विश्व शांति सेवा हेतु ब्रह्माकुमारीज़ अटलादरा में ‘बिलियन मिनट्स ऑफ़ पीस’ परियोजना का शुभारंभ
वड़ोदरा-अटलादरा,गुजरात: ब्रह्माकुमारीज़ के गुजरात जोन की सेवाओं के 60 वर्ष पूर्ण होने की हीरक जयंती के शुभ अवसर पर सारे गुजरात में किए जा रहे कार्यक्रम के अंतर्गत बड़ोदरा के अटलादरा सेवाकेंद्र में “बिलियन मिनट्स ऑफ़ पीस अपील-विश्व शांति परियोजना” का शुभारंभ किया गया। इस परियोजना में 24 अक्टूबर यूनाइटेड नेशन (UN) डे से 21 दिसंबर विश्व ध्यान दिवस तक संगठित रूप से विश्व को शांति का सहयोग देने की सेवा की जाएगी। इस अवसर पर सकारात्मक ऊर्जा से ओतप्रोत अनेक गणमान्य अतिथि, समाजसेवी, शिक्षाविद् और नागरिक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
पधारे हुए गणमान्य अतिथियों में1) हर हाईनेस राजमाता शुभांगिनीदेवी राजे गायकवाड़2) MS यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भालचंद्र भांगने जी 3) IMA के प्रेसिडेंट डॉ.मितेश भाई शाह जी 4) डिप्टी कमिश्नर सुरेश भाई तुवेर जी5) छात्र सांसद संस्थापक कुणाल भाई शर्मा6)
दिल्ली नोयडा से बीके डॉ प्रमोद कुमार जी की सम्मानित उपस्थिति में कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया गया।
इस परियोजना का उद्देश्य आज विश्व में अशांति और तनाव के बढ़ते वातावरण में समाज को आंतरिक शांति और ध्यान की ओर प्रेरित करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति से प्रतिदिन कम से कम पाँच मिनट और अधिक जो जितना भी चाहे उतना शांति के शुभ भाव मन में रखकर ध्यान और शुभचिंतन करने की अपील की गई है, ताकि 100 करोड़ मिनट शांति के सामूहिक अभ्यास से विश्व में शांति के वातावरण की लहर प्रवाहित हो और शांति के प्रवाह द्वारा सकारात्मक वातावरण निर्माण में सबके द्वारा योगदान दिया जा सके।
कार्यक्रम के आरंभ में राजमाता शुभांगिनीराजे गायकवाड़ एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर इस परियोजना का उद्घाटन किया।

बीके डॉ प्रमोद कुमार भाई ने शांति का लक्ष्य और उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि संबंध कामकाज करियर आदि जीवन के किसी भी क्षेत्र में सबसे पहली आवश्यकता शांति ही होती है और आज विश्व में सभी इसकी बहुत गहरी आवश्यकता महसूस कर रहे हैं। इसी शांति को सारे वैश्विक वातावरण मे फैलाकर एक सकारात्मक वातावरण बनाना इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य है। वातावरण की शांति को हम पीस कहते हैं लेकिन आंतरिक शांति को हम साइलेंस कहते हैं। जब हमारे अंदर साइलेंस की अनुभूति होती है तो बाहर पीसफुल वातावरण स्वाभाविक रूप से बनता है इस लक्ष्य के पीछे हमारा यह उद्देश्य है कि हम सभी प्रकृति एवं एक दूसरे को शांति व सद्भाव का सहयोग देने के संस्कारों को धारण करें क्योंकि यह प्रकृति का ही नियम है कि जो भी हम देते हैं कई गुना होकर वही हमें मिलता है और इन्हीं संस्कारों के माध्यम से जब हम शांति का सहयोग देंगे तो हमारे जीवन में भी खुशी और शांति कई गुना बढ़कर हम तक भी वापस आएगी और कई लोगों के जीवन में एक सहारे का अनुभव कराएगी।

राजमाता जी ने कहा कि विश्व शांति की शुरुआत आंतरिक शांति से होती है। हमारी आंतरिक शांति की प्रभा से ही संसार में सद्भाव और प्रसन्नता का वातावरण बनता है। इसीलिए वडोदरा के प्रत्येक नागरिक को इस सकारात्मक सेवा में अपनी हार्दिक शुभेच्छा के साथ सहभागी बनकर शांति के सहयोग की सेवा जरूर करनी चाहिए।

वीसी श्री भांगने जी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा की शांति एक बहुत प्रभावशाली गुण है अगर आप केवल 5 मिनट इसका अभ्यास करते हैं तो कुछ समय में आपको इसके इतने सकारात्मक प्रभाव अनुभव होते हैं की आप घंटों तक भी इसका अनुभव करके अपने मन को बहुत सशक्त और एक्टिव बना सकते हैं।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) प्रेसिडेंट डॉ मितेश भाई शाह ने कहा की शांति का यह अभ्यास सारे विश्व के लोगों के मन में वह चेतना जागृत कर सकता है जिसकी वजह से लोग और समाज कई गंभीर परिस्थितियों को आने से रोक सकते हैं और स्वयं को सुरक्षित कर सकते हैं। मैं 11 से अधिक संगठनों का नेतृत्व कर रहा हूं और मैं उन सभी संगठनों में इस प्रोजेक्ट अनुसार शांति का सहयोग देने की अपील करूंगा और इस तरह सकारात्मक आयोजनों में मैं संस्था के सहयोग के लिए हमेशा उपस्थित रहूंगा।

डिप्टी कमिश्नर श्री तुवेर जी ने कहा कि सभा में उपस्थित आप सभी जो इस वैश्विक शांति के शुभ कार्य में सहभागी बन रहे हैं आप सभी एक दिव्य आत्मा है जो एक अभूतपूर्व कार्य में साथी बनकर श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं।

कुनाल शर्मा ने अपने उत्साह पूर्ण वक्तव्य में कहा कि मैंने कुछ महीनों पहले पहली बार माउंट आबू ब्रह्माकुमारीज हेड क्वार्टर में जाकर मेडिटेशन का एक्सपीरियंस किया। उसके बाद से मेरी मेडिटेशन में रुचि और विश्वास बढ गया। तब से छात्र संसद लगभग जिन 25000 शैक्षणिक संस्थाओं और युवा संगठनों के साथ काम कर रहा है उन सभी जगहों के लिए हमने यह संकल्प किया है कि प्रभावी रूप से सबसे पहले हम सभी संस्थानों में जो नई शुरुआत करने जा रहे हैं वह मेडिटेशन ही होगी। आज सारे विश्व में हम जो अस्थिरता का माहौल देख रहे हैं उस समय विश्व को शांति का सहयोग देने के लिए मैं सर्वप्रथम ब्रह्माकुमारीज़ को कदम आगे बढ़ाते हुए देख रहा हूं इसलिए विगत अनेक वर्षों से संस्था द्वारा की जा रही निस्वार्थ सेवाओं के लिए मैं संस्था को बहुत बधाई देता हूं और आगे भी ऐसी सेवाओं के लिए संस्था के साथ हमेशा तत्पर रहूंगा।

सेवाकेंद्र इंचार्ज बीके डॉ अरुणा बहन जी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस चीज की जीवन में कमी होती है उसी चीज की डिमांड की जाती है आज सभी शांति चाहते हैं लेकिन शांति ही नहीं लेकिन खुशी प्रेम शक्ति और आनंद भी जीवन के अनिवार्य अंग है जो सभी को चाहिए लेकिन इसके लिए हमें यह देखना होगा कि इस लक्ष्य के लिए हमारे स्वयं के प्रयत्न क्या हैं। हमें यह स्वीकार करना होगा कि जो चीज हम पाना चाहते हैं वही एक दूसरे को देने के संस्कार स्वयं में हमें विकसित करने होंगे तभी हम स्वाभाविक रूप से स्वयं और समाज में शांति व खुशहाली ला सकेंगे। इसीलिए सभी को शांति के इस भागीरथी प्रयास में सहयोगी जरूर बनना चाहिए।सभी ने साथ मिलकर 5 मिनिट पुरे विश्व में शांति के वाइब्रेशन फेलाए |
कार्यक्रम का कुशल संचालन सेवाकेंद्र सहसंचालिका बी. के. पूनम दीदी ने किया। आगंतुक मेहमानों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए ब्रह्मा भोजन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।यह कार्यक्रम सभी को शांति की ओर एकजुट करने का एक संदेशवाहक क्षण था जिसमें सभी के मन में एक ही संकल्प था कि शांति के लिए कुछ मिनट समर्पित करें एक शांत वातावरण और समाज के निर्माण हेतु।
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