नासिक में आत्मनिर्भर किसान मेला संपन्न

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नासिक में आत्मनिर्भर किसान मेला  संपन्नहजारों किसानों ने लिया शाश्वत योगिक खेती एवं जैविक खेती का मंत्र
शाश्वत योगिक खेती एक सुंदर पर्याय बनकर सामने आया है- ब्रह्माकुमार राजूभाई जी

बांस की खेती एक बहुत ही सरल, सस्ता और सहज उत्पाद है और किसानों को इस लाभदायक खेती में योगदान देना चाहिए – पाशा भाई पटेलहमें योगिक खेती करके असाध्य रोगों से अपनी और अपने समाज की रक्षा करनी चाहिए – बालासाहेब रूगे


पिंपलगांव,महाराष्ट्र : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, नासिक मे 23 अप्रैल को प्रमिला लॉन में भव्य आत्मनिर्भर किसान सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पाशा भाई पटेल, माउंट आबू से राजयोगी राजू भाईजी, इचलकरंजी से कृषि विशेषज्ञ बालासाहेब रूगे , कृषि अधिकारी धनंजय वार्डेकर, सह्याद्री फार्म के विलास शिंदे, पुणे उप-क्षेत्र निर्देशिका ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी, नासिक उप-क्षेत्र की मुख्य निर्देशिका ब्रह्माकुमारी वासंती दीदीजी, सरपंच पिंपलगांव अलकताई बनकर आदि मान्यवरने इस अवसर पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
मुख्यालय माउंट आबू से विशेष रूप से उपस्थित कृषी एवम ग्राम विकास प्रभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमार राजू भाई जी ने कहा की आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है  लेकिन  क्या  हम सच्चे अर्थ मे  आजाद  है ? हम देख रहे है,  आज किसान    व्यसनों, विकारों के, पुराने कुरीतियों के तथा रासायनिक खाद और कीटनाशको के  अधीन बनते जा रहा है। अधिक से अधिक उपज लेने की गोड मे किसान रासायनिक खाद्य का कीटकनाशक का उपयोग करता जा रहा है।  इससे समाज मे स्वार्थ वृत्ती और बिमारीया बढ़ती जा रही है। कॅन्सर  जैसे  लोगों ने तो  आतंक मचाया हुआ है। ऐसे में  शाश्वत योगिक खेती एक सुंदर पर्याय बनकर सामने आया है, जिस्मे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके जमीन को शक्तिशाली और फसल को  सुरक्षित रखा जाता है। साथ में हमारे अच्छे विचारों का  प्रयोग प्रकृतीके  ऊपर किया जाता है, जिसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आया है। इसी विधि से किसान सच्चे अर्थ मे आजाद हो सकता है।
प्रमुख वक्ता के रूप मे उपस्थित पाशा भाई पटेल  ने काहा….वैश्विक जलवायु परिवर्तन पर 4,000 पेज की रिपोर्ट तैयार करने के लिए 198 देशों के 500 वैज्ञानिक एक साथ आए थे।  इसके मुताबिक 2050 तक दुनिया के कई तटीय शहर, द्वीप और देश पानी में डूब जाएंगे। यदि हम भविष्य में अपनी पीढ़ी को अक्षुण्ण रखना चाहते हैं तो वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करना आवश्यक है। थर्मल पावर या कई अन्य माध्यमों से बड़ी मात्रा में CO2 वायुमंडल में छोड़ी जाती है। पाशा पटेल ने कहा कि इससे बचने  के लिए बांस की खेती बहुत उपयोगी है। भविष्य में बांस की खेती एक बहुत ही सरल, लागत प्रभावी और सहज उत्पाद है। किसानों ने बांस की खेती के तरफ अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 
इचलकरंजी के एक प्रायोगशील  किसान ब्रह्माकुमार बालासाहेब रूगे ने कहा क,  अपने  विचारो में  अलौकिक शक्ती  होती है|  इन विचारोके  प्रकम्पण से हम अपनी जमीन, बीज और फसलों को आध्यात्मिक स्पंदन देते हैं तो अच्छे विचारों से बेहतर पैदावार हो सकती है। जगदीश चंद्र बोस के अनुसार, पौधों में संवेदना होती है और अगर हम आध्यात्मिक सूक्ष्म शक्ति के माध्यम से अपनी मिट्टी के साथ फसल के बीज के बारे में बात करते हैं, तो निश्चित रूप से इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। धार्मिक दृष्टिकोण से, गीता, कुरान, बाइबिल और कई अन्य प्रमुख शास्त्रों ने हमें पौधों के प्रती तथा प्रकृति से प्रेम करना सिखाया है। तो हमें भी अपने  जमीन  बीज  तथा  उपज  को  आध्यात्मिक  प्रकरणों से  संजोना  चाहिए ऐसा रूगे भाई ने बताया|कृषि तज्ञ  धनंजय वर्डेकर ने कहा…रिफाइंड तेल सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है।  इसमें हेक्सिन नाम का पेट्रोकेमिकल होता है। इससे शरीर में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। इस तेल में मौजूद हेक्सिन भी एक कार्सिनोजेनिक रसायन है, जो कैंसर का कारण बन सकता है, इसलिए लाकडी के चक्की पारंपारिक रितीसे निकाला गया  तेल आपके शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। सह्याद्री फार्म के विलासराव शिंदे ने कहा कि जैविक और रासायनिक मुक्त कृषि समय की जरूरत है और हमें इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है।ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी जी ने सभा  में उपस्थित किसानों को   राजयोग ध्यान के माध्यम से आंतरिक दुनिया की यात्रा कराई ।तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए राजयोग के महत्व को समझाते हुए, नाशिक उप् क्षेत्र के मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी वासंती दीदीजी ने सभी से अपील की कि वे पास के ब्रह्मा कुमारी आश्रम में राजयोग का यह निःशुल्क कोर्स करें।कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मा कुमारी पुष्पा दीदी और ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने सूत्रबद्ध तरीके से किया। कोपरगांव की ब्रह्माकुमारी सरला दीदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।ब्रह्माकुमार ओंकार ने ईश्वर के स्नेह्का  गीत गाकर लोगों के बीच आध्यात्मिक ज्योति प्रज्वलित की। डी फोर  डांस एकेडमी  के संजय सोनार एवं ग्रुप ने उत्कृष्ट  नृत्य कि  प्रस्तुति देकर दर्शकों में देशभक्ति का जज्बा जगाया। संत सावता माली पतसंस्था के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश खोडे, अखिल भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष रमेश खोडे, शिवरुद्र फार्म के  संदीप उफाडे,  गेन कंपनीके  नोडल ऑफिसर संतोष वाघमारे,  स्मिथ  हर्ष अकॅडमीके  राजेश बेदमुथा, मांजरगाव सोसायटी  अध्यक्ष भास्करराव सोनवणे, सामाजिक कार्यकर्ते सुभाष सोनवणे, मविप्र  संस्था के  माजी संचालक दिलीप मोरे, सरपंच परिषदेके  राज्य समन्वयक प्रकाश महाले, पिंपलगांव बहुला पतसंस्था के  संचालिका भागीरथी नागरे, प्रयोगशील शेतकरी ब्रह्माकुमार रामनाथ भाई आदी को ब्रह्माकुमारी वासंती दीदीजी द्वारा सम्मानित किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत प्रभात फेरी से हुई। प्रभात  फेरी का उद्घाटन सरपंच अलकताई बनकर ने किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी, ब्रह्माकुमारी गोदावरी दीदी, ब्रह्माकुमारी मनीषा दीदी ब्रह्माकुमारी मीरा दीदी, ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी, ब्रह्माकुमारी नीता दीदी, ब्रह्माकुमारी अनीता दीदी, ब्रह्माकुमारी मंगल दीदी, स्वरूप दीदी, ब्रह्माकुमारी आरती दीदी उपस्थित थे। प्रभात फेरी का बेहतरीन संयोजन  ब्रह्माकुमार बालासाहेब सोनवणे ने किया ।सुबह के जुलूस में बड़ी संख्या में संगठन के साधक मौजूद रहे. प्रभात फेरी प्रमिला लॉन, स्टेट बैंक बाजार पेठ ग्राम पंचायत से फिर से पूरे गाँव के बाजार आदि से चलकर विभिन्न स्थानों से प्रमिला लॉन में  संपन्न हुई।

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