सोनीपत, हरियाणा : ब्रह्मा कुमारीज़ के सोनीपत रिट्रीट सेंटर में 9 नवंबर को उत्साह और उमंग भरे माहौल में दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम—डिवाइन विज़डम आर्ट गैलरी (Divine Wisdom Art Gallery) का उद्घाटन और प्रभु समर्पण समारोह—सम्पन्न हुए। इस अवसर पर पंजाब ज़ोन (जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड शामिल हैं) से हजारों की संख्या में भाई-बहनें साक्षी बनने के लिए उपस्थित थे।
डिवाइन विज़डम आर्ट गैलरी का उद्घाटन
सोनीपत रिट्रीट सेंटर में नव-निर्मित ‘डिवाइन विज़डम आर्ट गैलरी’ का उद्घाटन ब्रह्माकुमारीज़ की जॉइंट चीफ आदरणीय सुदेश दीदी जी और सोनीपत के विधायक (MLA) भ्राता निखिल मदान जी के कर कमलों द्वारा किया गया।

सोनीपत रिट्रीट सेंटर डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन जी ने बताया कि सोनीपत के एक ‘एजुकेशन हब’ होने के कारण, इस म्यूजियम का निर्माण इसलिए किया गया है ताकि यूथ, समाज और परिवारों के जीवन में दिव्यता और चरित्र की श्रेष्ठता लाई जा सके।
मुख्य अतिथि निखिल मदान जी ने गैलरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रेरणा देती है और जीवन में बदलाव लाने की सीख देती है। उन्होंने विशेष रूप से गैलरी के अंत में रखे खाली सिंहासन—”स्वर्ग में एक सीट खाली है”—के संदेश को अत्यंत प्रेरणादायक बताया।
12 कन्याओं का प्रभु समर्पण समारोह
आज का दूसरा और मुख्य कार्यक्रम 12 ब्रह्माकुमारी कन्याओं का समर्पण समारोह था। ये कन्याएं शिक्षित और संपन्न घरों से आती हैं। उन्होंने किसी दबाव या अभाव के कारण नहीं, बल्कि स्वेच्छा से ईश्वरीय सेवा के लिए अपने जीवन को समर्पित करने का दृढ़ संकल्प लिया है।

अमर साजन से हुआ विवाह
इस समारोह को शिव साजन के साथ कन्याओं का स्वयंवर (विवाह) कहा गया। जॉइंट चीफ आदरणीय सुदेश दीदी जी ने अपने 68 वर्षों के अनुभव से बताया कि इन कन्याओं ने अमर और अविनाशी वर को चुना है, जिससे वे कभी विधवा नहीं होंगी और उनके माता-पिता की सारी चिंताएं समाप्त हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि यह जीवन दुनिया से भागने वालों का नहीं है, बल्कि प्राप्ति करने वालों और ‘वाह-वाह’ के गीत गाने वालों का है।
समारोह के दौरान, समर्पित होने वाली कन्याओं ने शिव के ज्योतिर्लिंगम स्वरूप को वरमाला पहनाकर अपने जीवन को बलिहार किया। कन्याओं के माता-पिता ने स्वीकृति पत्र पढ़ा।
डॉ. प्रताप मिड्ढा जी (एडिशनल सेक्रेटरी जनरल) ने कन्याओं को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने दिव्य बुद्धि के वरदान से शिव बाबा को साजन, माता, पिता, बंधु, और सखा के रूप में अपनाकर अपने जीवन को भरपूर बना लिया है। सभागार में मौजूद सभी सहभागियों ने कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प लिया।








