ग्लोबल समिट-2022 पर हुआ स्‍नेहिल सम्‍मेलन

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ग्‍लोबल समिट 2022 के संबंध में खरगोन जिले के तहसील झिरन्‍या में ब्रह्माकुमारीज़ संस्‍था द्वारा एक विशाल कार्यक्रम एवं ब्रम्‍हाभोजन का आयोजन किया गया ।

युद्ध ग्रस्‍त और घृणा से भरी दुनिया में  शांति के लिए आशा की किरण के रूप में उभर रहा है भारत

खरगोन,मध्य प्रदेश। आज दुनिया भर का सभ्‍य समाज, राजनीतिक अस्थिरता, सामाजिक विघटन और आर्थिक अनिश्चितता जैसेे भयंकर संकट से गुजर रहा है ।रूस ओर युक्रेन के बीच दुश्‍मनी ने  पुरी दुनिया को धक्‍का दिया है, बल्कि मानव सभ्‍यता को उन्‍मूलन के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह सिर्फ उनके घातक आविष्‍कार नहीं है जो विनाश का कारण बन सकते है,  लेकिन तेजी से खतरनाक ग्‍लोबल वार्मिंग और पारिस्थितिक असंतुलन कुछ अन्‍य कारक है जो पूरी मानव जाति को खत्‍म कर सकते है? युद्ध ग्रस्‍त और घृणा से भरी दुनिया में  शांति  और स्थिरता वापस लाने की आशा की किरण के रूप में अधिकांश देशो द्वारा भारत को एकमात्र  के  रूप में  देखा जा रहा  हैै। यह  भारत की  सदियों  पुरानी  नींव  और  आध्‍यात्मिकता  की  गहरी जड़े  है जिसने दिया है दुनिया को हिसंक युद्धों को  शांति  से  निपटने  का  आश्‍वासन।

यह बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्‍वरीय विश्‍व झिरन्‍या में आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अंतर्गत वैश्विक शिखर सम्मेलन (ग्लोबल समिट-2022) के तहत विश्वि शांति का अग्रदूत भारत विषय पर 11 सितम्‍बर 2022 को आयोजित एक स्‍नेहिल सम्‍मेलन कार्यक्रम में  अतिथियों  ने  कही। “विश्व शांति का अग्रदूत भारत” विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अतिथि के रूप में खरगोन से पधारी राजयोगिनी ब्रम्हााकुमारी किरण दीदी, पूर्व जनपद अध्‍यक्ष भ्राता प्रेम भाई, झिरन्‍या जनपद पंचायत के सीईओ भ्राता महेश पाटीदार जी, गांधीवादी जितेन्‍द्रसिंह तोमर जी, सरपंच बहन रमीला लखन मण्‍डलोई, पूर्व  विधायक श्री डावर जी, सिक्‍ख समाज के अध्‍यक्ष कन्‍नुसिंह भाटिया, राजयोगी ब्र.कु. प्रभाकर भाईजी, पूर्व प्राचार्य  भ्राता बी.एल. गुप्‍ताजी एवं अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे।

कार्यक्रम में उपस्थिति ब्र.कु. किरण दीदी ने बताया कि भौतिक सुख की चाहना में मानव का आध्यात्मिक विकास अवरूद्ध हो रहा है। आत्मिक बल के अभाव में नैतिक मूल्य कम हो रहे है। राजयोग ध्यान, ज्ञान और आत्म विश्वास ही ऐसे साधन हैं जिससे आत्मा को जागृत रखा जा सकता है। इससे ज्ञान ज्योति प्रज्वलित होती है और जीवन से अज्ञान का अंधकार मिट जाता है। उन्होंने बताया कि पुरूषोत्तम संगम समय साधना में लगे साधक को भोजन पर ध्यान रखने की आवश्यकता है। इसमें ब्रह्मा भोजन सहायक है।

           आपने बताया कि कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य सामाजिक और राजनीतिक शासन में मानवीय मूल्‍यों के बारे में जागरूकता पैदा करना, शांति और  अहिंसा के  मूल्‍यों को बढ़ावा देना, जिसमें मीडिया एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभताा है। भौतिक चेतना से आत्मिक चेतना में एक क्‍वांटम बदलाव लाने के लिए, एक स्‍थायी वातावरण सुनिश्चित करने में समाज की सकारात्‍मक और सक्रिय भूमिका को प्रोत्‍साहित करने के लिये, हिंसा मुक्‍त विश्‍व  की स्‍थापना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के चमत्‍कारों का उपयोग करना, महिलाओं को आनंद और खुशी के ध्‍वज वाहक के रूप में सम्‍मानित करना, युवाओं को रचनात्‍मक और सकारात्‍मक बदलाव के लिए प्रेरित करना है।  कार्यक्रम में मुख्‍य रूप से ग्राम के प्रसिद्ध व्‍यवसायी अजीत पालसिंह भाटिया भी उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि भ्राता प्रेम भाई जी ने बताया कि वर्तमान समय भारत उन्न त तकनिकी संसाधनों से युक्तक होता जा रहा है, लेकिन नई तकनीक के साथ हमे अपने आध्यात्मिक मूल्यों को भी जागृत रखना चाहिेए। उन्होंने कहा कि विश्व को शांति का दान देकर एकजुट करने वाली संस्था ब्रह्माकुमारीज पूरे विश्व को भारत की संस्कृति से परिचय करवा रही है।

भ्राता कन्‍नुसिंह भाटिया ने विशेष रूप से युवा वर्ग से राजयोग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। उन्होंने कहा कि राजयोग से व्यक्तित्व पर एक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे जीवन में शांति आती है और ऊर्जा बढ़ती है। यह हमें आंतरिक शांति प्रदान करता है जो वर्तमान में बहुत जरूरी है।ब्र.कु्. नेहा बहन ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान स्वागत नृत्य एवं परमात्‍मा शिव के अवतरण पर आयोजित नाटक से उपस्थित श्रोतागण झूम उठे। कार्यक्रम के समापन पर ब्रह्मा भोजन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन ब्र.कु. नेहा बहन  ने किया एवं आभार ब्र.कु. मोनु भाई ने किया।

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