तिलक एवं पट्टा पहनाकर बुजुर्गों का किया गया सम्मान
खजुराहो, मध्य प्रदेश। कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर एवं बुजुर्गों को गौरवपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हुए ब्रह्माकुमारी नीरजा बहन ने कहा की बुजुर्ग बोझ नहीं, बल्कि हमारे घर के वैध होते हैं क्योंकि कुछ भी दर्द हो रहा हो तो उनके पास कुछ ना कुछ ऐसे नुक्से होते हैं, जिससे हम उस बीमारी से, उस समस्या से सहज ही छुटकारा पा सकते हैं। बुजुर्ग ही हैं जो अपने अनुभव द्वारा हमें आगे बढ़ाने की प्रेरणा देते हैं। हम पढ़ लिखकर बहुत ऊंची डिग्रियां तो प्राप्त कर सकते हैं, किंतु अनुभव, परंपराएं, संस्कृति हमें बुजुर्गों से ही सीखने को मिलती हैं ।साथ ही बताया कि हमारे घर में बुजुर्ग आधारशिला है और इस आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं।
बुजुर्गों के लिए भी कहा कि आप भी आर्थिक रूप से सशक्त रहे अगर आपके पास कुछ ना कुछ पूंजी होगी, धन होगा ,वस्तु होगी तो आपकी सभी सेवा भी करेंगे और पूछेंगे भी इसीलिए मोह वश आप अपना सब कुछ बच्चों को ना दे दें। बल्कि खुद अपने पास एक हिस्सा जरूर रखें ताकि आपका भी सम्मान बना रहे ,और आपकी सेवा होती रहें ,और साथ ही बताया कि अगर आप कोई भी कार्य करने में सक्षम नहीं है, शारीरिक रीति से आप कोई कार्य नहीं कर सकते हैं तो मन से अपने बच्चों के प्रति अपने परिवारजन के प्रति शुभ भावनाएं देते रहें, और साथ ही साथ कम से कम बोले क्योंकि कहीं ना कहीं आज की पीढ़ी हमारे बातों को सुन नहीं पाती और उन्हें रोकना टोकना पसंद नहीं आता इसलिए आप उनके बारे में शुभभावना रखें और शांत रहकर भगवान को याद करें। मेडिटेशन करें ताकि आपका मन शांत रहें ,स्थिर रहें और आपका जीवन सुखमय बना रहें , सम्मान् बना रहें ।
कार्यक्रम के अंत में सभी को पत्रिका भेंट करके प्रसाद भी दिया गया।







