दैनिक सकाल समूह के संयुक्त तत्वावधान में ग्राम सेवकों के लिए एक दिवसीय संमेलन

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दैनिक सकाल के उत्तर महाराष्ट्र आवृत्ति के संपादक डॉ राहुल रनालकर,  कृषि मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष पाशा भाई पटेल, जिला पुलिस अधीक्षक सचिन पाटील, ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी ब्रह्माकुमार बालासाहेब  रुगे,ब्रह्माकुमारी वासंती दीदी जी, ब्रह्मा कुमारी पूनम दीदी, ब्रह्मा कुमार दिलीप भाई..  सेवक संघ अध्यक्ष कैलाश वाकचौरे झेडपी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अरुण अहिरे   ग्राम सेवक  पथ संस्था के अध्यक्ष  साहेबराव आगोवन, बापू आहिरे आदि मान्यवर.

नासिक-महाराष्ट्र: दैनिक सकाल समूह के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 अप्रैल को ग्राम सेवकों के लिए भी यहां के तिडके कॉलोनी मैं ग्राम सेवक भवन के छत्रपति शिवाजी महाराज सभागृह में कार्यक्रम रखा गया जिसमें दैनिक सकाल के उत्तर महाराष्ट्र आवृत्ति के संपादक डॉ राहुल रनालकर,  कृषि मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष पाशा भाई पटेल, जिला पुलिस अधीक्षक सचिन पाटील, ब्रह्माकुमारी सुनंदा दीदी ब्रह्माकुमार बालासाहेब  रुगे, ब्रम्हाकुमारी वासंती दीदी जी ग्राम सेवक संघ अध्यक्ष कैलाश वाकचौरे झेडपी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष अरुण अहिरे   ग्राम सेवक  पथ संस्था के अध्यक्ष  साहेबराव आगोवन, बापू आहिरे आदि मान्यवर उपस्थित थे

माउंट आबू के ब्रह्माकुमारी संस्था के  कृषी एवम ग्राम विकास प्रभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ब्रह्माकुमार राजू भाईजी ने कहा कि, आज हमारे सामने बिगड़ती पर्यावरण की स्थिति, ग्लोबल वार्मिंग, बढ़ती जनसंख्या और घटते वन आवरण जैसी चुनौतियाँ है । इससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ गया है। प्रकृति ने आज तक हमारी सेवा की है, और अब हमें सृष्टि का पोषण करते हुए संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता है। 

जिला पुलिस अधीक्षक सचिन पाटील,  ने कहा, बढ़ती पैदावार को देखते हुए रासायनिक खादों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है। लेकिन अब स्थिति को सामान्य करने के लिए कुल कृषि भूमि की एक निश्चित मात्रा से जैविक खेती शुरू की जानी चाहिए। पुलिस अधीक्षक सचिन पाटिल ने अपील की कि जैविक खेती की दर को धीरे-धीरे बढ़ाने का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि जैविक खेती करते हुए विपणन कौशल भी अर्जित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धीमा लेकिन सतत विकास हासिल किया जाना चाहिए। 

पाशा भाई  पटेल ने कहा – आपकी आने वाली पीढ़ी को जीवित रहने के लिए केवल  पैसे पर्याप्त  नहीं  है । इनका अस्तित्व जल और वायु पर होगा। बांस सबसे अधिक ऑक्सीजन युक्त पेड़ है और किसानों को भुगतान भी करता है। इसलिए पाशा पटेल ने अपील की कि हर गांव में नदी के किनारे बांस लगाया जाए। पुरानी कहावत है, “नदी को ढकने दो, पानी को बहने दो।” ऐसे में बड़ी संख्या में पौधे लगाने की जरूरत है। उन्होंने उपस्थित ग्राम सेवकों से मनरेगा के माध्यम से सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए इस खेती को करने की अपील की।

-बालासाहेब रूगे, योगिक खेती तज्ञ ने कहा –  विज्ञान और अध्यात्म के सही समन्वय से कृषि के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किया जा सकता है। योगिक खेती में अध्यात्म को खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि योग की मदद से उन्हें संतोषजनक आमदनी हुई है। 

ब्रह्माकुमारी  सुनंदादीदीजी ने कहा – ब्रह्माकुमारी का ग्रामीण विकास विभाग किसानों के स्वास्थ्य के लिए विभिन्न गतिविधियों को क्रियान्वित कर रहा है। आज किसान तनाव और व्यसन सहित कई अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। ऐसे में किसानों को जागरूक करने की कोशिश करते हुए उनके रहन-सहन के स्तर को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. इस आंदोलन में ग्रामसेवकों को भी अपना योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम का सूत्र संचालन ब्रह्माकुमारी पूनम दीदीने तो आभार प्रदर्शन ब्रह्मा कुमार दिलीप भाईने किया |  नाशिक उप क्षेत्रीय मुख्य संचालिका वासंती दिदिजी ने महेमानोको ईश्वरीय सौगात देकर सन्मानित किया | 

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