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भोरा कलां: प्राचीन भारतीय संस्कृति को जागृत कर रहा है ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान – वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद

चुनौतियों को अवसर में बदलें – आशा दीदी
– सुरक्षा बलों के तीन दिवसीय स्व-सशक्तिकरण कार्यक्रम का समापन
– कार्यक्रम में देश के रक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े 20 संगठनों के 400 से अधिक अधिकारी हुए शामिल

– ब्रह्माकुमारीज़ के सुरक्षा सेवा प्रभाग की रजत जयंती के अंतर्गत पर हुआ आयोजन

भोरा कलां, हरियाणा। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के भोड़ाकलां स्थित ओम शांति रिट्रीट में सुरक्षा बलों के तीन दिवसीय स्व-सशक्तिकरण कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम के समापन सत्र में बोलते हुए भारतीय नौसेना में सेवारत वाइस एडमिरल ए.एन. प्रमोद ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ प्राचीन भारतीय संस्कृति को पुनः जागृत कर रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य तभी सफल होता है, जब उसमें 100 प्रतिशत समर्पण भाव हो। वो तभी आता है जब सकारात्मक दृष्टिकोण हो। आध्यात्मिक चिंतन ही व्यक्ति में सकारात्मक भाव पैदा करता है।

भारतीय नौसेना के सेवानिवृत वाइस एडमिरल सूरज बेरी ने कहा कि निर्णय तभी सही होता है, जब दिल और दिमाग का बैलेंस होता है। उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रमादित्य का नेतृत्व करना उनके जीवन का बेहतरीन अवसर था। आईएनएस नौसेना का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, दिल्ली के अतिरिक्त सचिव अक्षय जोशी ने कहा कि व्यक्ति अपनी 10 प्रतिशत क्षमता का ही उपयोग करता है। 90 प्रतिशत क्षमता उसके अंदर छिपी है। जिसे आध्यात्मिक शक्ति से ही जागृत किया जा सकता है।

ओआरसी की निदेशिका राजयोगिनी आशा दीदी ने कहा कि बाहरी शत्रुओं से तो हम इसलिए लड़ते हैं क्योंकि वो दिखाई देते हैं। लेकिन आत्मा में कुछ ऐसे शत्रु प्रवेश कर गए हैं, जो दिखाई नहीं देते। आध्यात्मिक ज्ञान के द्वारा ही हम उन्हें समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में चुनौतियां न हों ये हो नहीं सकता। वास्तव में चुनौतियां अवसर हैं। चुनौतियां हमें शक्तिशाली बनने के लिए प्रेरित करती हैं। हम तभी सशक्त हो सकते हैं जब स्वयं के साथ समय बिताएं। आध्यात्मिकता ऐसा माध्यम है जो हमें स्वयं से जोड़ता है।

इस अवसर पर संस्थान के सुरक्षा सेवा प्रभाग की उपाध्यक्ष राजयोगिनी राजयोगिनी शुक्ला दीदी एवं संस्थान के मुख्यालय माउंट आबू से आए भारतीय वायु सेना के पूर्व सेवानिवृत स्क्वाड्रन लीडर अशोक गाबा ने भी अपने विचार रखे।

नौसेना के कैप्टन शिव सिंह ने तीन दिन तक चले कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि तीन दिन के अंदर राजयोग सत्र के साथ-साथ अनुभवी वक्ताओं द्वारा अनेक विषयों पर गहरी जानकारी दी गई। कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के माध्यम से भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम सुरक्षा सेवा प्रभाग की रजत जयंती के अंतर्गत आयोजित हुआ। ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा सन 2000 में सुरक्षा सेवा प्रभाग की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि ये कार्यक्रम भारत सरकार के सहयोग से होते हैं। जिसमें देश के रक्षा एवं सुरक्षा विभाग द्वारा चयनित अधिकारियों एवं जवानों को भेजा जाता है। मंच संचालन बीके सारिका ने किया। भारतीय रक्षा एवं सुरक्षा सेवाओं के 400 से भी अधिक अधिकारी कार्यक्रम में शामिल  हुए।

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