– बाल कलाकारों ने कमला दीदी की जीवनगाथा को नृत्य नाटिका द्वारा प्रस्तुत कर भावुक कर दिया…
– पूरे इन्दौर जोन के भाई-बहन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.
– जोन की वरिष्ठ बहनों ने कमला दीदी के साथ के अपने संस्मरण सुनाए…
रायपुर,छत्तीसगढ़: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की पूर्व क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी की प्रथम पुण्यतिथि श्रद्घापूर्वक मनायी गई। शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में आयोजित इस कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान के बाल कलाकारों ने कमला दीदी की जीवनगाथा और सेवाओं को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत कर सभी को भावुक कर दिया।
नृत्य नाटिका के संवाद, कहानी, नृत्य और गीत संगीत आदि सब कुछ अत्यन्त दर्शनीय और आकर्षक था। बच्चों ने बहुत ही सधे हुए अन्दाज में नृत्य नाटिका विजयपथ का मंचन कर कमला दीदी के जीवन वृत्तान्त को मंच पर जीवन्त कर दिया।
नृत्य नाटिका में भाग लेने वाले कलाकार थे- कु. इन्द्राणी साहू, कु. टीकेश्वरी साहू, कु. करूणा साहू, कु. अनन्या यादव, कु. अक्षिता श्रीवास्तव, कु. दीक्षा साहू, कु. परिणीता साहू, कु. नीलम साहू, कु. लावण्या, कु. मनीषा साहू, कु. बबीता साहू, कु. देविशा साहू, कु. पंछी साहू, कु. पलक गोदेजा, कु. वर्षा साहू, कु. साक्षी साहू, कु. हिमांशी साहू, कु. सम्पदा अग्रवाल, कु. पूनम द्विवेदी, कु. रश्मि साहू, कु. वैशाली साहू, कु. मुस्कान, कु. पलक आदि।
ब्रह्माकुमारी कमला दीदी को सेवाओं की बहुत अधिक लगन रहती थी- ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी
इस अवसर पर बोलते हुए क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि कमला दीदी सदैव उमंग-उत्साह से भरपूर रहती थी। ईश्वरीय सेवाओं के प्रति गहरी रूचि थी। उनका लक्ष्य रहता था कि सभी मनुष्यों तक परमात्मा का सन्देश पहुंचे। उनका जीवन नियम और मर्यादाओं से सम्पन्न था। वह ममतामयी होने के साथ ही अनुशासन को भी उतना ही महत्व देती थीं। अपने से उम्र में छोटे लोगों को भी बराबर सम्मान देती थीं। अपने गुणों और विशेषताओं के बल पर वह आगे बढ़ी।
भिलाई केन्द्र की निदेशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने कहा कि कमला दीदी इस दुनिया में रहते हुए भी सबसे न्यारी और प्यारी थीं। वह बहुत ही निर्माणचित्त होकर रहीं। कभी उनके अन्दर अहंकार नहीं आया। वह कहती थी कि कुछ भी हो जाए लेकिन जीवन में खुशी कम न हो।
जबलपुर केन्द्र की निदेशिका ब्रह्माकुमारी विमला दीदी ने कहा कि बीता हुआ कल कभी वापिस नहीं आता है सिर्फ यादें ही रह जाती हैं। कमला दीदी के साथ वह रायपुर में जब पहली प्रदर्शनी लगी तब से उनके साथ रही उन्होंने दीदी से बहुत कुछ सीखा। कमला दीदी का समूचा जीवन ईश्वरीय सेवा के लिए समर्पित रहा।
कार्यक्रम में बालाजी हास्पीटल के डायरेक्टर डॉ. देवेन्द्र नायक, धमतरी की संचालिका ब्रह्माकुमारी सरिता दीदी, जगदलपुर की संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजूषा दीदी, अम्बिकापुर की संचालिका ब्रह्माकुमारी विद्या दीदी और बिलासुपर संचालिका ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने भी अपने संस्मरण सुनाए। कार्यक्रम का संचालन रायपुर संचालिका ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने किया।









