आबू रोड, राजस्थान। राजयोगी बीके बृजमोहन भाईजी ने आज 9 अक्टूबर 2025 समय 10.25 को अपनी पुरानी देह का त्याग किया। ब्रह्माकुमारीज संस्था में महासचिव और वे लम्बे समय तक वरिष्ठ मार्गदर्शक के रूप में सक्रिय रहे। उनकी शिक्षाएं, प्रेरणादायक विचार आज भी लाखों लोगों के जीवन को मार्गदर्शन देती हैं। उनके योगदान के बारे में राजयोगी बृजमोहन भाईजी ने अपने जीवन में पवित्रता, निष्काम सेवा और राजयोग को अपनाकर ईश्वरीय मूल्यों की शिक्षा दी। संस्थान के प्रमुख प्रवक्ता और लेखा विभाग के प्रमुख के रूप में उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण उत्तरदायित्व निभाए। उनके प्रवचनों और कार्यक्रमों ने ब्रह्माकुमारीज के सिद्धांतों को लोगों तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई। उनकी आत्मा को शांति मिले, ऐसी कामना सभी अनुयायी और ब्रह्माकुमारी परिवार करते हैं । उनका जीवन और शिक्षाएं आगे भी मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत रहेंगी।



प्राण प्यारे अव्यक्त बापदादा तथा साकार मात-पिता और सर्व दादियों तथा ब्राह्मण परिवार के अति स्नेही यज्ञ के आधार स्तम्भ ब्रह्माकुमारीज़ के सेक्रेट्री जनरल तथा मैनेजमेन्ट कमेटी के कर्णधार एकाउन्ट डिपार्टमेन्ट के प्रमुख आदरणीय बृजमोहन भाई जी, जिनका स्वास्थ्य इस वर्ष जनवरी महीने से ठीक नहीं था। पहले काफी समय तक अहमदाबाद तथा ग्लोबल हास्पिटल माउण्ट आबू में उनका इलाज चलता रहा, उसके पश्चात आप दिल्ली ओ आर सी में स्वास्थ्य लाभ ले रहे थे।



आप सदा जागृत अवस्था में प्यारे बाबा के स्नेह में समाये रहते, प्रतिदिन मुरली का भी श्रवण करते और परिवार के सदस्यों को भी स्नेह भरी रूहानी नजर से निहाल करते। लेकिन ड्रामा की भावी 8 अक्टूबर को उनका स्वास्थ्य काफी बिगड़ने लगा उन्हें तुरन्त मानेसर के हास्पिटल में एडमिट किया गया। आज 9 अक्टूबर 2025 सतगुरुवार के दिन सवेरे 10 बजकर 25 मिनट पर अपनी भौतिक देह का त्याग कर बापदादा की गोद में समा गये।
कल शुक्रवार 5 बजे शाम तक उनके पार्थिव शरीर को ओ आर सी में अन्तिम दर्शन के लिए रखा जायेगा। 10 तारीख शाम 5 बजे मधुबन पाण्डव भवन के लिए प्रस्थान करेंगे, 11 तारीख को मधुबन पाण्डव भवन के हिस्ट्री हॉल में अन्तिम दर्शन के लिए रखा जायेगा। 12 अक्टूबर को चारों धामों की यात्रा कराने के पश्चात दोपहर में शान्तिवन लाया जायेगा। वहॉं श्रद्धांजलि कार्यक्रम के पश्चात सायं 4 बजे शान्तिवन के मुक्तिधाम के लिए प्रस्थान करेंगे।
ऐसी महान यज्ञ स्नेही समर्पित आत्मा को देश-विदेश का पूरा ब्राह्मण परिवार अपनी स्नेह श्रद्धांजलि अर्पित करता है।



एक चार्टर्ड अकाउंटेंट से लेकर एक वैश्विक आध्यात्मिक नेता तक की यात्रा, जो आत्मज्ञान और मानवीय मूल्यों का मार्ग प्रशस्त करती है।
बीके बृजमोहन भाई जी का जन्म 7 जनवरी 1934 को अमृतसर (प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल स्वर्ण मंदिर का शहर) में हुआ था। वे एक लोकप्रिय प्रेरक वक्ता, लेखक और प्रसारक थे। वे गहन आध्यात्मिक सत्यों को बुद्धि और हास्य के साथ प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते थे।
उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के महासचिव के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए अपना विनम्र और मिलनसार स्वभाव बनाए रखा। ब्रह्माकुमारीज एक वैश्विक आध्यात्मिक संगठन है जिसका मुख्यालय माउंट आबू, राजस्थान, भारत में है तथा पांचों महाद्वीपों के 110 से अधिक देशों में इसकी उपस्थिति है।
पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट, बी.के. बृजमोहन की आध्यात्मिक यात्रा 1953 में एक युवा कॉलेज स्नातक के रूप में शुरू हुई। भारतीय उर्वरक निगम (भारत सरकार का उपक्रम) में 17 वर्षों तक काम करने के बाद, उन्होंने 1973 में उप वित्त प्रबंधक के पद से इस्तीफा दे दिया और स्वयं को पूरी तरह से मानवता की आध्यात्मिक सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
बीके बृजमोहन ने व्याख्यान देने और राजयोग रिट्रीट आयोजित करने के लिए पाँचों महाद्वीपों की व्यापक यात्रा की। वे मॉरीशस में विश्व हिंदू सम्मेलन, दक्षिण अफ्रीका में अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक सम्मेलन और कज़ाकिस्तान में विश्व आध्यात्मिक संस्कृति मंच जैसे कई अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में प्रतिनिधि रहे। उन्होंने वर्ष 2000 में संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी और न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में बीके की मिलियन मिनट्स ऑफ़ पीस अपील परियोजना की प्रस्तुति में भी भाग लिया।
वे मानवीय मूल्यों के अथक प्रचारक थे और अपनी आठ दशकों की आध्यात्मिक यात्रा के दौरान उन्होंने देश भर में सामाजिक और आध्यात्मिक विषयों पर अनेक संगोष्ठियाँ आयोजित कीं। वे भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की मानवीय मूल्यों की शिक्षा संबंधी कोर समिति के सक्रिय सदस्य भी थे।
बीके बृज मोहन जॉलीवुड स्टूडियो, ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओआरसी), गुड़गांव के निदेशक थे और उन्होंने विभिन्न सामाजिक-आध्यात्मिक विषयों पर कई लघु फीचर फिल्मों का निर्माण किया।
योग्यताएं:
1953 में वाणिज्य (ऑनर्स) और 1955 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
1956 में चार्टर्ड अकाउंटेंट के रूप में योग्यता प्राप्त की।
पदभार:
ब्रह्माकुमारीज़ की महासचिव, वैश्विक मुख्यालय, माउंट आबू, राजस्थान, भारत
ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय, माउंट आबू के वित्त एवं लेखा विभाग प्रमुख
ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय, माउंट आबू के मुख्य प्रवक्ता
ब्रह्माकुमारीज़ मुख्यालय, माउंट आबू, भारत के शीर्ष निकाय और प्रबंध समिति के सदस्य
ब्रह्माकुमारीज़ की एक सहयोगी संस्था, ब्रह्माकुमारीज़ एजुकेशनल सोसाइटी की सचिव
सचिव, राजयोग शिक्षा एवं अनुसंधान फाउंडेशन (आरईआरएफ), नई दिल्ली और इसके राजनीतिज्ञ सेवा विंग की अध्यक्ष
ब्रह्माकुमारीज़ की दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रीय सेवाओं की प्रभारी निदेशक
प्रधान सलाहकार, ब्रह्मा कुमारिस ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओआरसी), जिला। गुड़गांव, हरियाणा
बीके बृज मोहन जी ने अपनी दिव्य अवस्था प्राप्त की और 9 अक्टूबर 2025 को अपना नश्वर शरीर त्याग दिया। वह 91 वर्ष के थे।











