प्रभु उपर भवन में एक अनोखी एवं प्रेरणादायी झांकी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बाल ब्रह्मचारिणी ब्रह्माकुमारी बहनों ने अपनी गहन साधना एवं राजयोग की शक्ति के माध्यम से स्वयं को देवी स्वरूपा के रूप में प्रस्तुत किया झांकी का अवलोकन करने वाले भावविभोर हुए और उन्होंने इसे मातारानी के अद्भुत साक्षात स्वरूप का प्रत्यक्ष दर्शन माना।
झांकी का शुभारंभ ब्रह्मकुमारीज की जिला संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कुसुम दीदी जी (दिव्य संस्कार भवन नरसिंहपुर ) की गरिमामय उपस्थिति में नगर के पत्रकार बंधुओं ने दीप जलाकर किया जिसमें प्रेस परिषद अध्यक्ष अनुज ममार, अमित जैन( संजय),देवेंद मंडलोई,मनोज लूनावत,अभिषेक जैन( राजा),भुजबल राजपूत सहित अन्य नागरिक भी उपस्थित रहे l
कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारियों ने मां दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती ,संतोषी, उमा और गायत्री के दिव्य स्वरूपों का जीवंत चित्रण कर यह संदेश दिया कि मानव जीवन उसके गुणों और कर्तव्यों के आधार पर ही श्रेष्ठ बनता है। जब मनुष्य दिव्य गुणों को अपनाता है तो वह देवतुल्य बन जाता है झांकी में यह दर्शाया गया कि कलियुग के अंतिम समय में जब मनुष्यात्माओं में आसुरी वृत्तियों प्रबल हो जाती हैं, तथ निराकार परमपिता परमात्मा शिव नारी शक्तियों का सूजन कर स्वर्णिम सुष्टि की स्थापना करते हैं। राजयोग साधना की शक्ति से तन और मन को स्थिरता की झलक श्रद्धालुओं ने प्रत्यक्ष अनुभव की। देवी स्वरूपा बनी ब्रह्माकुमारी बहने जड़ मूर्ति समान स्थिर खड़ी रहीं, जिनकी पवित्रता, शांति और शक्ति के प्रकम्पनों ने वातावरण को आध्यात्मिकता से भर दिया। श्रद्धालुओं ने इस अनोखी साधना और चमत्कार पर गहरी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा कि यह अनुभव अविस्मरणीय है। कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारियों ने भक्ति एवं ज्ञानमय वातावरण में यह प्रेरणा दी कि ईश्वर से प्राप्त ज्ञान और राजयोग का निरंतर अभ्यास ही मानव जीवन को सार्थक और श्रेष्ठ बना सकता है। इस झांकी में मां काली भी अपने रौद्र स्वरूप में रक्तबीज दैत्य का बध करते हुए नजर आ रही थी तो सम्मुख ही शीतल जल में पतित पावनी मां नर्मदा भी अपनी सवारी मगर पर विचरण करती हुई दिखाई दे रही थीl झांकी के मध्य रखे सुंदर हरे भरे पौधो के माध्यम से प्रकृति के प्रति भी सबका ध्यान आकर्षित किया गया l यह मनोहारी और अद्वितीय झांकी करेली नगर के धार्मिक-सांस्कृतिक इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी।








